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गुवाहाटी : पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प, राहुल ने केंद्रीय गृह मंत्री पर लगाया ‘आरोप’

गुवाहाटी (भाषा)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘निर्देश’ पर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान मेघालय में एक निजी विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत करने की अनुमति नहीं दी गयी। उक्त बातें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को व्यक्त किए। दूसरी तरफ, असम के गुवाहाटी में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा […]

गुवाहाटी (भाषा)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘निर्देश’ पर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान मेघालय में एक निजी विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत करने की अनुमति नहीं दी गयी। उक्त बातें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को व्यक्त किए।

दूसरी तरफ, असम के गुवाहाटी में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की घटना सामने आई है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर जानकारी देते हुए कहा है कि आज असम के गुवाहाटी में प्रवेश कर रही ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को पहले रोका गया और फिर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटा गया।

कांग्रेस ने कहा कि घायल कार्यकर्ताओं के मुताबिक, पुलिस के साथ BJP के गुंडे भी थे, जिन्होंने उनपर डंडे चलाए। याद रहे.. हम इससे रुकने वाले नहीं। ये यात्रा जन-जन की यात्रा है। ये अन्याय के खिलाफ न्याय की यात्रा है।’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री कार्यालय के जरिए विश्वविद्यालय प्राधिकारियों को यह निर्देश दिया।

राहुल ने असम-मेघालय सीमा पर अपनी यात्रा के दौरान एक बस से छात्रों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं आपके विश्वविद्यालय में आना चाहता था और आपको संबोधित करना, आपको सुनना चाहता था। लेकिन भारत के गृह मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री को फोन किया और मुख्यमंत्री कार्यालय ने विश्वविद्यालय नेतृत्व को फोन किया और कहा कि राहुल गांधी को छात्रों से बातचीत करने न दी जाए।’

राहुल का मंगलवार की सुबह असम की सीमा से लगते मेघालय के री भोई जिले में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, मेघालय में छात्रों, नागरिक समाज के सदस्यों और पार्टी नेताओं से अलग-अलग बातचीत करने का कार्यक्रम था।

कांग्रेस ने सोमवार को दोपहर में निजी विश्वविद्यालय में इन कार्यक्रमों की घोषणा की लेकिन बाद में उन्हें एक होटल में आयोजित करने की जानकारी दी क्योंकि विश्वविद्यालय ने कार्यक्रमों के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया।

राहुल कांग्रेस की मणिपुर से मुंबई तक की न्याय यात्रा की अगुवाई कर रहे हैं जिसने मंगलवार को असम में अपनी यात्रा के दूसरे और अंतिम चरण के तहत मेघालय से इस राज्य में प्रवेश किया।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘राहुल गांधी आता है या नहीं, यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि आप जिस भी व्यक्ति को सुनना चाहते हैं, आपको उसकी अनुमति दी जाए।’

उन्होंने सड़क के किनारे खड़े छात्रों और युवाओं की सराहना करते हुए कहा, ‘राहुल गांधी का यहां आना अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। यह आपके बारे में है कि आपको अपनी मर्जी के अनुसार सोचने तक नहीं दिया जा रहा है।’

राहुल ने कहा, ‘आप यहां आए हैं क्योंकि आप उससे सहमत नहीं हैं जो मुख्यमंत्री करने का प्रयास कर रहे हैं। आप गुलाम असम को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं और मुझे इस पर बहुत गर्व है।’

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वे आपको गुलाम बनाना चाहते हैं लेकिन मैं जानता हूं कि कोई भी, ब्रह्मांड में कोई भी ताकत ऐसा नहीं कर सकती है।’

उन्होंने यह भी कहा कि ‘यह केवल असम में ही नहीं, बल्कि भारत के हर स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में हो रहा है, जहां विद्यार्थियों को अपनी मर्जी के अनुसार सोचने तक नहीं दिया जा रहा है।’

एक्स के एक अन्य पोस्ट में पार्टी की तरफ से कहा गया कि असम में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया है। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की बुलंद आवाज से डरी-सहमी असम सरकार ऐसी कायर और शर्मनाक हरकतों से बाज नहीं आ रही। BJP ये न भूले कि ये जनता की आवाज है, इसे किसी भी कीमत पर कुचला और दबाया नहीं जा सकता। हमारी राह के ये कांटे, हमारी हिम्मत को और बढ़ा रहे हैं, हमें और मजबूत कर रहे हैं। हम किसी से डरने वाले नहीं हैं। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ जारी है…।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘आप इस देश का भविष्य हैं और देश के लिए सर्वाधिक जरूरी यह है कि आप सभी को स्वतंत्र रूप से सोचने, स्वतंत्र रूप से भरोसा करने, स्वतंत्र रूप से कल्पना करने और वह जिंदगी जीने दी जाए जो आप चाहते हों, न कि कोई और चाहता हो।’

उन्होंने कहा कि युवाओं को ‘आंख बंद करके आज्ञाकारी’ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। राहुल ने कहा कि युवाओं को अपनी सोच के अनुसार चलना चाहिए और ‘किसी को भी आपको ऐसे भारत की कल्पना करने या उसके बारे में सोचने से नहीं रोकना चाहिए जो आप चाहते हैं।’

उन्होंने कहा कि किसी को भी आपको अपनी मर्जी के अनुसार किसी भी भाषा को पढ़ने लिखने से नहीं रोकना चाहिए, किसी को भी आपको अपनी परंपरा, संस्कृति या इतिहास के बारे में सुनने, पढ़ने से रोकना नहीं चाहिए।

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