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आज़मगढ़ हवाई अड्डा : संसद में मंत्री ने कहा केंद्र सरकार के पास न विकास का प्रस्ताव न कोई योजना

आज़मगढ़ के मंदुरी हवाई अड्डे के विस्तार से होनेवाले आठ गाँवों के विस्थापन के खिलाफ चले लम्बे आन्दोलन और कोशिशों से पता चला है कि भारत सरकार के नागर विनानन मंत्रालय के पास इसके विस्तार की कोई योजना ही नहीं है। लालगंज के सांसद दरोगा प्रसाद सरोज के एक प्रश्न के जवाब में नागर विमानन राज्यमंत्री ने कहा है कि न तो ऐसा कोई प्रस्ताव मिला और न ही विस्तार की कोई योजना है। इससे आन्दोलनकारी किसानों को राहत मिली है लेकिन सवाल उठता है कि वे कौन लोग हैं जो दो साल से इसे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाना चाहते हैं और इसके लिए किसानों से सहमति ले रहे थे? इस विडंबनापूर्ण मामले ने कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

आजमगढ़ एक गहरी आयरनी का शिकार रहा है। करीब दो साल की जद्दोजहद और आंदोलन के बाद पता लगा है कि मंदुरी हवाई अड्डे के विस्तार को लेकर जो शोर मचाया जा रहा था वह बेबुनियाद है। लालगंज लोकसभा के सांसद दरोगा प्रसाद सरोज द्वारा लोकसभा में मंदुरी हवाई अड्डे के विस्तार को रद्द करने की मांग उठाई गई तब इस पर नगर विमानन एवम सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने जवाब दिया कि आजमगढ़ हवाई अड्डे के विस्तार का कोई प्रस्ताव ही नहीं है।

यह आजमगढ़ जिले के उन आठ गाँवों के लोगों के लिए राहत बात है जिन्होंने एक वर्ष से ज़्यादा आंदोलन किया और अपनी ज़मीन न देने पर अड़े रहे। गौरतलब है कि मंदुरी हवाई अड्डे के विस्तार के विरोध में खिरिया बाग में ऐतिहासिक आंदोलन चला जो दिल्ली के किसान आंदोलन की तरह पूर्वांचल का सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन बन गया।

लेकिन सवाल यह उठता है कि जब केंद्र सरकार को हवाई अड्डे के विस्तार का कोई प्रस्ताव नहीं मिला और न ही वहाँ से कोई योजना बनी तो वे कौन लोग थे जो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनवाना चाहते थे? खिरिया बाग आंदोलन से जुड़े किसान नेता वीरेंद्र यादव और राजीव यादव ने   कहा कि जब सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं था तो आखिर क्यों सर्वे और सहमति पत्र लिए जा रहे थे? किसानों की बहुमूल्य जमीन किसको सौंपने की साजिश की जा रही थी?

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छोटे पोस्टर पर बड़ी बात (मंदुरी गाँव में हवाईअड्डा बनने के विरोध में आंदोलन के दौरान किसानों की बात कहता यह पोस्टर, 30 नवंबर 2022)

यह भी पढ़ें- शीतलहर भी नहीं रोक पाई खिरिया बाग के किसानों का संघर्ष

मंदुरी हवाई अड्डे के विस्तार के खिलाफ चले किसान आंदोलन की बड़ी लंबी कहानी हैं जिसमें सरकारी धौंस, दमन के खिलाफ जनता का जोरदार प्रतिरोध है। रात में ड्रोन से पैमाइश किए जाने से शुरू यह कहानी उस समय गंभीर बन गई जब पैमाइश के बारे में पूछने और विरोध करने पर महिलाओं पर लाठीचार्ज किया गया। इसके बाद गाँव में आतंक फैलाने के लिए पुलिस की गाड़ियाँ दौड़ने लगीं। लेकिन ग्रामीणों ने अपनी एकजुटता और दृढ़ता से इसका जमकर मुक़ाबला किया।

