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बिजली-पानी की समस्या से आक्रोशित ग्रामीणों के प्रदर्शन पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

मीरजापुर। आप यदि किसी समस्या से त्रस्त हैं, आक्रोशित हैं तो आवाज उठाने की हिमाकत  तो बिल्कुल ही ना कीजिए, वरना यह योगी बाबा की पुलिस है, कुछ भी कर सकती है। आपके ऊपर लाठी-चार्ज कर सकती है, सड़क पर घसीट सकती है और तो और इससे भी पेट नहीं भरेगा तो आपको फर्जी मामले […]

मीरजापुर। आप यदि किसी समस्या से त्रस्त हैं, आक्रोशित हैं तो आवाज उठाने की हिमाकत  तो बिल्कुल ही ना कीजिए, वरना यह योगी बाबा की पुलिस है, कुछ भी कर सकती है। आपके ऊपर लाठी-चार्ज कर सकती है, सड़क पर घसीट सकती है और तो और इससे भी पेट नहीं भरेगा तो आपको फर्जी मामले में पाबंद कर लॉकअप में भी ठूंस सकती है। जी हाँ, यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि हाल के दिनों में पुलिस उत्पीड़न की बढ़ती घटनाएं चीख-चीख कर गवाही देती फिर रहीं हैं। ताजा मामला मीरजापुर के  मड़िहान कोतवाली क्षेत्र के कलवारी का है, जहां विद्युत कटौती व पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों ने कोई सुनवाई न होने पर थक-हार कर रविवार को जब सड़क जाम किया तो ग्रामीणों को पुलिस ने बर्बरतापूर्वक पीट कर यह जता दिया कि यहां आवाज उठाना जुर्म है यदि आपने आवाज उठाने की हिमाकत की तो फिर समझ लें पुलिस आपके साथ कैसा सलूक कर सकती है?

मीरजापुर जिले का मड़िहान तहसील क्षेत्र के कलवारी बाजार में विद्युत आपूर्ति के लिए लगा 63 केवीए का ट्रांसफार्मर दो दिन पूर्व जल जाने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई थी, जिससे पेयजल संकट भी गहरा गया। कस्बे के लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए दर-दर भटकने लगे थे। रविवार की दोपहर तकरीबन 11 बजे ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। हाथ में डिब्बा-बाल्टी लेकर घर के बाहर आ गए और घोरावल-मड़िहान मार्ग पर बैठ गए गए। आक्रोशित ग्रामीण पीछे हटने को तैयार नहीं थे। परिणाम यह हुआ कि सड़क पर तीन घंटे तक जाम लगा रहा, जिससे सड़क पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। जानकारी होते ही मौके पर मड़िहान थाना प्रभारी मय फोर्स मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाने के प्रयास में जुट गए, लेकिन ग्रामीण, उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे। इस बात को लेकर ग्रामीणों से पुलिस की झड़प हो गई। सूचना के बाद मौके पर मड़िहान तहसीलदार फूलचंद यादव भी पहुंच कर ग्रामीणों को समझाने में लगे रहे, लेकिन ग्रामीण बिजली विभाग के अधिकारियों के बुलाने की मांग कर रहे थे। तब तहसीलदार ने बिजली विभाग के अधिकारियों को जामस्थल पर आने के लिए कहा, लेकिन कोई भी जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीण अपना आपा खोते हुए शासन-प्रशासन विरोधी नारे लगाने लगे। आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि शिकायत के बाद भी बिजली विभाग समस्या का समाधान करने में हीला- हवाली कर रहा है। ग्रामीण दूसरे गांव से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। विरोध-प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण जब सड़क से नहीं हटे तो जामस्थल पर मौजूद मड़िहान कोतवाली के उपनिरीक्षकों द्वारा डंडे के बल का प्रयोग करते हुए उनकी पिटाई कर दी गई। इसके बाद ग्रामीण उग्र हो गए और सड़क पर बैठकर पुलिस विरोधी नारे लगाने लगे। मामला बढ़ता देख थाना प्रभारी ने पीएससी बल को जामस्थल पर बुलाकर मोर्चे पर लगा दिया। आक्रोशित ग्रामीण जहां लाठीचार्ज की घटना से और भी आंदोलित हो उठे थे, वहीं वह पीछे हटने को तैयार नहीं थे। बाद में किसी प्रकार दूरभाष से हुई वार्ता पर एडीएम ने ग्रामीणों को आश्वासन देकर जाम खुलवाया तब जाकर आवागमन सुचारू रूप से चालू हो पाया। दूसरी ओर, सीओ (नक्सल) मड़िहान अनिल कुमार पांडेय ने इस घटना पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा है कि सड़क जाम करने वाले ग्रामीणों को समझाकर जाम खुलवाने के लिए टीम को निर्देशित किया गया था। यह भी कहा गया था कि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान भी करें। बर्बरता पूर्वक कार्रवाई न करें। उन्होंने कहा है कि यदि ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया गया है तो निश्चित तौर पर दोषी जनों पर जांच के पश्चात कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों ने पुलिस पर बर्बरता पूर्वक पिटाई का लगाया आरोप

कलवारी बाजार में रविवार को सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन दिन निकलने के बाद नित्य क्रिया से निवृत्त होकर ग्रामीण पानी की जुगत में जुटे थे। पानी व बिजली की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने  एक राय होकर गांव के समीप से गुजरने वाले घोरावल-मड़िहान मार्ग को जाम कर दिया। सड़क जाम कर रहे पखंडू, आशा, निर्मला, रजवंती समेत दर्जनों ग्रामीणों का आरोप है कि ‘मड़िहान थाना की पुलिस ग्रामीणों की समस्या को दूर करने के बजाय डंडे से पिटाई कर जन आवाज को दबाना चाह रही थी। ग्रामीण शांतिपूर्ण ढंग से सड़क जाम करने के साथ-साथ अपनी बात कहने के लिए एकत्र हुए थे। पुलिस के लाठीचार्ज किए जाने से कई ग्रामीणों को कई जगह चोटें भी आई हैं। लाठी-चार्ज के दौरान पुलिस ने बसपा नेता राजेश देवा को घसीटते हुए जीप में बैठाने की कोशिश की, उनके पिता फूलचंद को भी पुलिस ने नहीं छोड़ा है।

पत्रकारों पर भी दिखाया धौंस, छीन लिया मोबाइल

जाम स्थल पर बर्बरता का फोटो-वीडियो बना रहे स्थानीय पत्रकारों से भी पुलिस ने बदसलूकी की है। पत्रकारों को धक्का मारते हुए मोबाइल छीन कर जेब में रख लिया गया ताकि पुलिस की सच्चाई उजागर ना होने पाए। घटना को लेकर स्थानीय पत्रकारों में भी गहरा रोष देखा जा रहा है।

गाँव के लोग
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