Sunday, May 19, 2024
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बोले किसान, इस बार हमें आश्वासन नहीं चाहिए, सरकार ने पंजाब में 16 तक इंटरनेट सेवाएं बंद की

पंजाब-हरियाणा सीमा पर हरियाणा प्रशासन द्वारा तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए किसान नेताओं ने किसानों के खिलाफ 'बल' प्रयोग करने के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों की आलोचना की। इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए थे। उन्होंने आंसू गैस के कुछ गोले भी दिखाए।

चंडीगढ़। तेरह फरवरी को जब नौ राज्यों के लगभग 200 किसान संगठनों का ‘दिल्ली चलो’ के हुंकार पर कल अचानक केंद्र सरकार मेहरबान हो गई थी। साथ ही तीन केंद्रीय मंत्रियों का चंडीगढ़ में किसान नेताओं से वार्ता की मेज पर देखा गया था। बैठक में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल रहे।

हालांकि, यह वार्ता बेनतीजा रही। आज एक बार फिर किसानों से वार्ता की जाएगी। वहीं, किसान नेताओं का कहना था कि हमारे मुद्दों को लेकर सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है। कोई ठोस प्रपोजल पर बात नहीं किया जा रहा है।

दूसरी तरफ, पंजाब के पटियाला, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब जिलों के कुछ इलाकों में गृह मंत्रालय के आदेश पर 16 फरवरी तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयी हैं।

किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर यह आदेश दिया गया है।

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मंत्रालय के आदेश के अनुसार, पटियाला में पुलिस थाना शत्राणा, सामना, घनौर, देवीगढ़ और बलभेरा, संगरूर में पुलिस थाना खनौरी, मूनक, लहरा, सुनाम, छाजली के तहत आने वाले इलाके तथा फतेहगढ़ साहिब पुलिस थाने के तहत आने वाले इलाके में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी।

मंत्रालय ने 12 फरवरी को दिए आदेश में कहा, ‘भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 7 के साथ दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम 2017 के नियम 2 के उप-नियम 1 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए और सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने के हित में और सार्वजनिक आपातकाल को टालने के लिए इन क्षेत्रों में 12 फरवरी, 2024 को शाम छह बजे से 16 फरवरी, 2024 को रात 11:59 बजे तक इंटरनेट सेवाओं के अस्थायी निलंबन का आदेश देना आवश्यक और समीचीन है।’

हरियाणा सरकार ने अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहगढ़ और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं पहले ही निलंबित कर दी हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के वास्ते कानून बनाने और कर्ज माफी सहित अपनी मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

हमें एमएसपी की गारंटी चाहिए : पंधेर

केंद्र सरकार की एक समिति के साथ बैठक से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए प्रधानमंत्री को समिति में शामिल तीनों केंद्रीय मंत्रियों से बात करनी चाहिए।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बनाने सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर यहां शाम पांच बजे किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे।

शंभू बॉर्डर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव पंधेर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मान ली जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री खुद प्रतिनिधिमंडल (बैठक के लिए आ रहे केंद्रीय मंत्रियों) से बात करें और किसानों की मांगों का समाधान करें। ‘हम चाहते हैं कि हमारी मांगें मानी जाएं।’

उन्होंने कहा, ‘या तो हमारी मांगें स्वीकार करें या हमें शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन करने की अनुमति दें।’

पंजाब-हरियाणा सीमा पर हरियाणा प्रशासन द्वारा तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए पंधेर ने किसानों के खिलाफ ‘बल’ प्रयोग करने के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों की आलोचना की। इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए थे। उन्होंने आंसू गैस के कुछ गोले भी दिखाए।

पंधेर ने दावा किया कि अर्धसैनिक बलों ने किसानों के खिलाफ हवा में फटने वाले आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया।

उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ बल प्रयोग के बावजूद किसान नेता बृहस्पतिवार को तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत करने जा रहे हैं। मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन का जिक्र करते हुए पंधेर ने आरोप लगाया कि सरकार ‘हमें (किसानों को) मणिपुर की तरह कुचलना चाहती है।’

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानून और ऋण माफी सहित अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के मकसद से ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

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