Sunday, September 8, 2024
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आज़मगढ़ हवाई अड्डा : संसद में मंत्री ने कहा केंद्र सरकार के पास न विकास का प्रस्ताव न कोई योजना

आज़मगढ़ के मंदुरी हवाई अड्डे के विस्तार से होनेवाले आठ गाँवों के विस्थापन के खिलाफ चले लम्बे आन्दोलन और कोशिशों से पता चला है कि भारत सरकार के नागर विनानन मंत्रालय के पास इसके विस्तार की कोई योजना ही नहीं है। लालगंज के सांसद दरोगा प्रसाद सरोज के एक प्रश्न के जवाब में नागर विमानन राज्यमंत्री ने कहा है कि न तो ऐसा कोई प्रस्ताव मिला और न ही विस्तार की कोई योजना है। इससे आन्दोलनकारी किसानों को राहत मिली है लेकिन सवाल उठता है कि वे कौन लोग हैं जो दो साल से इसे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाना चाहते हैं और इसके लिए किसानों से सहमति ले रहे थे? इस विडंबनापूर्ण मामले ने कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

मिर्ज़ापुर : कोलकाता कांड के दोषियों को फांसी और बेटियों की सुरक्षा की मांग के साथ छात्राओं का प्रदर्शन

कोलकाता में हुई देश की बेटी के साथ दरिंदगी के आरोपियों पर कड़ी कार्यवाई की मांग को लेकर जीडी बिनानी कालेज की छात्राओं ने कालेज से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया है। आर जी कर मेडिकल कालेज में 8-9 अगस्त 2024 के दरमियान अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी कर उसकी हत्या कर दी गई थी। छात्राओं ने कहा कि "देश कहने को आजाद है, लेकिन देश की बेटी कब आजाद होगी, कब उसे यह महसूस होगा कि वह खुद सुरक्षित है?"

वाराणसी : भेलुपुर में नाबालिग लड़की की पेड़ से लटकी मिली लाश के मामले में पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन

बनारस में आईपी मॉल विजया त्रिमुहानी जैसे व्यस्त इलाके में स्थित पार्क में 29 अगस्त की रात पेड़ से लटकी एक किशोरी की लाश पुलिस को बरामद हुई । लाश की शिनाख्त सामनेघाट झुग्गी में रहने वाले बेहद विपन्न परिवार की बच्ची के तौर पर हुई। पुलिस ने इस मौत को आत्महत्या करार दे दिया। पोस्टमॉर्टम कराया और परिजनों को दबाव में लेकर शवदाह करवा दिया।

मिर्ज़ापुर : चिता को आग के अधिकार की बहाली के लिए धरकार समुदाय का धरना

‘गांव के लोग’ ने 26 जुलाई 2024 को ‘मिर्ज़ापुर में शवदाह का ठेका : अब धरकार नहीं, ठाकुर साहब बेचेंगे चिता जलाने की आग’ शीर्षक से एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए मिर्ज़ापुर जिले के भोगांव गंगा घाट पर दशकों से चिंता को आग देते हुए आए धरकार समाज की चिंताओं को रेखांकित किया था। एक झटके में कैसे उनको रोजगार से वंचित कर दिया गया। कुछ लोगों की इस पर तीखी प्रतिक्रिया भी रही तो काफी लोगों ने इस रिपोर्ट को सराहते हुए जिला पंचायत के निर्णय पर सवाल खड़े किए थे। आखिरकार यह कैसा फैसला है? इस फैसले से धरकार समाज के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या बढ़ गई और उसने आंदोलन का रास्ता चुना। मिर्ज़ापुर से संतोष देव गिरि की रिपोर्ट।

उ प्र 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला : सरकार ने पिछड़े, दलितों और आदिवासियों की हकमारी