प्रशासन और मीडिया ने हर कीमत पर किसानों की एकता तोड़ने और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की। आजमगढ़ के तत्कालीन सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने ऊटपटाँग बयान दिये। अखबारों ने फर्जी खबरें छापी। भाजपा के मंत्रियों और सांसदों ने लगातार अनर्गल बातें की। इसके बावजूद लोग डटे रहे। यहाँ तक कि मंदुरी परियोजना रद्द करने के लिए ही उन्होंने लोकसभा चुनाव में आज़मगढ़ से भाजपा को खदेड़ दिया और ऐसे जनप्रतिनिधियों को चुना जो उनके मुद्दों के प्रति गंभीर हों। नवनिर्वाचित सांसद दरोगा प्रसाद सरोज ने मंदुरी परियोजना को लेकर सांसद के शून्यकाल में सवाल किया जिसका उन्हें लिखित जवाब दिया गया कि केंद्र सरकार के पास इसके विस्तार का कोई प्रस्ताव नहीं है।

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देश को आजाद कराने में ही महिलाओं ने आर्थिक सहयोग नहीं  दिया बल्कि अपने खेत-खलिहान को बचाने के लिए आंदोलन में आर्थिक सहयोग करती मंदुरी गाँव की महिलाएं (आजमगढ़ में एयरपोर्ट के खिलाफ चलने वाला आंदोलन किसी राजनैतिक पार्टी के सहयोग से नहीं बल्कि गाँव की महिलाओं के नेतृत्व और सहयोग में चल रहा था। दिसंबर 2022)

फिर आज़मगढ़ प्रशासन से जुड़े लोग किसलिए सर्वे रिपोर्ट बना रहे थे?

सोशलिस्ट किसान सभा महासचिव राजीव यादव और पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव ने सांसद दरोगा प्रसाद सरोज का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि किसानों के संघर्ष का उन्होंने सम्मान किया। मानसून सत्र के पहले किसान नेताओं ने दरोगा प्रसाद सरोज से मुलाकात कर मंदुरी, आजमगढ़ हवाई अड्डे के विस्तार को रद्द करने की मांग को लोकसभा में उठाने की मांग की थी। उन्होंने 24 जुलाई 2024 को लोकसभा में यह सवाल उठाया था।

किसान नेताओं ने भाजपा के पूर्व सांसद दिनेश लाल निरहुआ से सवाल किया कि जब मंत्रालय का कोई प्रस्ताव नहीं था तो मुख्यमंत्री से लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय से किस अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए मंदुरी एयर पोर्ट का विस्तार करना चाहते थे? किस आधार पर भाजपा नेता इसे मोदी-योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट कह रहे थे?

किसान नेताओं ने मांग की कि मंदुरी एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के नाम पर अब तक जो भी करवाइयां हुईं उनकी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए कि जिस योजना का प्रस्ताव नहीं है उसके नाम पर किस आधार पर सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजने की बात आजमगढ़ प्रशासन कर रहा था? किस आधार पर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाने की कोशिश की गई?

यहां एक और महत्वपूर्ण सवाल है कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में जनवरी 2023 में बताया गया कि योजना विचाराधीन है। जब मंत्रालय कह रहा है कि कोई प्रस्ताव नहीं तो योजना के विचाराधीन होने की सूचना क्यों दी गई? विभिन्न कागजी दस्तावेजों में आजमगढ़ में हवाई पट्टी और हवाई अड्डा विस्तारीकरण, कहीं मंदुरी एयरपोर्ट विस्तारीकरण, कहीं आजमगढ़ में मंदुरी स्थित एयरपोर्ट को एयरबस A-321 के अनुकूल विकसित एवं विस्तारीकरण आदि बयान आए। एक बार जिलाधिकारी वार्ता में कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का कोई मास्टर प्लान है ही नहीं, जिसे रद्द किया जाए।

