वाराणसी। सर्व सेवा संघ की जमीन पर रेलवे के दावे के बाद शुरु हुए सविनय अवज्ञा सत्याग्रह के 48वें दिन आज उपवास रखा गया। आज ही वाराणसी दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए सर्व सेवा संघ ने पीएमओ से अनुरोध किया था। सर्व सेवा संघ का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री को एक पत्रक सौंपना चाहता था। पीएमओ से अनुमति नहीं मिलने के बाद पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सर्व सेवा संघ ने मांग पत्र राज घाट पर गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया।
प्रधानमंत्री के नाम सम्बोधित पत्रक गंगा में प्रवाहित करने के बाद सर्व सेवा संघ ने निर्णय लिया कि राजघाट परिसर पर जारी प्रशासनिक हमले के विरोध में 9 जुलाई को देश भर में सर्वोदय मंडल और सहयोगी संगठन एक साथ सत्याग्रह करेंगे।
वहीं अदालती लड़ाई के क्रम में सर्व सेवा संघ की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर 10 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड सिंह की बेंच सुनवाई करेगी।
अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने #सुप्रीमकोर्ट में गांधीवादी मूल्यों का प्रचार करने वाली संस्था सर्व सेवा संघ के सदस्यों द्वारा उत्तरी रेलवे द्वारा 12.90 एकड़ भूखंड पर बनी संरचनाओं को गिराने के निर्देश को चुनौती देने के मामले का उल्लेख किया है।
सीजेआई 10 जुलाई 2023 को सूचीबद्द pic.twitter.com/swRH3bdje2
— बार & बेंच – Hindi Bar & Bench (@Hbarandbench) July 7, 2023
प्रधानमंत्री हांडी के चावल का दाना समझ रहे हैं
प्रधानमंत्री द्वारा सर्व सेवा संघ प्रतिनिधिमंडल को समय नहीं देने के बारे में कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जब गांधी की विचारधारा खत्म होगी, तभी गोडसे की विचारधारा स्थापित होगी। सर्व सेवा संघ सिर्फ एक जमीन नहीं है। यह विचारों का प्रतीक है। अगर आज वे इस जमीन पर कब्जा कर लेंगे, तो भविष्य में वे किसी भी संस्थान पर कब्जा कर लेंगे। उन्होंने देखा कि यह हांडी में चावल का एक दाना है, जिसे वे दबाना चाहते हैं। अगर हम यहां नहीं दबे, तो पूरे हिंदुस्तान में नहीं दबेंगे। इनकी मनमानी रोकने के लिए सर्व सेवा संघ को हर हाल में बचाना होगा।
प्रधानमंत्री अपना रहे किसान आंदोलन वाला रवैया
प्रतिनिधमंडल को समय न दिए जाने पर सर्व सेवा संघ के कार्यक्रम संयोजक रामधीरज ने कहा कि प्रधानमंत्री और बनारस का सांसद होने के नाते नरेंद्र मोदी को हमसे मिलना चाहिए था। प्रधानमंत्री ऐसा कर सकते थे। हम लोगों को मिनट दो मिनट का समय देना उनके लिए कठिन नहीं था। शायद प्रधानमंत्री ये दिखाना चाहते हैं कि ये गांधीजन हैं, इनकी कोई ताकत नहीं है। किसान आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री ने जो रवैया अपनाया था, वही रवैया वे हम लोगों के साथ अपना रहे हैं। ऐसा करना उनकी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। उनकी ये सोच हो सकती हैं कि पहले गांधी को ख़त्म किया, अब गांधी विचारों को समाप्त करेंगे। इसके लिए गांधी संस्थानों को समाप्त करना आवश्यक है। गांधी संस्थानों को खत्म करने के लिए बिना किसी कानूनी कार्रवाई के सर्व सेवा संघ को जमींदोज कर देने से कानून से लोगों का भरोसा उठ जायेगा।
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संस्थान के महत्त्व के बारे में रामधीरज बताते हैं कि कोई इस संस्थान को अपने कब्जे में लेकर इसी संस्थान की भव्य इमारत बना सकता है। लेकिन उस भव्य इमारत में गांधी जी नहीं होंगे, विनोबा जी नहीं होंगे, जयप्रकाश जी नहीं होंगे, लाल बहादुर शास्त्री नहीं होंगे। यह परिसर आज जिस भी हाल में है लेकिन जीवंत है। यहां गांधी, विनोबा, जयप्रकाश, शास्त्री जी के विचार प्रतिबिंबित होते हैं।
मानसून सत्र में उठ सकता है सर्व सेवा संघ का मुद्दा
सत्याग्रह की आगामी रूप रेखा के बारे में सर्व सेवा संघ अध्यक्ष चंदन पाल ने बताया कि देश भर के सभी गांधीजनों को सूचित कर दिया गया है कि 9 जुलाई को अपनी-अपनी जगह पर सत्याग्रह करें। इसके अलावा सेवाग्राम स्थित मुख्यालय से सभी गैर-भाजपा सांसदों को अनुरोध पत्र भेजा जायेगा। पत्र के माध्यम से आग्रह किया जाएगा कि संसद के मानसून सत्र में सर्व सेवा संघ पर हो रहे प्रशासनिक हमले पर चर्चा हो। गौरतलब है कि गुरुवार को राजघाट परिसर में सर्वदलीय सभा हुई थी। सभा में शामिल सभी दलों ने आश्वासन दिया कि उनके प्रतिनिधि संसद में सर्व सेवा संघ के मुद्दे को उठाएंगे।
कलाकारों से भी किया जा रहा सम्पर्क
