प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की सरकार पर हमला किए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को उनके सभी आरोपों को खारिज करते हुए मोदी से आग्रह किया कि वह भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के विकास सूचकांक को लेकर आत्मनिरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि केरल के बारे में आरोप लगाते समय प्रधानमंत्री को अपने नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा राज्य को दिए गए सम्मानों पर ध्यान देना चाहिए।
इस क्रम में, मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के टिकाऊ विकास सूचकांक से लेकर स्वास्थ्य एवं गरीबी सूचकांक में राष्ट्रीय रैंकिंग का हवाला दिया जिनमें राज्य शीर्ष पर है।
वरिष्ठ वामपंथी नेता पिनाराई विजयन ने यहां पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार को ये सम्मान आसानी से हासिल नहीं हुए हैं। उसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। विजयन ने आगे कहा कि विपक्षी नेताओं को ‘प्रताड़ित’ करने के बीच केंद्र सरकार राज्य को सम्मानित करने पर मजबूर हुई, क्योंकि राज्य की उपलब्धियों को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता है।
आगे उन्होंने कहा, ‘अच्छा होगा कि वाराणसी से सांसद प्रधानमंत्री अपने आप से पूछें कि उत्तर प्रदेश इन रैंकिंग में कहां है?’
राज्य में विपक्षी कांग्रेस प्रधानमंत्री को निशाना नहीं बनाने के लिए विजयन की आलोचना कर रही थी, लेकिन आज मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता के दौरान कई बार प्रधानमंत्री का नाम लिया और राज्य सरकार पर आरोप को लेकर उन पर हमला बोला।
विजयन ने मोदी और भाजपा पर राज्य के प्रति ‘पाखंडी दृष्टिकोण’ अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केरल में सोमवार को प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए दो भाषणों में यही दिखा है।
प्रधानमंत्री के आरोपों को किया ख़ारिज
पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि राज्य की ऋण सीमा से संबंधित मामले में केरल को उच्चतम न्यायालय में झटका लगा है। पिनराई विजयन ने कहा कि शीर्ष अदालत ने केरल की दलीलों को स्वीकार करते हुए मामले को संवैधानिक पीठ को सौंप दिया है।
पिनाराई विजयन ने यह भी कहा कि माकपा की जिला समिति के बैंक खाते को (केंद्रीय एजेंसियों द्वारा) ‘फ्रीज’ करने से भाजपा उम्मीदवार सुरेश गोपी को त्रिशूर के चुनाव में जीत हासिल करने में मदद नहीं मिलेगी।