राहुल गांधी को राजनीति विरासत में मिली, जिसके चलते उन्हें तुरंत ही सबके प्रिय और बड़े नेता बन जाना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अपने को साबित करने के लिए उन्होंने खुद को पूरी तरह झोंक दिया। 2014 के बाद भाजपा ने गोदी मीडिया के माध्यम से पूरी तरह से उन्हें एक कमजोर, अपरिपक्व और नासमझ नेता बताते हुए प्रचार-प्रसार किया। राहुल ने हार नहीं मानी। जनता के बीच लोकप्रिय होने के साथ ही, सड़क से संसद तक अपने को साबित किया।
पिछले दस वर्षों के दो कार्यकाल में मोदी ने ध्रुवीकरण को करने के लिए साम-दंड-भेद सभी तरीके अपनाए, वह सामने है। मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिक ज़हर से भरे हुए भाषण, उनके पहनावे, खान-पान, बुर्का-हिजाब, गाय की तस्करी को लेकर हुई मॉब लिंचिंग, लव जेहाद, सीएए/एनआरसी जैसे अनेक मामले सामने आए। तीसरे कार्यकाल में मुसलमानों की सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक स्थिति में कितना और कैसा बदलाव होगा? समय के साथ सामने आएगा।
गुरुग्राम में काम करते हुए एक मजदूर की हादसे में मौत हो गई। जिसमें मोनिका की मौत हो गई और लाला राम उर्फ लालू, उसकी पत्नी निर्मला उर्फ लाली और परिवार के दो सदस्य घायल हो गए। निर्माण स्थल पर खुदाई के काम में लगे हुए थे, तभी दोपहर करीब तीन बजे मिट्टी का टीला उन पर ढह गया।
देश के प्रधानमंत्री मोदी जिस गुजरात माॅडल की बात करके सत्ता में आए, उस गुजरात के विकास का सच अब सामने आया, जब प्रधानमंत्री ने राज्य के पहले एम्स का 25 फरवरी को उद्घाटन किया।
'मोदी सरकार के दस साल और यंग इंडिया के दस सवाल' के नाम से इन छात्रों ने एक अभियान शुरू किया है। इसमें उनके ऐसे शिक्षकों का भी बराबर योगदान है, जो नरेंद्र मोदी की सरकार से जवाबदेही सुनिश्चित करना चाहते हैं। सरकार से सवाल करने की कमान ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन (आइसा) ने अपने हाथ में ले ली है।