वर्ष 2018 में 69000 हजार सहायक शिक्षकों के लिए हुई भर्ती के नतीजे आने के कुछ दिन बाद ही 19000 पदों पर आरक्षण को लेकर हुआ घोटाला सामने आया, जिसके बाद 13 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरिट लिस्ट को रद्द करतीन महीने में आरक्षण के आधार पर नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश जारी किया है। असल में मंडल कमीशन लागू होने के तीन दशक बाद भी अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल जातियाँ अपना एक समाज नहीं बना पायी हैं। इसीलिए ये कभी एकजुट होकर अपनी जनसंख्या के मुताबिक 52% ओबीसी आरक्षण की माँग करती हुई दिखाई नहीं देती है। हालाँकि इनमें से कुछ जातियाँ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा का एजेंडा बढ़ाते हुएओबीसी वर्गीकरण की माँग करती हुई दिखाई देती है।

लेखक के स्मृति चिन्हों की बदहाली के दौर में प्रेमचंद

गोरखपुर से प्रेमचंद का नाता बहुत भावप्रवण और आत्मीय था। यहीं पर उन्होंने जीवन की बुनियादी नैतिकता और आदर्श का पाठ सीखा। लेकिन आज गोरखपुर में उनके स्मृतिचिन्ह लगातार धूसरित हो रहे हैं। ऐसा लगता है नयी पीढ़ी की टेक्नोसेंट्रिक प्रवृत्ति ने उन्हें इस बात से विमुख कर दिया है कि उनके शहर में एक कद्दावर लेखक की जवानी के दिन शुरू हुये थे और वह लेखक पूर्वांचल की ऊर्जस्विता और रचनाशीलता को आज भी एक ज़मीन देता है। प्रेमचंद जयंती के बहाने अंजनी कुमार ने गोरखपुर की नई मनःसंरचना की पड़ताल की है।

आजमगढ़ : दो वर्षों से चल रहे किसान आंदोलन की आवाज़ संसद में पहुंचाएंगे सांसद दरोगा सरोज  

उत्तर प्रदेश का हाइपर विकास हो रहा है। इस विकास के लिए किसानों को उनकी ज़मीनों से विस्थापित किया जा रहा है। किसान जो देश की अर्थव्यस्ठा को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं को सड़क पर लाने का पूरा इंतजाम सरकार कर रही है। इस वजह से देश के अनेक हिस्सों में किसानों के छोटे-बड़े आंदोलन चल रहे हैं।

देवरिया : सरकार द्वारा तीन नए आपराधिक क़ानूनों को लेकर सामाजिक मंचों ने सौंपा ज्ञापन

देवरिया के नागरिक मंच ने भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू तीन नए आपराधिक कानून को लेकर पुनर्विचार कर संशोधन की मांग के साथ यूएपीए को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है की इस कानून से पुलिस वालों की अधिकार शक्ति बढ़ने से जनता के प्रति दुरुपयोग बढ़ेगा।

गया : कुछ गांवों में सड़क तो बनी है लेकिन वहाँ आने-जाने के साधन नहीं है 

अकसर लोगों की शिकायत होती है कि सड़क सही नहीं है, गाड़ियां आने-जाने में दिक्कत होती है लेकिन गया ज़िले का कैशापी पुरानी डिह गांव में सड़क तो बनकर तैयार हैं लेकिन उस गाँव तक पहुंचने के लिए उचित संसाधन और परिवहन नही पहुँच पा रहे हैं।

सेला दर्रा : बर्फ़ और बादलों का आनंदलोक

मगिरि के उत्तुंग शिखर पर स्थित इस मनमोहक स्थान सेला पास पर फरवरी और मार्च महीने में लगभग 7 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है, जहां अनवरत बर्फबारी होती रहती है और ठंड से ठिठुरते हुए श्वेत-श्याम शिखर से शीतल हवाएं अठखेलियां करती रहती हैं।

फिलिस्तीन में मौत से अधिक कठिन है जिंदा रहना – इरफान इंजीनियर

दो देशों के युद्द में सबसे ज्यादा तबाह वहाँ के नागरिक होते हैं। इजरायल और फिलिस्तीन एवं रूस व उक्रेन में यह देखा जा सकता है। इजरायल फिलिस्तिनियों को पूरी तरह ज़मींदोज़ कर उनकी हस्ती मिटाना चाहता है और यह कर भी रहा है। इजरायल के लगातार हमले से फिलिस्तीनी नागरिक मर रहे हैं। अब बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। पिछले नौ महीने में 37 हजार बच्चे मारे गए। यह बहुत ही गैर जिम्मेदाराना हरकत है।