गौशाला के संचालन में होने वाले अन्य व्यय जैसे सुरक्षा, पानी, छाया, चिकित्सा, टीकाकरण आदि पर होने वाले व्यय को देखा जाय तो न्यूनतम 100 प्रतिदिन प्रति पशु से कम खर्च नही होगा, ऐसे में किसी भी गौशाला को सरकारी सहायता से लम्बे समय तक संचालित कर पाना संभव और व्यवहारिक नही है। एक-दो प्रतिष्ठित और स्वनामधन्य गौशालाओं जिनका संचालन किसी बड़ी संस्था या समूह द्वारा किया जा रहा हो को कुछ आर्थिक सहयोग समाज से प्राप्त हो जाता है किन्तु ग्राम स्तर पर संचालित गौशाला के लिए यह अकल्पनीय बात है कि यहाँ कोई आर्थिक मदद समाज से सतत रूप में मिलेगी।
जैसे-जैसे साम्प्रदायिक राष्ट्रवाद और मजबूत, और मुखर होता जा रहा है वैसे-वैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों को डराने-धमकाने और उनके विरुद्ध हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा...
उत्तर प्रदेश। सहारनपुर मेें हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्यिक संस्था 'साहित्य चेतना मंच', ने अपने द्वितीय "ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान" के लिए...