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ग्राउंड रिपोर्ट

वाराणसी : 100 दिनी सत्याग्रह में आज 95वें दिन उपवास पर बैठे सोती राजभर, कैलाश मते और डॉ शिवचरण सिंह ठाकुर

गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर  शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह  का आज 95 वां दिन है।  स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान को  बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर ‘न्याय के दीप  जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह’ जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा।

आज सत्याग्रह के 95 वें दिन उपवास पर कुशल मजदूर और राजमिस्त्री सोती राजभर और महाराष्ट के गोंदिया जिले से कैलाश मते बैठे हैं। साथ में अकोला जिले के वरिष्ठ सर्वोदयी कार्यकर्ता डॉ शिवचरण सिंह ठाकुर भी उपवास पर हैं। शिवचरण ठाकुर ने तय किया है कि सत्याग्रह स्थल पर वे उपवास पर ही बैठेंगे।

गोसाईपुर हरहुआ बाजार के रहने वाले सोती राजभर एक समर्पित कर्मयोगी और अन्याय के खिलाफ आवाज उठानेवाले कार्यकर्ता हैं। पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बावजूद सामाजिक चेतना में कोई कमी नहीं है। उनके पास निर्माण का हुनर है। इनके हाथ, दिल और दिमाग साथ साथ चलते हैं। कोरोना के बाद जब सर्व सेवा संघ परिसर का नवीनीकरण का काम शुरू हुआ तो सोती इसमें लग गए। इसलिए इसे गिरा देने की खबर ने इन्हें अन्दर तक हिला दिया है। खुद हिले हैं तो अब अहंकारी सत्ता को झकझोरने के लिए समय समय पर आकर सत्याग्रह में बैठते हैं और आज उपवास पर हैं। सोती भ्रष्टाचार के विरोध में चले अन्ना आंदोलन में भी सक्रिय भागीदारी कर चुके हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ बनारस से दिल्ली तक तीन लोगों के साथ मिलकर एक पदयात्रा पूरा किया।

वे कहते हैं कि महामानवों की स्मृतियों को संजोकर रखने वाले इस परिसर को गिरा देना सभी के लिए नुकसानदेह है। सर्वोदय आंदोलन के सभी दिग्गज इस केंद्र बनाकर देश के नवनिर्माण में लगे थे।अन्ना आंदोलन के समय भी इस परिसर में अन्ना हजारे से लेकर संजय सिंह तक का यहां आना हुआ।

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कैलाश मते गोंदिया जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष हैं। ये किसान परिवार से आते हैं। अपने विद्यार्थी जीवन काल से ही गांधी विचार की पुस्तके पढ़ कर प्रभावित हुए।  2019 में डॉ शिवचरण ठाकुर के संपर्क में आये। उनके जरिए गांधी विचार से अवगत होकर और अपनी आंतरिक जिज्ञासा से वे सत्य मार्ग की तलाश में निकल पड़े।

कैलाश ‘आदिवासी समाज विकास संस्थान’ के माध्यम से सामाजिक कार्य में लगे हुए हैं। वे पाठशालाओं में जाकर गांधी विचार के द्वारा बच्चों को प्रेरित करते हैं, नशा मुक्ति कार्यक्रम चलाते हैं और पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण करते हैं।

 कैलाश मते विदर्भ भूदान बोर्ड के सदस्य और भंडारा- गोंदिया जिला के प्रतिनिधि हैं।आप अपनी आजीविका के लिए पत्नी के साथ मिलकर गोंदिया शहर में अपना किराना स्टोर चलाते हैं।

गांधीवादी विद्याधर मास्टर ने कहा कि झूठ बोलना हिंसा है, पाप है। जो हिंदू धर्म की, सनातन धर्म की, बात करते हैं, उनको जानना चाहिए कि अहिंसा और सत्य सनातन धर्म की दो आंखें हैं। मोदी और उनके मंत्रिमंडल के लोग संविधान की शपथ लेकर भी झूठ बोलते हैं। संविधान गलत का विरोध करने का और शांतिपूर्ण सत्याग्रह करने का हमें अधिकार देता है। गुजरात से गांधी और गुजरात से मोदी हैं। गांधी जी हमेशा सच बोलते थे और मोदी हमेशा झूठ बोलते हैं। झूठ बोलनेवाला गांधी का नमन करता है तो वह पाखंड के सिवा कुछ नहीं है। पाखंड का चाहे जितना प्रभाव हो, समय उसे नष्ट कर देता है। झूठ,छल और दुष्प्रचार से अर्जित लोकप्रियता क्षणिक है।

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गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर  शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह  का आज 95 वां दिन है।  स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान को  बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर ‘न्याय के दीप  जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह’ जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा। सत्याग्रह आज सर्व धर्म प्रार्थना एवं गीता पाठ के साथ अपने 95 वें पायदान पर पहुंच गया है।

आज सत्याग्रह में उपवासकर्ता  सोती राजभर, कैलाश मते एवं डॉ शिवचरण सिंह ठाकुर के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर,लोक समिति की छाया,माया, रंजना, रक्षा, सोनम राव, चंचल, पूजा देवी, बांधना, अनीता देवी,ललिता, आयुष राव, निहाल गांधी,  हेलेना लेप्चा विलास वानखेडे,  शारदा पाटिल, ऋतुजा निमाड़े, शारदा संतोष, तारकेश्वर सिंह, एस  श्रीनिवासन, शुभम मोदनवाल, मिथिलेश दुबे, उदय नारायण भारती, जोखन सिंह यादव, संतोष येरपुडे आदि शामिल थे।

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