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किसान रहे ठनठनगोपाल : सरकारी खरीद और समर्थन मूल्य की कोई गारंटी नहीं

किसानों को लाभकारी मूल्य पर अपनी फसल बेचने की सहूलियत देने के लिए कृषि उपज मंडियों का निर्माण किया गया था, जिसका उद्देश्य था कि घोषित समर्थन मूल्य से कम पर यहां किसानों के फसल की खरीदी नहीं होगी। लेकिन अब देश में ऐसी कोई भी मंडी नहीं है, जहां इस बात की गारंटी हो। अनाज व्यापारियों को मंडियों से ही खरीदने की बाध्यता खत्म कर दिए जाने के बाद अब ये मंडियां बीमार हो गई है। इस तरह किसानों को न तो खरीद की, न समर्थन मूल्य की और न ही वितरण व्यवस्था की कोई गारंटी प्राप्त है। किसान लगातार परेशान हैं और आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाने को मजबूर हैं।

Salempur Loksabha : किसान राममन्दिर को नहीं MSP और किफ़ायती मूल्य पर खाद-बिजली-पानी को मान रहे हैं सरकार की उपलब्धि, जो है ही नहीं

चुनावी दौर में पूर्वाञ्चल के गांवों के किसान अपनी समस्याओं को लेकर खदबदा रहे हैं और पिछले दस वर्षों से सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार के खिलाफ गुस्से से भरे हैं। विगत वर्षों में किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर देशव्यापी आंदोलन चलाया लेकिन सरकार से कोई ठोस आश्वासन मिलने की बजाय उनका दमन ही किया गया। इन बातों से किसानों के भीतर एक आक्रोश जमा हुआ है और उन्होंने सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है।

 नफरत की राजनीति की हदें पार करती भाजपा क्या चार सौ पार पहुँचेगी या गर्त में जाएगी?

चुनावों में जब भी भाजपा के समक्ष संकट आता है तो वह सांप्रदायिकता की पनाह में चली जाती है। चूंकि कोई भी चुनाव आसान नहीं होता, इसलिए भाजपा मण्डल के उत्तरकाल के हर चुनाव में राम नाम जपने और मुस्लिम विद्वेष के प्रसार के लिए बाध्य रही।

मोदी की गारंटी में किसानों के लिए कुछ भी नहीं, पुराने वादे भी नहीं किए पूरे

भाजपा 'मुद्दों' की जगह 'मोदी' और 'जवान-किसान' की जगह 'हिन्दू-मुसलमान' से काम चलाना चाहती है। पहले किसान को एम.एस.पी. देने का वादा और उनकी आमदनी डबल करने का वादा कर मोदी जी फंस गए थे। इसलिए इस बार तय किया गया है कि कोई भी ऐसा वादा न किया जाए जिसका बाद में हिसाब देना पड़े।

PM Modi के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी नहीं हो रही MSP पर सरसों की खरीद, किसानों में नाराजगी

पिंडरा के ही चनौली बसनी के किसान राजनाथ पटेल सवाल उठाते हैं, ‘क्या यही अच्छे दिन हैं? क्या इसीलिए जनता ने मोदी जी को चुना था? आज तो किसान बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुका है। आज किसानों को MSP के नाम पर सिर्फ बेवकूफ बनाया जा रहा है। सरकार अगर एमएसपी दे रही है तो फसलों की खरीद के लिए क्रय केन्द्र क्यों नहीं खोल रही है।

किसान-मजदूर आयोग ने एजेंडा किया जारी, जानिए किसानों और मजदूरों की मांगें

किसान मजदूर आयोग ने 19 मार्च को किसानों एवं खेत मजदूरों के लाभ के लिए एक एजेंडा जारी किया है। संगठन ने सभी राजनीतिक दलों से इस एजेंडे को अपने घोषणापत्र में शामिल करने की अपील की है। 

किसान आंदोलन : सरकार ने किसानों को दिल्ली सीमा में रोकने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की  

13 फरवरी से चल रहे किसान आंदोलन 'दिल्ली चलो' के नारे के साथ चल रहा है। हरियाणा के शंभू सीमा पर एकत्रित किसान किसी भी कीमत पर दिल्ली पहुँचना चाहते हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर आज दिल्ली सीमा पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती को देखते हुए कहा कि सरकार ने इस किसान आंदोलन को राष्ट्रव्यापी मान लिया है। 

किसान आंदोलन में आए किसानों के घर पुलिस छापे मारकर महिलाओं-बच्चों को परेशान कर रही है

क्या सरकार किसानों को आतंकवादी मानती है जो अपने ही देश के शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड लगाकर उन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया है? गाँव...