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खिरियाबाग आंदोलन महिलाओं के नेतृत्व में लगभग दो वर्ष चला, आंदोलन स्थल पर अपने अधिकार के लिए लड़ने को मुस्तैद गाँव की महिलाएं (11 नवंबर 2022)

विगत 7 नवंबर, 2022 और 2 जनवरी, 2023 को जिला प्रशासन ने मीडिया में कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए 2 फेज में ली जाने वाली 670 एकड़ भूमि का सर्वे करके रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। शासन के आदेश के बाद भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। 6 जनवरी, 2023 को विशेष सचिव (उत्तर प्रदेश शासन) कुमार हर्ष द्वारा जिलाधिकारी आजमगढ़ को भेजे पत्र में इस परियोजना को मंदुरी स्थित एयरपोर्ट को एयरबस A-321 के अनुकूल विकसित एवं विस्तारीकरण हेतु कहा गया है।

वहीं 6 जनवरी, 2023 को ही जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत दिए गए जवाब में पता चला कि आजमगढ़ में हवाई पट्टी के विस्तार हेतु प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन है। इसी में आगे कहा गया है कि शासन द्वारा भूमि अधिग्रहण के संबंध में निर्णय प्राप्त होने पर आपको नियमानुसार सूचित कर दिया जाएगा। जो परियोजना शासन में विचाराधीन थी, बिना सूचना के 15 से 20 जनवरी, 2023 के बीच सहमति पत्र के नाम पर कागज पर दस्तखत कराए जाने लगे, जिसका विरोध ग्रामीणों ने किया तो जिलाधिकारी ने 24 जनवरी, 2023 को वार्ता और धरनास्थल पर आकर कहा कि सहमति पत्र पर दस्तखत नहीं कराए जाएंगे और यह परियोजना स्थगित की जाती है। इसी दौरान ग्रामीणों ने कहा था कि परियोजना रद्द करने का लिखित शासनादेश दिया जाए।

30 जनवरी, 2023 को संदीप कुमार उपाध्याय व अन्य के शिकायती प्रार्थनापत्र पर एसडीएम सगड़ी ने लिखा कि तहसील सगड़ी की जांच आख्यानुसार शासन की मंशा के अनुसार मंदुरी हवाई पट्टी, हवाई अड्डा के विस्तारीकरण के हेतु राजस्व टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा है। जब जिलाधिकारी ने परियोजना स्थगित कर दी थी तो किस तरह का सर्वे कार्य किया जा रहा था? इसी पत्र में यह भी लिखा है कि ग्रामवासियों द्वारा अवैध रूप से सर्वे कार्य का विरोध किया जा रहा है। 13 फरवरी, 2023 को एसडीएम सगड़ी द्वारा रामनयन व अन्य के शिकायती पत्र पर लिखा गया है कि तहसील सगड़ी की जांच आख्यानुसार मंदुरी एयरपोर्ट विस्तारीकरण हेतु शासन की मंशा के अनुरूप सर्वे का कार्य किया गया है।

गौतलब है कि लालगंज सांसद दरोगा प्रसाद सरोज ने लोकसभा में मंदुरी एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के नाम पर किसानों की जमीन छीने जाने का सवाल उठाते हुए कहा था कि पच्चासी फीसदी लोगों की रोजी-रोटी, उनकी मां उनकी जमीन है, उनकी मां को जबरदस्ती छीना जा रहा है। डेढ़ दो साल से किसान आंदोलित हैं। मां को मत छीनो, मां को छीनोगे तो क्रांति हो जाएगी। हम सारे लोग आंदोलित हो जाएंगे। सरकार से मांग की कि मंदुरी हवाई अड्डे का विस्तारीकरण न हो। हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर किसानों के पक्ष में राज्यसभा में सांसद मनोज झा तो वहीं यूपी विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और स्थानीय विधायकों ने भी सवाल उठाया था।

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