वाराणसी। बनारस की जानी-मानी उद्यमी, समाजसेवी और जनमित्र न्यास की संस्थापक श्रुति नागवंशी को महिला उद्यमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। श्रुति नागवंशी को गो श्रेणी में 2024 में ग्रेट कंपनी इंटरनेशनल महिला उद्यमी पुरस्कार दिया गया है। यह संस्था परिवर्तनशील विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
2024 में श्रुति नागवंशी को एनजीओ श्रेणी में ग्रेट कंपनीज इंटरनेशनल महिला उद्यमी पुरस्कार मिलना उनकी कड़ी मेहनत और महिला और बच्चों के अधिकारों के क्षेत्र में किए गए लगातार काम को दर्शाता है। उनकी सफलता न केवल उत्कृष्ट उद्यमियों के लिए प्रेरणा है, बल्कि उन सभी लोगों के लिए भी जो एक और न्यायसंगत और समावेशी दुनिया का निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं।
श्रुति नागवंशी ने ‘गांव के लोग’ से बात करते हुए कहा कि 1994–95 में जब उन्होंने इस क्षेत्र में काम शुरू किया, तो सोचा नहीं था कि यह मुकाम हासिल होगा। शुरुआत में वह ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के साथ जुड़ी। इस आंदोलन में बहुत ही कमजोर पृष्ठभूमि वाले बच्चे थे, जो एससी/एससी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते थे और मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। उस समय जाति का बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता था और बुनियादी सुविधाएं का भी अभाव था।
ऐसे में उन्हें यह बात समझ आयी कि इस तरीके से इनका समग्र विकास संभव नहीं है। सामाजिक रूप से पिछड़े इस वर्ग को विकास की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि 1994 के समय में सरकार की तरफ से बाल मजदूरी के लिए कोई ठोस कदम या कानून नहीं था, तब यह देखते हुए सामाजिक कार्य के क्षेत्र में अपने कदम आगे बढ़ाएं।
उन्होंने अपनी इस कामयाबी का श्रेय पति लेनिन रघुवंशी को दिया। कहा 30 साल पहले की बात है उस समय जमाना काफी पीछे था। महिलाओं में बहुत जागरूकता नहीं थी, न ही वह बहुत ज्यादा पढ़ी लिखी होती थीं। ऐसे में महिलाओं का जागरूक करना हमारी प्राथमिकता थी।
मिल चुके हैं कई सम्मान
सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में किए गए काम से उनकी एक पहचान है.अचीवमेंट या अवार्ड की बात करें तो, उन्हें 2016 में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा भारत की शीर्ष 100 महिला सम्मान से सम्मानित किया। श्रुति को 2019 में रेक्स कर्मवीर चक्र (रजत) से नवाजा गया। उनके काम को फिल्म अभिनेता आमिर खान ने सराहा और सत्यमेव जयते टीवी श्रृंखला में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया। जावेद अख्तर ने उन्हें 2000 में जन मित्र पुरस्कार से सम्मानित किया। श्रुति को बाल अधिकारों और महिला अधिकारों पर काम के लिए सार्वजनिक शांति पुरस्कार 2020-21 से भी नवाजा गया।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हमें उन महिलाओं के योगदान पर संवेदनशीलता और सहनशीलता को समर्पित करने का मौका मिलता है, जैसे श्रुति नागवंशी, इमानी कलेक्टिव (केन्या) की जेनी नक्यो, द फ्लोरा मे फाउंडेशन (यूएसए) की डेबी हैंसन-बॉस, बीकन एंटरप्राइजेज इंक (यूएसए) की जेनिफर लुसेरो और यूटाह के 40 ओवर 40 (यूएसए) की जूलिया डीवर, जिनका दृष्टिकोण और नेतृत्व सभी के लिए एक आशा की किरण के समान है, जो सम्पूर्ण दुनिया को एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा प्रदान करता है।
भारतीय महिला और बाल अधिकार कार्यकर्ता श्रुति नागवंशी ने सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है। दलित जाति और ग्रामीण महिलाओं सहित हाशिये पर मौजूद समुदायों के लिए वह हमेशा सक्रिय रहीं। श्रुति ने लेखन और अकादमिक क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया है।
शिक्षा के प्रति उनकी मां ने किया प्रोत्साहित
श्रुति के काम का प्रभाव देश ही नहीं विदेश में भी फैला हुआ है। उन्होंने जी 20 इंटरफेथ समिट 2023 में भी भागीदारी की है। भेदभाव, बाल संरक्षण और अंतर धार्मिक सहयोग पर उनका समर्पण और प्रभाव जमीनी स्तर पर साफ देखा जा सकता है।
श्रुति को उनकी मां ने शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया और उन्हें सामाजिक कार्य के क्षेत्र में प्रेरित किया। जाति-विरोधी कार्यों में श्रुति की भागीदारी, विशेष रूप से पीपुल्स विजिलेंस कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स (पीवीसीएचआर) के माध्यम से रही। उनके प्रयासों से गांवों में संरचनात्मक परिवर्तन हुए और आवश्यक सेवाओं तक पहुंच में सुधार हुआ।