राजतंत्र के शिकंजे में कसमसाता देश का लोकतंत्र

लोकतंत्र में चुनाव में जीते हुए लोग जब शासन व्यवस्था संभालते हैं, तो वे ऐसे नियम और कानूनों का प्रावधान करते हैं, जिससे कि लोगों का कल्याण हो सके। इन नियम कानूनों के लिए सरकार पूरी तरह से जनता के प्रति जवाबदेह होती है।

मिर्जापुर : सरकारी खरीद केंद्र न होने के कारण किसान एमएसपी से कम दाम पर बेच रहे हैं सरसों

किसान चाहते हैं कि सरसों भी तय की गई एमएसपी पर बिके। ब्लॉक और जिले स्तर पर सरसों के लिए कोई भी खरीदी केंद्र न होने से किसान खुले बाजार में औने-पौने दाम में सरसों बेचने के बाद खुद को छला हुआ महसूस कर रहे है

वे हमें दिल्ली नहीं आने दे रहे तो हम चुनाव में उनको भी गांव नहीं आने देंगे : राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा, ‘अगर वे दिल्ली नहीं आने दे रहे हैं तो चुनाव में हम भी उनको गांव नहीं आने देंगे। आंदोलन को कुचलने का काम करेंगे तो उन्हें गांव में कौन आने देगा? कील तो गांव में भी है।’

किसान आन्दोलन : आठ दिन में दो किसानों की मौत

किसान आन्दोलन को आज आठ दिन पूरे हो रहे हैं। इन आठ दिनों में दो किसानों की जान जा चुकी है। इस बीच सरकार और किसान संगठनों के बीच चार दौर की वार्ता हुई, जिसका कोई सार्थक परिणाम अभी तक न्हीं निकल पाया है।

चंडीगढ़ वार्ता में सरकार की ओर से पाँच साल के लिए एमएसपी देने का प्रस्ताव आया, किसान नेताओं ने स्वीकार नहीं किया

केंद्रीय मंत्री पीषूय गोयल ने कहा ‘हमने सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नाफेड को एमएसपी पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया है।’

पंजाब में भाजपा नेताओं के आवास घेरकर दबाव बनाया जाएगा : संयुक्त किसान मोर्चा

किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

बोले किसान, इस बार हमें आश्वासन नहीं चाहिए, सरकार ने पंजाब में 16 तक इंटरनेट सेवाएं बंद की

पंजाब-हरियाणा सीमा पर हरियाणा प्रशासन द्वारा तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए किसान नेताओं ने किसानों के खिलाफ 'बल' प्रयोग करने के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों की आलोचना की। इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए थे। उन्होंने आंसू गैस के कुछ गोले भी दिखाए।

किसान आंदोलन : संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

चिट्ठी में एसकेएम ने सी2+50 (पूंजी की इनपुट लागत+50%) के स्वामीनाथन फार्मूले के आधार पर सभी फसलों के लिए एमएसपी, खरीद की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं और स्मार्ट मीटर नहीं लगाने सहित अपनी मांगों का जिक्र किया है।

किसान आंदोलन: आज हो सकती है तीसरे दौर की बातचीत, केंद्र की पेशकश

एसकेएम के घटकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में दखल देने और किसानों के खिलाफ बल प्रयोग बंद करने का अनुरोध किया है और एसकेएम-एनपी से अलग-अलग लड़ाई बंद करने और 16 फरवरी की ग्रामीण और औद्योगिक हड़ताल का समर्थन करने के लिए कहा है।

13 फरवरी को दिल्ली में किसानों का मार्च, कूच करने की तैयारी में जुटे किसान

भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधूपुर) के अध्यक्ष और एसकेएम-एनपी के वरिष्ठ नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने चंडीगढ़ से फोन पर द हिंदू को बताया कि जिन नेताओं को चर्चा में शामिल होना चाहिए उन्हें गिरफ्तार करके केंद्र सरकार माहौल खराब कर रही है। उन्होंने कहा कि “एक तरफ, सरकार कह रही है कि वह चर्चा के लिए तैयार है। दूसरी तरफ, उन्होंने हमारे सैकड़ों नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है।

दिल्ली की सरहदों पर जुटेंगे देशभर के किसान, इस बार एमएसपी की गारंटी कानून बनवाने के लिए करेंगे संघर्ष

देश के किसान एक बार फिर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। प्रमुख मुद्दा ‘एमएसपी की गारंटी’ है। 13 फरवरी को दिल्ली के प्रमुख...

महाराष्ट्र विधानसभा में कृषि कर्ज माफी की मांग, बोनस और MSP का मुद्दा उठा

नागपुर, महाराष्ट्र (भाषा)। महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन बृहस्पतिवार को विपक्ष ने कृषि कर्ज माफी, धान की फसल पर बोनस और...

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