मुख्यमंत्री, राज्यपाल, नागरिक उड्डयन मंत्री, मंडलायुक्त आजमगढ़, जिलाधिकारी आजमगढ़ को भेजा पत्र
खिरिया बाग, आजमगढ़। खिरिया बाग के किसानों और मजदूरों ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल, नागरिक उड्डयन मंत्री, मंडलायुक्त आजमगढ़, जिलाधिकारी आजमगढ़ को पत्र भेजा। किसानों और मजदूरों ने कहा कि प्रशासन के मौखिक और कागजी अंतर्विरोधों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर जमीन लेने वाली विस्तारीकरण परियोजना को रद्द करते हुए लिखित शासनादेश जारी किया जाए जिससे सुकून से जी सके। प्रशासन के मौखिक आश्वासन और प्रशासनिक कार्रवाई में जो अंतर है वह यह नहीं स्पष्ट कर पाता है कि बिना परियोजना रद्द हुए हमारी जमीन मकान जाने का खतरा कैसे समाप्त होगा।
पत्र में कहा गया है कि 24 जनवरी, 2023 को खिरिया बाग जमुआ में धरनारत किसानों और मजदूरों से वार्ता व खिरिया बाग में जिलाधिकारी ने खुद आकर मौखिक आश्वासन दिया कि विस्तारीकरण की परियोजना स्थगित की जाती है। जिस पर किसानों और मजदूरों ने कहा कि अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम पर विस्तारीकरण की परियोजना रद्द करने का लिखित शासनादेश दिया जाए और अवैध रूप से जमीन अधिग्रहण के लिए किए गए सर्वे को रद्द किया जाए। 2 फरवरी, 2023 को जिलाधिकारी कार्यालय में हुई वार्ता में किसानों और मजदूरों ने विस्तारीकरण की परियोजना रद्द करने की मांग के साथ अपनी मांगों को रखा। जिस पर जिलाधिकारी ने मौखिक आश्वासन को ही दुहराया। यह भी कहा कि 24 जनवरी की वार्ता के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में आगे नहीं बढ़े जिससे किसान माने कि सरकार की कोई योजना किसानों और मजदूरों की जमीन लेने की नहीं है। यही बात एसडीएम सगड़ी भी धरनास्थल पर आकर कहे। उन्होंने यह भी कहा कि विस्तारीकरण की परियोजना रद्द कर दी गई है। वहीं 13 फरवरी, 2023 को उपजिलाधिकारी सगड़ी द्वारा रामनयन यादव आदि द्वारा प्रस्तुत शिकायती प्रार्थनापत्र जो आयुक्त महोदय आजमगढ़ मंडल को संबोधित था, के विषय में कहा गया है कि प्रकरण की जांच तहसीलदार सगड़ी से कराई गई, उनकी आख्या के अनुसार मंदुरी एयरपोर्ट विस्तारीकरण हेतु शासन की मंशा के अनुरूप सर्वे कार्य किया गया है। ग्रामीणों द्वारा भूमि न देने के विरोध और धरना-प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों से कई दौर का वार्ता हो चुकी है, ग्रामीणों को शासनादेशों व नियमों के बारे में बार-बार बताया जा रहा है। ग्रामीणों को अवगत कराया गया है कि नियमानुसार भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी।
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किसानों मजदूरों ने प्रशासन की मंशा पर सवाल किया कि अगर परियोजना स्थगित करने की बात कर रहे हैं तो इसमें क्यों नहीं लिखा। जबकि किसानों और मजदूरों की मांग है कि परियोजना रद्द करने का लिखित शासनादेश दिया जाए। वहीं नियमानुसार भूमि अधिग्रहण करने की बात कही गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मौखिक आश्वासन और कागजी कार्रवाई में अंतर्विरोध है। बीते 30 जनवरी को एडवोकेट संदीप कुमार उपाध्याय व अन्य द्वारा महामहिम राज्यपाल महोदया उत्तर प्रदेश को संबोधित पत्र के प्रकरण की जांच तहसीलदार सगड़ी से कराई गई जिसमें एसडीएम सगड़ी यह बता रहे हैं कि सर्वे कार्य पूर्ण होने पर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। शासन द्वारा गजट होने के बाद किसानों की सहमति/ असहमति की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी। यहां प्रश्न है कि जब परियोजना 24 तारीख को स्थगित की जा चुकी है तो 30 जनवरी को गजट करने की बात क्यों की जा रही है। वहीं, नवंबर और जनवरी में मीडिया में व 30 दिसंबर, 2022 को जिलाधिकारी वार्ता में सर्वे का कार्य पूर्ण होने की बात कही गई तो 30 जनवरी को किस सर्वे के कार्य पूर्ण होने की बात की जा रही है।
रामनयन यादव, बिंदु यादव, नीलम, गणेश, नंदलाल, रामचंद्र यादव, रविंद्र यादव, रामशबद निषाद, घनश्याम यादव, रामू सरोज, चंद्रधारी, मुन्नीलाल, महेंद्र राय, राधेश्याम, चुन्नीलाल, प्रशांत आदि ने पत्र भेजा।
रामनयन यादव जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा (आजमगढ़) के अध्यक्ष हैं।