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कर्नाटक कैबिनेट में फेरबदल को लेकर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व करेगा फैसला : सिद्धरमैया

मैसुरु (भाषा)। सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर कैबिनेट में संभावित फेरबदल की चर्चाओं और मंत्री पद को लेकर दावेदारों द्वारा अपनी आकांक्षाएं खुलकर व्यक्त करने के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज कहा कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इस पर फैसला करेगा। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाया कि इसने सत्ता में रहते हुए राज्य […]

मैसुरु (भाषा)। सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर कैबिनेट में संभावित फेरबदल की चर्चाओं और मंत्री पद को लेकर दावेदारों द्वारा अपनी आकांक्षाएं खुलकर व्यक्त करने के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज कहा कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इस पर फैसला करेगा।

मुख्यमंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाया कि इसने सत्ता में रहते हुए राज्य को वित्तीय दिवालियेपन और कर्ज में धकेला है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस और भाजपा के कार्यकाल के दौरान राज्य की वित्तीय स्थिति पर विधानसभा में एक श्वेतपत्र पेश करने के लिए तैयार हैं।

सिद्धरमैया ने कैबिनेट में फेरबदल की संभावना और मंत्री बनने की कई विधायकों की इच्छा से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मंत्री बनने की इच्छा रखने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन कैबिनेट का विस्तार करना है या इस संबंध में कुछ और करना है, यह आलाकमान को तय करना है। यह हम तय नहीं करेंगे।’

विधानसभा में सरकार के मुख्य सचेतक अशोक पट्टन ने हाल में दावा किया था कि कैबिनेट में फेरबदल होने वाला है और उन्होंने खुद को मंत्री पद का आकांक्षी बताया था।

रामदुर्ग से विधायक ने कहा था कि कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि ढाई साल बाद कैबिनेट में फेरबदल होगा, जिसमें उनके जैसे वरिष्ठ नेताओं को जगह दी जाएगी।

शांतिनगर से विधायक एन ए हारिस ने भी कहा, ‘‘मुझे आने वाले कल में नहीं, गुजरे हुए कल में मंत्री बनना चाहिए था। मैं इसके योग्य हूं।”

विपक्षी भाजपा द्वारा राज्य सरकार को “एटीएम सरकार” कहे जाने और “संग्रह” के माध्यम से भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने से संबंधित सवाल पर सिद्धरमैया ने आरोप से इनकार किया और इसे ‘‘झूठा’’ कहकर खारिज किया।

उन्होंने भाजपा पर ‘ऑपरेशन लोटस’ का आरोप लगाते हुए कहा, ‘उनके पास पैसा कहां से आया? उन्होंने कर्नाटक को दिवालिया बना दिया है, कौन जिम्मेदार है? उन्होंने राज्य में बिजली पैदा नहीं की और वे राज्य में बिजली संकट के लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें क्या नैतिक अधिकार है?’

‘ऑपरेशन लोटस’ 2008 में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भाजपा द्वारा कथित तौर पर कई विपक्षी विधायकों को दलबदल के लिए लालच देने की घटना के संदर्भ में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा बताए कि उसने सत्ता में रहते हुए राज्य के लिए क्या काम किया। उन्होंने दावा किया कि प्रमुख विपक्षी दल ने राज्य को दिवालिया बना दिया और राज्य को कर्ज में धकेल दिया।

सिद्धरमैया ने कहा, “धन नहीं होने के बावजूद, उन्होंने सत्ता छोड़ने से पहले कार्य आदेश जारी किए, निविदाएं आमंत्रित कीं और बिल लंबित रखे। लगभग 30,000 करोड़ रुपये के बिल लंबित हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या पहले हमारे कार्यकाल के दौरान ऐसा कुछ था- उन्हें कहने दीजिए। मैं विधानसभा में हमारे और भाजपा के कार्यकाल के दौरान राज्य की वित्तीय स्थिति पर एक श्वेतपत्र पेश करने के लिए तैयार हूं।’

उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा ‘अस्वीकार’ की गई भाजपा, कांग्रेस सरकार के खिलाफ ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ आरोप लगा रही है।

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