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ग्राउंड रिपोर्ट

गोवा के एक काजू बागान में हुआ भीषण विस्फोट, काजू बागान में कैसे पहुंचा विस्फोटक?

गोवा के एक काजू बागान के एक गोदाम में रखी जिलेटिन की छड़ें सोमवार रात करीब आठ बजे फट गईं, इस भीषण विस्फोट में किसी की जान तो नहीं गयी लेकिन धमाका बेहद जोरदार था जिसके बाद आसपास के मकानों में दरारें आ गयी हैं लेकिन सवाल यह है कि काजू बागान में विस्फोटक कैसे पहुंचा?

उत्तरी गोवा जिले के एक गांव में एक स्थानीय व्यवसायी के काजू बागान में हुए भीषण विस्फोट के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया है।

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अंसोलेम गांव में निजी काजू बागान के एक गोदाम में रखी जिलेटिन की छड़ें सोमवार रात करीब आठ बजे फट गईं।

इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन विस्फोट के कारण बागान के आसपास के कई मकानों में दरारें आ गईं और जहां विस्फोटक रखा गया था वह ढांचा ढह गया।

लेकिन सवाल यह है कि जिलेटिन की छड़ें काजू बागान में क्यों रखी गयी थीं?

स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि विस्फोट की आवाज चार किलोमीटर दूर स्थित वालपोई शहर तक भी सुनी गई।

क्या होती हैं जिलेटिन की छड़ें?

जिलेटिन एक विस्फोटक है। ये नाइट्रोसेल्यूलोज या गन कॉटन है, जिसे नाइट्रोग्लिसरीन या नाइट्रोग्लायकोल में तोड़कर इसमें लकड़ी की लुगदी या शोरा मिलाया जाता है। यह धीरे-धीरे जलता है पर बिना डेटोनेटर्स के विस्फोट नहीं कर सकता।

जिलेटिन की छड़ें सस्ती विस्फोटक सामग्री हैं जिनका उपयोग उद्योगों द्वारा खनन और निर्माण संबंधी कार्यों, जैसे संरचनाओं, सड़कों, रेल और सुरंगों आदि के निर्माण के लिए किया जाता है। इनका उपयोग डेटोनेटर के बिना नहीं किया जा सकता है।

तीन साल पहले फरवरी महीने में जिलेटिन की छड़ें  तब चर्चा में आयीं जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटिला के बाहर खड़े एक वाहन से 20 जिलेटिन की छड़ें बरामद हुई थीं।

अधिकारी ने कहा कि वालपोई पुलिस ने उत्तरी गोवा के सत्तारी तालुका के भिरौंडा पंचायत के अंसोलेम गांव में नसीर हुसैन जामदार के स्वामित्व वाले काजू बागान में विस्फोट के बाद सोमवार रात उसे हिरासत में ले लिया।

जिलेटिन की छड़ों के विस्फोट के बाद हालत क्या हैं?

भाषा से अधिकारी ने कहा, ‘बागान के जिस ढांचे में विस्फोटक रखे गए थे, वह पूरी तरह से ढह गया। विस्फोट का प्रभाव इतना जबर्दस्त था कि दो-तीन किलोमीटर दूर स्थित मकानों में दरारें आ गईं।’

पुलिस इसकी जांच कर रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक कैसे खरीदा गया?

पुलिस ने बताया कि शुरुआती जानकारी से पता चला है कि आसपास के इलाकों में स्थित स्टोन क्रशर संयंत्रों में जिलेटिन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस ने कहा कि पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और जांच के लिए फोरेंसिक टीम को बुलाया जाएगा और घटना की गहन जांच की जाएगी।

स्थानीय विधायक देविया राणे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

राणे ने सोमवार रात पोस्ट में कहा, ‘लोगों को सूचित किया जाता है कि हमें भिरौंडा पंचायत के अंसोलेम गांव में विस्फोट की सूचना मिली है, घटनास्थल पर किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और गहन जांच की जा रही है। जांच पूरी होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’

गाँव के लोग
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