Tuesday, December 23, 2025
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सामाजिक न्याय

नांदेड़ : राजनीति और शासन जाति की सड़ांध से प्रेमियों को नहीं बचा सकते

इस कहानी का सबसे बुरा हिस्सा यह है कि सक्षम और आंचल के रिश्ते के बारे में परिवार में सभी जानते थे और उन्होंने उनके रिश्ते को स्वीकार करने का नाटक किया, लेकिन यह परिवार की एक चाल थी और आखिरी दिन उन्होंने सक्षम की हत्या कर दी। बात यहीं खत्म नहीं हुई, आंचल ने अपना विरोध दिखाया और सक्षम की लाश से शादी कर ली। 'सिंदूर' लगाया और मांग की कि उसके माता-पिता और भाइयों को फांसी दी जाए।

आरएसएस के संविधान विरोध पर गूगल का नज़रिया

यह सच है कि 26 नवम्बर, 1949 को संविधान राष्ट्र को सौंपे जाने के दिन से ही आरएसएस इसका विरोधी रहा है। हालांकि तमाम लोगों की भांति मुझे भी मालूम था कि डॉ. आंबेडकर द्वारा तैयार भारतीय संविधान मनुस्मृति पर आधारित न होने के कारण ही संघ इसका विरोधी रहा है, लेकिन यह लेख शुरू करने से पहले यह जानने का कौतूहल हुआ कि गूगल इस पर क्या राय देता है? मैंने गूगल से सवाल किया कि संघ भारतीय संविधान का क्यों विरोधी रहा है, तो जो जवाब मिला, वह वही था जो हम जानते हैं। आइये जानते हैं गूगल का जवाब-

बहुजनों के लिए बहुत बुरा साबित हुआ है यह अक्तूबर

आज 2025 का अक्तूबर का आखिरी दिन है। यह माह कई कारणों से बहुजनों के लिए दु:स्वप्न बना रहा। इसी माह की दो तारीख को 1925 में स्थापित आरएसएस ने सौ साल पूरे होने का जश्न मनाया। इसी माह में छः तारीख को देश के राजनीति की दिशा तय करने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई। लेकिन संघ के सौ साल पूरे होने व बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के अतिरिक्त जिस एक अन्य कारण से इस बार का अक्टूबर दु:स्वप्न बना, वह है संघ के सौ साल पूरा होने के बाद से उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित मध्य प्रदेश, हरियाणा में  दलित–बहुजनों के खिलाफ शुरू हुआ अपमान, भेदभाव और उत्पीड़न से लेकर आत्महत्या की घटनाओं का सिलसिला, जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। अक्तूबर 2025 के आकलन का यह मौलिक तरीका निस्संदेह एक महत्वपूर्ण पद्धति है।

जस्टिस गवई को ‘भीमटा’ की गाली सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक सरोकारों के सिमटते जाने का संकेत है

भारत की सड़ी हुई राजनीति और मनुवादी मानसिकता का असली चेहरा तब सामने आता है जब दलित समाज से आया व्यक्ति सत्ता, न्याय या प्रतिष्ठा की ऊँचाई पर पहुँच देश का मुख्य न्यायाधीश बनता हैऔर मनुवादी उसे सहज स्वीकार नहीं करते। इधर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई को सोशल मीडिया पर 'भीमटा' कहकर अपमानित किया गया। यह केवल एक गाली नहीं है। यह उस आंबेडकरवादी विचारधारा पर हमला है जिसने मनुवाद की नींव हिलाई थी। यह संविधान और लोकतंत्र को नीचा दिखाने की कोशिश है।

घरेलू हिंसा की पीड़िता की मदद करने वाली पुणे की दलित महिलाओं को धंधेवाली कहकर थाने में किया गया प्रताड़ित

पुणे में घरेलू हिंसा की शिकार एक युवती ने अपने बचाव के लिए एक सामाजिक संस्था से संपर्क किया जिसकी कार्यकर्ता ने अपनी एक वकील मित्र से उस युवती को कोथरूड में रहनेवाली कुछ कामकाजी महिलाओं के साथ साथ रहने का बंदोबस्त कर दिया। एक पुलिसकर्मी के परिवार की बहू उस युवती के ससुर ने पता लगाकर उन महिलाओं को न केवल जातिसूचक गालियाँ दी बल्कि उनके साथ मारपीट की और अपनी पहुँच की बल पर उन्हें थाने ले गया, जहाँ उन्हें अश्लील गालियाँ देते हुए देह व्यापार करनेवाली कहा गया। गौरतलब है कि पीड़ित महिलाएं दलित समुदाय से आती हैं। थाणे में उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई बल्कि उन्हें प्रताड़ित किया गया। इस मामले ने दलित महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। भंडारा की जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक अध्येता मिनल शेंडे की टिप्पणी।

क्या यादव बहुजनों के वर्ग शत्रु हैं?

यादवों के प्रति बहुजनों और सवर्णों का नजरिया जानने और उसका मनोवैज्ञानिक अध्ययन सामने लाने के मकसद से मैंने 26 फ़रवरी को फेसबुक पर...

गुलामी से मुक्ति नहीं बना चुनावी मुद्दा !

2022 में सात चरणों में संपन्न होने वाले पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्ति की ओर अग्रसर है, इस दरम्यान भाजपा ने मंडल उत्तरकाल...

क्या शुद्रातिशूद्र समाज ने शिवाजी के राज्याभिषेक की कीमत चुकाई?

आज विश्व इतिहास के महान योद्धाओं में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती है। इतिहास के एक ऐसे दौर में जब पूरे भारत...

छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण की मांग पर पुलिस से हुई झड़प 

बीएचयू (वाराणसी): छात्रावासों में ओबीसी का 27% आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर मार्च निकाल रहे छात्र-छात्राओं से लंका गेट पुलिस से झड़प...

छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर की कैंपेनिंग, एक फरवरी को निकलेगा पैदल मार्च

बीएचयू (वाराणसी)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में संवैधानिक व्यवस्था के तहत ओबीसी का 27% आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर पिछले आठ-नौ...

छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण की माँग के आगे बीएचयू प्रशासन की बोलती बंद

फिर से गुजरात भागे बीएचयू कुलपति, छात्रों में बढ़ा आक्रोश
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