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बौद्धिक गुलामी को रेखांकित करने वाले विचारक थे किशन पटनायक
किशन पटनायक का निधन 27 सितम्बर, 2004 को हुआ था। आज उनकी बीसवीं स्मृति-तिथि है। इस आलेख में बौद्धिक गुलामी की स्वीकार्यता, नौजवान की मानसिकता, राजनीति और बुद्धिजीवियों की भूमिका पर किशन पटनायक के हवाले से विचार किया गया है।
मालेगांव विस्फोट मामला : सत्रह साल बाद पीड़ितों के जख्म पर नमक की तरह आया फैसला
मालेगांव विस्फोट का मामला महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते के पास था। वर्ष 2011 में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने इस मामले को अपने हाथ में लिया। अदालत ने पाया कि अभियुक्तों के शामिल होने का प्रबल संदेह है, लेकिन अभियोजन पक्ष इसे संदेह से परे साबित नहीं कर पाया, इसलिए सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया। सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया, जो पीड़ितों के लिए एक बड़ा झटका और हिंदुत्व खेमे के लिए जश्न का विषय था।
क्या मुसलमानों के बाद अब ईसाइयों की बारी है?
आए दिन ईसाई धर्म के लोगों के साथ-साथ उनके चर्च, नन और पादरियों पर धर्मांतरण के आरोप लगाकर हिंसक हमला कर उत्पीड़ित किया जा रहा है। भारत में ईसाइयों के उत्पीड़न का मुख्य स्रोत संघ परिवार है, जो हिंदू चरमपंथियों का एक संगठन है, जिसमें आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) नामक प्रभावशाली अर्धसैनिक और रणनीतिक समूह, भाजपा, प्रमुख राजनीतिक दल और बजरंग दल, एक हिंसक युवा शाखा शामिल है।
छत्तीसगढ़ धर्मांतरण मामला : झूठे साबित हुए हिंदुत्व के ठेकेदार, ननों को मिली जमानत
फिलहाल सिस्टर प्रीति मैरी, वंदना फ्रांसिस और आदिवासी युवक सुखमई को जमानत मिल गई है। इस प्रकरण में पूरे देश में हुए हंगामे के बाद एनआईए अदालत से आरोपियों को जमानत मिलने का एक ही अर्थ है कि सरकार के प्रथम दृष्टया सबूतों को अदालत ने खारिज कर दिया है।
कांवड़ के बहाने युवा उन्मादी भीड़ को हिंसक और बर्बर बना नफरत फैलाना है
जब खुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ कांवड़ियों के सत्कार में लगे हों, पुलिस के आला अफसरों की ड्यूटी उन पर फूल बरसाने की हो, थानों में पदस्थ अधिकारी और पुलिस के जवान महिला, पुरुष दोनों – कांवड़ियों के पाँव दबाने और पंजे सहलाने के काम में लगाये गए हों, ऐसा करते हुए उनके फोटो वीडियो सार्वजनिक किये जा रहे हों और इस तरह कोतवाल खुद मालिशिए हुए पड़े हों, तो फिर कांवरियों को किसका डर। डर तो दुकानदारों, होटल वालों और पैदल व गाड़ी पर चलने वाले लोगों को हो रहा है।
महिला पहलवानों के पक्ष में बनारस की लड़कियों का ‘दख़ल’
दिल्ली पहुँचीं लड़कियों ने पीड़ित खिलाड़ियों से बातचीत कर दिया समर्थन
वाराणसी। दिल्ली के जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे कुश्ती खिलाड़ियों के समर्थन में...
वर्धा यूनिवर्सिटी में लड़की से छेड़खानी, प्रबंधन बना लापरवाह
प्रशासन ने मानहानि और सुसाइड की धमकी देकर पीड़िता से ही लिखवाया माफ़ीनामा
लड़कियों और स्त्रियों पर होने वाले यौन हिंसा जैसे जघन्य अपराध को...

