नई दिल्ली (भाषा)। दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर दबाव का एक क्षेत्र में विकसित हो गया है जिससे 21 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, इस साल अरब सागर में यह दूसरा चक्रवाती तूफान होगा। हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण के लिए अपनाए गए फॉर्मूले के अनुसार इसे ‘तेज’ कहा जाएगा। आईएमडी के अनुसार, चक्रवाती तूफान के रविवार को गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने तथा ओमान के दक्षिणी तटों एवं पास के यमन की ओर बढ़ने का पूर्वानुमान है।
हालाकि, मौसम विज्ञानियों ने चेताया है कि कभी-कभी तूफान पूर्वानुमानित पथ से भटक सकते हैं, जैसा कि चक्रवात बिपरजॉय के मामले में देखा गया था। ‘बिपरजॉय’ जून में अरब सागर में बना था और शुरू में उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने के बाद गुजरात में मांडवी और पाकिस्तान में कराची की तरफ गुजरा था।
मौसम का पूर्वानुमान जताने वाली निजी एजेंसी ‘स्काईमेट वेदर’ ने कहा कि अधिकांश मॉडल संकेत देते हैं कि तूफान यमन-ओमान तट की ओर बढ़ रहा है।
हालाकि, वैश्विक पूर्वानुमान तंत्र मॉडल इसके अरब सागर के गहरे मध्य भागों में स्थित होने पर पुनरावृत्ति का सुझाव देते हैं, जिससे यह प्रणाली पाकिस्तान और गुजरात तट की ओर जा सकती है।
चक्रवाती तूफान के दौरान हवा की रफ्तार 62-88 किमी प्रति घंटे की होती है, जबकि हवा की गति 89-117 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने पर इसे गंभीर चक्रवाती तूफान कहा जाता है।
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