उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के बेहद चर्चित डॉक्टर घनश्याम तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी विजय नारायण सिंह की आज देर शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई।
हत्याकांड का आरोपी विजय नारायण सिंह जमानत पर पंद्रह दिन पहले बाहर आया था। आज सुल्तानपुर में दरियापुर तिराहे पर एक होटल के बाहर उसको गोलियों से भून दिया गया। हमलावर वारदात के फौरन बाद मौके से फरार हो गए।
दूसरे घायल को लखनऊ ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया है।
इस शूटआउट के चलते आसपास के लोग दहशत में रहे। माना जा रहा है की ये हत्याकांड डॉक्टर घनश्याम तिवारी के मर्डर का बदला है।
पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा के अनुसार उन्होंने खुलासे के लिए पुलिस की चार संयुक्त टीम गठित कर दिया है। सीओ सिटी शिवम मिश्रा, नगर कोतवाल श्रीराम पांडे के साथ भारी पुलिस बल जिला अस्पताल में तैनात।
एसपी सोमेन वर्मा ने कहा, ‘जल्द हत्याकांड का खुलासा होगा। पार्टी मनाने के दौरान हुआ गोलीकांड, गिरफ्तार किए जाएंगे हमलावर।’
जबकि लोग इसे पिछले साल हुए डॉ. घनश्याम तिवारी हत्याकांड के मामले से जोड़कर देख रहे हैं।
डॉ. घनश्याम तिवारी हत्याकांड मामला क्या है?
लंभुआ कोतवाली क्षेत्र के सखौली कला गांव निवासी डॉ. घनश्याम तिवारी जयसिंहपुर सीएचसी पर संविदा चिकित्सक थे। उनकी 23 सितंबर 2023 को कोतवाली नगर क्षेत्र के नरायनपुर गांव में पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी।
मामले में नरायनपुर गांव के अजय नरायन सिंह, उसके पिता जगदीश नरायन सिंह, चचेरे भाई विजय नरायन सिंह व ड्राइवर दीपक सिंह आरोपी बनाए गए थे।
इस मामले ने जमकर तूल पकड़ा, इसकी आंच मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ की कुर्सी तक पहुंची, जिले में कांग्रेस, सपा, बसपा समेत भाजपा के नेताओं ने भजी आरोप लगाया कि उचित कार्यवाई नहीं हो रही है।
अखिलेश यादव ने घनश्याम तिवारी के परिजनों से फोन पर बात कर न्यायिक लड़ाई में साथ देने की बात कही थी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री अखिलेश यादव जी ने स्व०डॉ घनश्याम तिवारी जी के परिजनों से फोन पर बात करके अपनी गहरी संवेदनाएं वक्त की.साथ ही इस न्यायिक लड़ाई में उन्होंने अपना पूर्ण समर्थन भी प्रदान किया.@yadavakhilesh @samajwadiparty @brajeshlive @bstvlive @TV9Bharatvarsh… pic.twitter.com/nBqvZaRDiA
— Santosh Pandey (@Santoshpandemla) September 25, 2023
अंबेडकरनगर के बाहुबली नेता व पूर्प विधायक पवन पाण्डेय इस मामले में जमकर सरकार पर हमला बोला था। पवन पाण्डेय ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, ‘सरकार ने सजातीय बंधुओं को संरक्षण दे रखा है। जो कृत्य हुआ है इससे घिनौना कृत्य मैने अपने जीवन में नहीं सुना।’
कुछ ही दिन बार 2022 में दर्ज एक मुकदमे के संबंध में पूर्व विधायक पवन पांडेय को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था।
पूर्व विधायक पवन पांडेय बसपा सांसद रितेश पांडेय के चाचा और सपा विधायक राकेश पांडेय के भाई हैं। दिलचस्प है कि चंद रोज पहले ही रितेश पाण्डेय भाजपा का दामन थाम चुके हैं।
हत्यारोपी विजय नारायण सिंह के हत्यारों के पकड़े जाने के बाद ही स्थिति साफ़ होगी कि विजय नारायण की हत्या पुलिस कहानी के अनुसार शाम को पार्टी में हुए वाद-विवाद के कारण हुई या इस हत्या के तार घनश्याम तिवारी हत्याकांड से जुड़े हैं?