तमाम सरकारी दावों के बीच प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आदिवासी आज भी कुएं का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। पिछले तीन वर्षों से बीरभानपुर के वनवासी कुएं से पानी निकाल कर पी रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन या गांव के प्रधान की ओर से हैंडपंप को बनवाने या नया हैंडपंप लगवाने की कोई जरूरत नहीं समझी गई।
आजमगढ़ एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के लिए 10 मार्च को आजमगढ़ के दौरे पर पहुंच रहे हैं। सभा के लिए मैदान तैयार करने के लिए किसानों की फसलों को मशीनों से रौंदवा दिया गया।
संसद से यह सवाल भी किया जाना चाहिए कि क्या आरक्षण के भीतर भी आरक्षण की स्थिति साफ की जाएगी या फिर सिर्फ आरक्षण महज विशिष्ट वर्ग की महिलाओं तक ही सीमित रहेगा? यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आरक्षण के जिस विधेयक को अब मंजूरी मिली है वह पिछले 27 साल से राजनीतिक गतिरोध का शिकार होता रहा है।
मैं तो अनुमान से कह रहा हूं कि प्रधानमंत्री के विशेष वाहन की कीमत कम से कम 22 करोड़ होगी। वजह यह कि इसमें सुरक्षा उपकरण लगाए गए होंगे। इसे मिसाइल रोधी बनाया गया होगा। बुलेटप्रुफ तो खैर होगी ही। अब इस बात की चर्चा का कोई मतलब नहीं है कि देश का प्रधानमंत्री कितने करोड़ की गाड़ी में चढ़ता है। भाई, वह देश का केवल प्रधानमंत्री थोड़े ना है। वह तो इस देश रूपी कंपनी का सीईओ है। उसे बेशकीमती सूट पहनने का हक है और बेशकीमती गाड़ियों पर चढ़ने का भी। लोग हैं कि खामख्वाह सवाल उठाते रहते हैं।