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टैगोर के राष्ट्रगान : दक्षिण एशिया के बेशकीमती रत्न
पूर्वी पाकिस्तान को अलग देश बनाने के लिए चले आंदोलन का नेतृत्व मुजीबुर्रहमान ने किया। इन बंगालियों का थीम सांग था 'आमार सोनार'। हाल में असम में कांग्रेस की एक बैठक में एक कांग्रेसी ने 'आमार सोनार बांग्ला' गीत गाया।असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी पुलिस को बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाने के लिए उस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा। मुख्यमंत्री आक्रामक दक्षिणपंथी हैं। वे समय समय पर मुस्लिम समुदाय को अपमानित करने वाले वक्तव्य देते रहते हैं। यह समुदाय असम में जबरदस्त उपेक्षा झेल रहा है।
दिल्ली : दो दिवसीय युवा समाजवादी सम्मेलन संपन्न
भारत के समाजवादी आंदोलन की 90वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक अवसर पर युवा सोशलिस्ट पहल (YSI) के तत्वावधान में, 31 अक्टूबर से 1 नवंबर, 2025 तक दिल्ली के राजेंद्र भवन में दो दिवसीय युवा समाजवादी सम्मेलन का आयोजन किया गया। युवा सोशलिस्ट पहल के तहत भारतीय समाजवादी आंदोलन की 100वीं वर्षगांठ तक अगले दस वर्षों में विभिन्न सम्मेलनों, चर्चाओं, कार्यशालाओं और संगोष्ठियों के आयोजन और एक्शन कार्यकर्मों के माध्यम से युवाओं को समाजवादी विचारों और संवैधानिक मूल्यों के बारे में शिक्षित करने पर केन्द्रित किया जायेगा। युवा सोशलिस्ट पहल (यूथ सोशलिस्ट इनिशिएटिव) युवाओं का एक मंच सरोकरधर्मी शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों, विद्वानों, छात्रों, ट्रेड यूनियन नेताओं, किसान नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं का साझा मंच है।
बौद्धिक गुलामी को रेखांकित करने वाले विचारक थे किशन पटनायक
किशन पटनायक का निधन 27 सितम्बर, 2004 को हुआ था। आज उनकी बीसवीं स्मृति-तिथि है। इस आलेख में बौद्धिक गुलामी की स्वीकार्यता, नौजवान की मानसिकता, राजनीति और बुद्धिजीवियों की भूमिका पर किशन पटनायक के हवाले से विचार किया गया है।
मालेगांव विस्फोट मामला : सत्रह साल बाद पीड़ितों के जख्म पर नमक की तरह आया फैसला
मालेगांव विस्फोट का मामला महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते के पास था। वर्ष 2011 में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने इस मामले को अपने हाथ में लिया। अदालत ने पाया कि अभियुक्तों के शामिल होने का प्रबल संदेह है, लेकिन अभियोजन पक्ष इसे संदेह से परे साबित नहीं कर पाया, इसलिए सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया। सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया, जो पीड़ितों के लिए एक बड़ा झटका और हिंदुत्व खेमे के लिए जश्न का विषय था।
क्या मुसलमानों के बाद अब ईसाइयों की बारी है?
आए दिन ईसाई धर्म के लोगों के साथ-साथ उनके चर्च, नन और पादरियों पर धर्मांतरण के आरोप लगाकर हिंसक हमला कर उत्पीड़ित किया जा रहा है। भारत में ईसाइयों के उत्पीड़न का मुख्य स्रोत संघ परिवार है, जो हिंदू चरमपंथियों का एक संगठन है, जिसमें आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) नामक प्रभावशाली अर्धसैनिक और रणनीतिक समूह, भाजपा, प्रमुख राजनीतिक दल और बजरंग दल, एक हिंसक युवा शाखा शामिल है।
इजराइल-हमास संघर्ष विराम संबंधी प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा भारत
संयुक्त राष्ट्र(भाषा)। इजराइल-हमास संघर्ष संबंधी प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहे भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि आतंकवाद ‘हानिकारक’ है और उसकी...
धन शोधन मामले में मंत्री ज्योतिप्रिय गिरफ्तार, भाजपा पर भड़कीं सीएम ममता
कोलकाता (भाषा)। प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल में कई करोड़ रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में टीएमसी नेता...
उल्कापिंडों के साथ आकस्मिक टकराव नहीं है उल्कापात
पूरे वर्ष में अलग-अलग उल्कापात होते हैं, जिनमें सभी के अलग-अलग गुण होते हैं और इन्हें पहचानना कमोबेश आसान हो सकता है। माह अक्टूबर...
बढ़ते अंतरिक्ष उपग्रहों- कबाड़ों के टकराव से कैसे बचें?
इस सप्ताह की खबरों से पता चला है कि एक ऑस्ट्रेलियाई उपग्रह और एक संदिग्ध चीनी सैन्य उपग्रह के बीच टक्कर होने की संभावना...
बेहद दिलचस्प है नासा का साइकी क्षुद्रग्रह मिशन
यूनान में साइकी को एक देवी माना जाता है जिन्होंने शरीर धारण कर जन्म लिया और प्रेम के देवता इरोज से विवाह किया था।...
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के बावजूद बढ़ते कट्टरपंथ से चिंतित तसलीमा नसरीन
कोलकाता(भाषा)। प्रख्यात लेखिका तस्लीम नसरीन कठमुल्लावाद और धार्मिक उन्माद के खिलाफ लगातार लिखती-बोलती रही हैं। जिंदगी भर बगावती तेवर के साथ लेखन कर्म में...