चंदन पाल ने बताया कि हमने संविधान में विश्वास रखने वाले सभी लोगों से आग्रह किया है कि वे भी सत्याग्रह करें। इसके अलावा मुंबई के हमारे साथी प्रयास कर रहे हैं कि सर्व सेवा संघ को बचाने के लिए जारी सत्याग्रह में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े वे लोग भी अपनी आवाज शामिल करें, जिन्हें लगता है कि सर्व सेवा संघ पर हमला गांघी विचारों पर हमला है। देश की विविधता को खत्म करने की साजिश है।
चंदन पाल ने बताया कि पटना और सिताब दियारा से एक वाहन यात्रा निकलेगी, जो सर्व सेवा संघ के राजघाट परिसर तक आएगी। चंदन पाल ने जानकारी दी कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सर्व सेवा संघ के समर्थन में राष्ट्रपति को पत्र भेजा है। सेवाग्राम स्थित सर्व सेवा संघ मुख्यालय से राष्ट्रपति को एक पत्रक पहले ही भेजा जा चुका है।
अशोक गहलोत से पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, योगेंद्र यादव, राजद सांसद मनोज कुमार झा सहित देश के कई गांधीजन और सामाजिक कार्यकर्ता सर्व सेवा संघ के समर्थन में आवाज उठा चुके हैं। बीएचयू के छात्र भी सर्व सेवा संघ पर पर कब्जे की नीयत का विरोध कर चुके हैं।
प्रियंका गांधी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि आज भाजपाई प्रशासन द्वारा सर्व सेवा संघ को अवैध बताकर कार्यवाही शुरु करना महात्मा गांधी जी के विचारों और उनकी विरासत पर एक और हमला करने की कोशिश है। हम इस अत्यंत शर्मनाक कार्यवाही की घोर निंदा करते हैं और संकल्प लेते हैं कि महात्मा गांधी की विरासत पर हो रहे हर हमले के खिलाफ डटकर खड़े रहेंगे। हमारे देश के महानायकों और राष्ट्रीय विरासत पर हमले को देश की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।
योगेंद्र यादव ने पंजाब केसरी में अपने लेख के माध्यम से सर्व सेवा संघ पर हमले को गांधी विरासत की हत्या बताया है। योगेंद्र यादव ने लिखा है कि- कुछ तो है गांधी में जो भाजपा के गले की हड्डी बना हुआ है। देश में भाजपा के नेता भले ही राष्ट्रपिता के हत्यारे का महिमामंडन कर लें, लेकिन विदेश में जाकर मोदी जी यह नहीं कह सकते कि मैं गोडसे के देश से आया हूं। प्रधानमंत्री को यह कहना ही पड़ता है कि मैं बुद्ध और गांधी के देश से आया हूं। जवाहर लाल नेहरू पर भले ही हिंदू विरोधी होने की झूठी तोहमत लगा दें, लेकिन इस सनातनी हिंदू महात्मा को कैसे गाली दें।
पहले गांधी की हत्या
फिर गांधी विचार की हत्या की कोशिश
अब गांधी विरासत की हत्या का षडयंत्र
हाल ही में गांधी विद्या संस्थान और सर्व सेवा संघ, बनारस पर सरकारी हमले और गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरुस्कार देने के निहितार्थ की व्याख्या करता मेरा लेख।
ऑनलाइन लिंक:… pic.twitter.com/S76JMyGNNH— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) July 4, 2023
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज कुमार झा ने रेलवे द्वारा सर्व सेवा संघ भवन के ध्वस्तीकरण की नोटिस साझा करते हुए लिखा है कि सर्व सेवा संघ अपने स्थापना काल से ही गांधीवादी वैचारिकी के प्रचार-प्रसार में संलग्न रहा है। राष्ट्रीय महत्ता के संस्थान के साथ इस प्रकार की कार्रवाई हमें मौजूदा सरकार की नीयत से परिचित कराती है। गांधी जी की हत्या के पश्चात उनके विचारों के प्रसार से जुड़ी संस्थाओं पर हमला! हे राम
सर्व सेवा संघ अपने स्थापना काल से ही गांधीवादी वैचारिकी के प्रचार प्रसार में संलग्न रहा है.राष्ट्रीय महत्ता के संस्थान के साथ इस प्रकार की कारवाई हमें मौजूदा सरकार की नीयत से परिचय कराती है. गांधी जी की हत्या के पश्चात उनके विचारों के प्रसार से जुडी संस्थाओं पर ऐसा हमला! #हेराम pic.twitter.com/KO2Kw21ri3
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) July 7, 2023
सर्व सेवा संघ पर कब्जे की कोशिश के विरोध में छात्रों ने बीएचयू के सिंह द्वार विरोध प्रदर्शन किया था। विरोध-प्रदर्शन के दौरान छात्र-छात्राओं ने कहा कि एक तरफ सावरकर और गोडसे को मानने वाले लोग हैं, दूसरी ओर महात्मा गांधी को मानने वाले। आज सावरकर और गोडसे को मानने वाले सत्ता पर काबिज हैं, इसलिए महात्मा गांधी की विरासत पर हमला किया जा रहा है।
9 जुलाई हो होने वाले देशव्यापी सत्याग्रह के बारे में सर्वोदय जगत के सह संपादक प्रेम प्रकाश ने कहा कि सर्व सेवा संघ, राजघाट परिसर पर चल रही कब्जे की साजिशों के खिलाफ गांधीजनों का अहिंसक तरीके से दिया गया जवाब होगा। हम अहिंसा के आत्मबल से लड़ेंगे। गांधी विचारों को ध्वस्त करने के सरकारी मंसूबों को कामयाब नहीं होंगे।