मिश्रा ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (जान-बूझकर चोट पहुंचाना), 504 (जान-बूझकर अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी) और अनुसूचित जाति एवं जनजाति निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दो लोगों के खिलाफ नामज़द प्राथमिकी दर्ज की है। एसएचओ ने कहा कि प्रारंभिक जांच में, हमें पता चला है कि लड़के को कथित तौर पर उन दो लोगों ने पीटा था जिन्हें लड़के पर उनके परिवार की एक नाबालिग लड़की पर अपमानजनक टिप्पणी करने का संदेह था।
उन्होंने कहा कि नाबालिग को पेशाब पीने के लिए मजबूर करने का दावा प्रारंभिक जांच में गलत पाया गया है। पीड़ित किशोर को शनिवार को मेडिकल जांच के लिए भी ले जाया गया। इस बीच पुलिस को आरोपी पक्ष की ओर से भी एक शिकायत मिली जिसमें आरोप लगाया गया है कि नाबालिग लड़का अपने दोस्त के साथ मिलकर आरोपी की नाबालिग बेटी पर अभद्र टिप्पणी करता था। मिश्रा ने बताया कि शिकायत का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने 14 वर्षीय लड़के और उसके एक नाबालिग दोस्त के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के आरोपों की पड़ताल की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिस किशोर की पिटाई करके उसकी भौं छीली गई, पेशाब पिलाई गई, मुँह में मिट्टी ठूंसी गई वह और उसका परिवार सहमा है। किशोर की हालत में पहले से सुधार तो है, लेकिन ठीक से बात नहीं कर पा रहा है। उसने पूरी घटना के बारे में बताते हुए कहा कि आरोपियों ने पकड़कर खूब पीटा। हमारे आगे जो लड़का जा रहा था, उसके बारे में पूछ रहे थे। खूब पीटने के बाद दूसरी जगह ले गए, वहाँ जब मैंने पानी मांगा तो उन लोगों ने मुँह पर पेशाब कर दिया। इस घटना से पूरा परिवार डरा हुआ है। पीड़िता की माँ और बुआ दहशत में हैं। माँ ने कहा कि मेरे बेटे के साथ बहुत गलत किया गया है। कहा कि विपक्षी धमकी दे रहे हैं।
जौनपुर (भाषा)। जिले के सुजानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में कुछ लोगों ने 14 वर्षीय दलित लड़के की कथित तौर पर पिटाई कर दी।सुजानगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) रोहित कुमार मिश्रा ने रविवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि लड़के के पिता ने शुक्रवार को शिकायत देकर आरोप लगाया था कि बृहस्पतिवार को गांव के कुछ लोगों ने उनके बेटे की पिटाई की और उसे पेशाब पीने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि हालांकि पेशाब पीने का आरोप सच नहीं पाया गया।