1990 का दशक कितना महत्वपूर्ण दशक था। भारत की बात करूं तो इस दशक ने भारत की तस्वीर ही बदल दी। एक तो मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू हुई। इसी दशक की शुरुआत में डॉ. आंबेडकर को भारत रत्न का सम्मान दिया गया। और इसी दशक में ग्लोबलाइजेशन का विस्तार हुआ। भारत विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बना।

इस देश में वामपंथ को भी बेकसूर नहीं माना जा सकता है। वजह यह कि इस देश ने वामपंथ पर भी बहुत विश्वास किया। असंख्य लोगों ने इसके लिए कुर्बानियां दी हैं। और इसके बदले वामपंथ ने इस देश को कुछ ऐसा दिया हो, जिसका कि मैं उल्लेख करूं, मेरे पास नहीं है। यदि है तो वह राष्ट्रवाद का उभार है और यह राष्ट्रवाद भी राष्ट्र के प्रति समर्पण नहीं, अवसरवादिता है। समाजवादियों की अय्याशी और वामपंथियों की खिलंदड़ी ने आरएसएस जैसे संगठन को मजबूत होने दिया।

नवल किशोर कुमार फॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
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