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महिला सैन्यकर्मियों के मातृत्व, शिशु देखभाल और दत्तक ग्रहण अवकाश संबंधी प्रस्ताव को मिली मंजूरी

नई दिल्ली (भाषा)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी महिला सैन्यकर्मियों को समान रूप से मातृत्व, शिशु देखभाल और दत्तक ग्रहण अवकाश देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को बताया कि यह निर्णय सशस्त्र बलों में हर रैंक की महिलाओं की ‘समावेशी भागीदारी’ सुनिश्चित करने के सिंह के दृष्टिकोण […]

नई दिल्ली (भाषा)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी महिला सैन्यकर्मियों को समान रूप से मातृत्व, शिशु देखभाल और दत्तक ग्रहण अवकाश देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को बताया कि यह निर्णय सशस्त्र बलों में हर रैंक की महिलाओं की ‘समावेशी भागीदारी’ सुनिश्चित करने के सिंह के दृष्टिकोण के अनुरूप है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से सेना में महिलाओं को अपने पेशेवर एवं पारिवारिक जीवन को बेहतर तरीके से संतुलित करने में मदद मिलेगी तथा इससे कामकाजी स्थिति में सुधार होगा। मंत्रालय ने कहा ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, नाविकों और वायु सैनिकों के लिए उनकी समकक्ष अधिकारियों के बराबर मातृत्व, शिशु देखभाल और दत्तक ग्रहण अवकाश देने संबंधी नियमों को लागू करने से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’ मंत्रालय ने कहा, ‘इन नियमों के जारी हो जाने से सेना में सभी महिलाओं को समान रूप से ये छुट्टियां मिलेंगी, भले ही वे कोई अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक पर कार्यरत हों।’

अधिकारियों ने बताया कि इस समय महिला अधिकारियों को हर बच्चे के लिए 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता है। यह नियम अधिकतम दो बच्चों पर लागू होता है। उन्होंने बताया कि महिला अधिकारियों को संपूर्ण सेवा कार्यालय में 360 दिन का शिशु देखभाल अवकाश मिलता है। इसके लिए बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को गोद लेने की वैध तिथि के बाद 180 दिनों की दत्तक ग्रहण छुट्टी दी जाती है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘अवकाश संबंधी नियमों के विस्तार से सशस्त्र बलों में महिला-विशिष्ट पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं से निपटने में काफी मदद मिलेगी।’ उसने कहा, ‘इस कदम से सेना में महिलाओं के लिए कामकाजी स्थितियों में सुधार होगा और उन्हें पेशेवर एवं पारिवारिक जीवन में बेहतर तरीके से संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।’ मंत्रालय ने आगे कहा कि तीनों सेनाओं ने ‘नारी शक्ति’ का उपयोग करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप सैनिकों, नाविकों और वायु सैनिकों के रूप में महिलाओं को शामिल करके एक बड़े बदलाव की शुरुआत की है। उसने कहा, ‘महिला अग्निवीरों की भर्ती किए जाने से सशस्त्र बल देश की भूमि, समुद्र और हवाई सीमाओं की रक्षा के लिए महिला सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं की बहादुरी, समर्पण और देशभक्ति से सशक्त होंगे।’ मंत्रालय ने कहा, ‘दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनाती से लेकर युद्धपोतों पर तैनात होने के साथ-साथ आसमान में श्रेष्ठता दिखाने तक भारतीय महिलाएं अब सशस्त्र बलों में लगभग हर क्षेत्र में बाधाओं को पार कर रही हैं।’ उसने कहा, ‘भारतीय सेना में सैन्य पुलिस कोर में सैनिकों के रूप में 2019 में महिलाओं की भर्ती करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की गई।’ उसने कहा कि सिंह का हमेशा से मानना रहा है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में अपने पुरुष समकक्षों के बराबर होना चाहिए।

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