Monday, April 21, 2025
Monday, April 21, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमराजनीतिलोकसभा चुनाव 2024 : गठबंधन प्रत्याशी पर भाजपा को लाभ पहुँचाने ...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव 2024 : गठबंधन प्रत्याशी पर भाजपा को लाभ पहुँचाने का आरोप लगाते हुए डॉ यासमीन राव का इस्तीफा

सहारनपुर की अल्पसंख्यक कांग्रेस की जिला अध्यक्ष डॉ यासमीन राव ने जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली गुर्जर को पद से हटा देने के कारण पूरी कमेटी के साथ इस्तीफा दे दिया।

सहारनपुर। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा समेत अन्य पार्टियां स्ट्रैटेजी के तहत अपने मिशन में लगी हुई है। कांग्रेस में फैले असंतोष के कारण पदाधिकारियों और नेताओं का अन्य पार्टियों में शामिल होने का भी सिलसिला जारी है।

सहारनपुर से अल्पसंख्यक कांग्रेस की जिला अध्यक्ष डॉ यासमीन राव ने अपनी पूरी कमेटी के साथ पद से इस्तीफा दे दिया है। फोन पर बातचीत के दौरान उन्होंने पार्टी के अंदर चल रही खींचतान पर भी बात की।

 डॉ यासमीन राव ने कहा कि आगामी चुनाव के बीच में संघर्षशील, ईमानदार और कांग्रेस की विचारधारा को समर्पित जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली गुर्जर को हटवा दिया गया। उनकी जगह पर एक ऐसे व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाया गया, जिसे विधानसभा चुनाव के समय बतौर प्रत्याशी अपने गांव से मात्र 60 वोट और पूरी विधानसभा में 1217 वोट मिले थे।

डॉ यासमीन राव ने कहा, कि जिस तरीके से अचानक गठबंधन प्रत्याशी इमरान मसूद ने एक ईमानदार जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली गुर्जर को रातों-रात बिना किसी कारण हटा दिया है, इससे ना केवल गुर्जर समाज बल्कि कांग्रेस से जुड़े तमाम लोगों में भारी आक्रोश है।

डॉक्टर यासमीन राव ने कहा कि अल्पसंख्यक कांग्रेस की जिला अध्यक्ष रहने के दौरान अपनी टीम के साथ रात-दिन कड़ी मेहनत करके जिले में कांग्रेस को जिंदा किया। और यही कारण है कि मेरे साथ लोगों का जुड़ाव है।

वह इस बात से आहत है, इसीलिए अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी के तमाम पदाधिकारी और सदस्यों के साथ गंभीर विचार मंथन के बाद हमने पार्टी के राष्ट्रीय और प्रांतीय पदाधिकारियों को अपना त्यागपत्र भेज दिया है।

सहारनपुर में पहले चरण में मतदान होना है, 19 दिनों यह नया जिला अध्यक्ष क्या करेगा इसपर भी उन्होंने सवाल उठाया। इस बात से नाराजगी भी जताई और कहा कि यदि इमरान मसूद की इस तरह से तानाशाही रही, तो कांग्रेस में कोई भी नहीं रहेगा। इस तरह के घटनाक्रम का सीधा-सीधा असर राहुल तथा प्रियंका गांधी की पार्टी पर पड़ेगा।

इस बार के चुनावी माहौल में सहारनपुर में मुस्लिम तीन जगह डिवाइड हो रहे हैं, जिसमें बसपा के माजिद अली, सपा-कांग्रेस गठबंधन के इमरान मसूद और भाजपा के राघव लखन पाल शर्मा को भी करीब 10 से 12% मुस्लिम वोट मिलता दिख रहा है। वर्तमान में यहां पर बसपा के हाजी फजलुर रहमान सांसद हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कैराना लोकसभा कोऑर्डिनेटर सोनू पठान ने भी वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री और अल्पसंख्यक कांग्रेस की जिलाध्यक्ष डॉ यासमीन राव के इस्तीफा की पुष्टि की है। सोनू पठान ने भी वही बात दोहराई जो, डॉ यासमीन राव ने कही है।

गठबंधन प्रत्याशी के पास हिंदू वोट नहीं

कांग्रेस और सपा के कई वरिष्ठ नेता पार्टी हाईकमान द्वारा इमरान मसूद को गठबंधन प्रत्याशी बनाए जाने से आहत हैं। ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ता और नेता अन्य पार्टियों में जाने का मन बना रहे है। अभी हाल ही में कुछ भाजपा तो कुछ बसपा में शामिल होने जा रहे हैं और कुछ हो चुके हैं।

इन नेताओं का यह भी कहना है कि गठबंधन प्रत्याशी के पास हिंदू वोट नहीं है और बसपा के पास मुस्लिमों का साथ है। ऐसे में गठबंधन प्रत्याशी सिर्फ वोट कटवा साबित होकर भाजपा को लाभ पहुंचाने का काम करेगा।

बात करें यहां के जाति समीकरण की तो सहारनपुर में कुल 18 लाख 40 हजार मतदाता हैं। जिसमें 4 लाख 35 हजार दलित, 7 लाख 50 हजार मुस्लिम, बाकी 6 लाख में हिंदू, जिसमें ब्राह्मण, ठाकुर, बनिया और अन्य जातियां शामिल है।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here