राष्ट्रीय सेकुलर मंच के संयोजक एलएस हरदेनिया ने उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल का सिर कलम किए जाने की नृशंस घटना की भर्त्सना की है। साधारणतः किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा कानून अपने हाथ में लिए जाने का विरोध किया जाना चाहिए। हमारा संविधान प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध प्रकट करने की इज़ाज़त देता है। जिस व्यक्ति की उदयपुर में हत्या की गई मैं उसके अपने विचारों की अभिव्यक्ति के अधिकार को मान्यता देता हूं।
यह भी पढ़ें…
परंतु साथ ही मैं यह भी मानता हूं कि उन्हें नुपूर शर्मा के कुत्सित विचार का समर्थन नहीं करना था। परंतु यदि उन्होंने ऐसा किया तो भी उन्हें इसका दंड देने का अधिकार सिर्फ संविधान के आधार पर बनाई गई संस्थाओं अर्थात न्यायालयों को है। किसी भी व्यक्ति या समुदाय को उन्हें दंड देने का अधिकार नहीं है। जिनकी हत्या की गई है उनके परिवार के भरण-पोषण हेतु राजस्थान सरकार शीघ्रातिशीघ्र यथोचित प्रबंध करे। राजस्थान की सरकार यह भी सुनिश्चित करें कि हत्यारों को उचित दंड मिले और इस घटना की आड़ में किसी भी प्रकार की हिंसा या विभिन्न समुदायों के बीच टकराव और घृणा पैदा करने के प्रयास सफल न हों।
[…] कानून के साथ खिलवाड़ करने का विरोध किया… […]