डॉ. रमेश यादव द्वारा सृजित पुस्तक प्रौद्योगिकी बैंकिंग और हिंदी का विमोचन समारोह मुंबई स्थित राजभवन में महामहिम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारीजी के कर कमलों द्वारा मान्यवरों की उपस्थिति में बड़े ही गौरवपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल कोश्यारीजी ने तकनीकी विषय पर मूलरूप से हिंदी में लिखित इस पुस्तक का स्वागत करते हुए कहा कि यह पुस्तक आम से लेकर खास तक के लिए उपयोगी है। उन्होंने कहा कि तकनीकी विषयों पर इस तरह की और भी पुस्तकें भारतीय भाषाओं में आनी चाहिए ताकि हमारी भाषाएं समृद्ध हो सके।
समारोह में बतौर प्रमुख अतिथि मुंबई विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय ने हिंदी की वैश्विक स्थिति पर चर्चा करते हुए बैंकिंग जगत में भाषाओं एवं टेक्नोलॉजी के महत्व पर भाष्य करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण कृति बताया। क्योंकि इसमें बैंकिंग के साथ प्रौद्योगिकी और हिंदी पर विशेष रूप से चर्चा की गई है।
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पुस्तक के लेखक डॉ. रमेश यादव ने सभी मान्यवरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि बैंकिंग जगत लगातार परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है क्योंकि अब हम क्लास बैंकिंग, मास बैंकिंग से होते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैंकिंग की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। एक सौ बीस करोड़ जनता से जुड़ा बैंकिंग व्यवसाय आज सबके जीवन का एक अविभाज्य घटक एवं देश की आर्थिक स्थिति का मेरुदंड बन चुका है इसलिए सभी को इस व्यवसाय पर पैनी नजर रखने की जरूरत है, इस बात पर जोर दिया।
अद्विक पब्लिकेशन के निदेशक एवं प्रकाशक अशोक गुप्ता ने इस कृति को अपनी उपलब्धि बताते हुए राज्यपाल महोदय को आश्वासन दिया और आह्वान किया कि इस तरह की पुस्तकों का उनके प्रकाशन हाउस में हमेशा स्वागत किया जाएगा।
अगोरा प्रकाशन की किताबें अब किन्डल पर भी…
कार्यक्रम का सूत्र संचालन प्रसिद्ध कवि और लेखक सुभाष काबरा ने बहुत ही रोचक ढंग से किया। उपस्थित मान्यवरों में व्यंग्यकार संजीव निगम, कवि एवं अभिनेता रवि यादव, अभिनेता विनायक चव्हाण, लालबागचा राजा के अध्यक्ष बाळा साहेब कांबळे, अनंत पालव, गणेश यादव, मराठी साहित्यकार सुहास मळेकर, तकनीकी एक्सपर्ट स्वप्निल हराळे, फॅशन डिज़ाइनर नरेंद्र सोलंकी, अनुराधा, सुनीता, विद्या, तनिष्का, श्रेया और राजभवन के अधिकारी स्वेता सिंघल के साथ कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।