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टिकट के दाँव-पेच में फिसड्डी साबित हुये हैं सत्यदेव पचौरी

कानपुर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी प्रबल दावेदारों में थे. काटे गए 46 सांसदों की टिकट में उनका नाम भी शामिल है. इस सीट के लिए अभी भाजपा शीर्ष नेताओं के बीच मंथन चलने जैसी बात सामने आ रही है. कहा तो यह भी जा रहा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में एक-एक सीट पर कई-कई दावेदार थे.

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। सूची में 34 केंद्रीय मंत्री, गृह मंत्री अमित शाह गांधीनगर से एक बार फिर मैदान में होंगे। 28 महिलाओं को भी टिकट मिली है। 57 प्रत्याशी पिछड़ा वर्ग के शामिल किए गए हैं। इसके अलावा बीजेपी ने 47 ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है, लेकिन इन सभी नामों में कानपुर से लोकसभा सांसद सत्यदेव पचौरी के नाम की घोषणा न होना शनिवार पूरे दिन चर्चाओं के केंद्र में रहा।

कानपुर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी प्रबल दावेदारों में थे। काटे गए 46 सांसदों की टिकट में उनका नाम भी शामिल है। इस सीट के लिए अभी भाजपा शीर्ष नेताओं के बीच मंथन चलने जैसी बात सामने आ रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में एक-एक सीट पर कई-कई दावेदार थे। इसकी वजह से टिकट बंटवारे के समय दावेदारों के बीच आपसी टकराव की बात सामने आती रही।
अब जब सत्यदेव पचौरी का टिकट कटा है तो यह चर्चा तेज हो गई है कि इस बार कानपुर नगर की लोकसभा सीट पर भाजपा शीर्ष कमान का फैसला चौंका सकता है। अभी तक इस सीट के लिए जिन दावेदारों का नाम प्रमुख तौर पर लिया जा रहा है उनमें पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह, लोक गायिका मालिनी अवस्थी, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशू दत्त द्विवेदी का नाम शामिल है।

क्या उम्र है वजह?

कुछ लोग मानकर चल रहे हैं कि पचौरी 75 वर्ष की उम्र को पार कर गए हैं इसलिए उनका टिकट काटा गया।  चर्चा यह भी है कि यदि उम्र मायने रखती तो मथुरा से हेमा मालिनी का टिकट पहले कटना चाहिए।  हेमा के अलावा और भी की प्रत्याशी ऐसे हैं जो 75 पार कर चुके हैं। खुद वाराणसी से मां गंगा के नाम पर चुनाव लड़ रहे पीएम मोदी भी इसी उम्र सीमा के आस-पास घूम-झूल रहे हैं, तो आखिर ऐसी क्या वजह रही जो पचौरी को दरकिनार कर दिया गया?

नगर निगम चुनाव में हुई थी बगावत की शुरुआत

जब साल 2023 में नगर निगम के चुनाव हुए थे तब इस चुनाव में सत्यदेव पचौरी अपनी बेटी नीतू सिंह को चुनाव लड़ाना चाहते थे। उन्होंने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था, लेकिन आखिरी समय मेयर रही प्रमिला पांडेय को फिर से टिकट मिल गया। प्रमिला पांडेय को दोबारा टिकट दिलाने में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का अहम किरदार था। यहीं से बगावत शुरू हो गई और नगर भाजपा दो धड़ों में बंट गई। पचौरी ने खुलकर चुनाव में प्रमिला पांडेय का साथ नहीं देने की घोषणा तक कर दी थी। उनकी इस घोषणा से कद्दावर भाजपा नेता सतीश महाना को भी धक्का लगा था। महाना ने दिन-रात एक कर प्रमिला पांडेय को चुनाव में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। यह चुनाव दोनों नेताओं की प्रतिष्ठा से भी जुड़ गया था, जिसमें महाना ने बाजी मार ली। बस, यहीं से पचौरी को 2024 लोकसभा चुनाव में दरकिनार किए जाने की पटकथा लिखी जाने लगी थी।

अपनी मर्जी चलाने लगे थे पचौरी

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का मानना है कि सांसद सत्यदेव पचौरी उर्फ बाबूजी पिछले कुछ सालों से अपनी मर्जी से काम करने लगे थे। वह पार्टी के शीर्ष नेताओं तक को वह तवज्जो नहीं देते थे जो पार्टी के बाकी नेता देते थे। नगर निगम चुनाव में उन्होंने पार्टी के कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं की न सिर्फ शिकायत की थी बल्कि उन्हें पार्टी की सदस्यता से भी बाहर करा दिया था। किसी उद्घाटन, लोकार्पण में खुद को आगे रखना, हर एक काम का श्रेय स्वयं ले लेना, किसी अन्य नेता के हस्तक्षेप पर रूठ जाना, अपने अलावा सभी को कमतर आंकना, ऊल-जुलूल बयानबाजी करना आदि तमाम कारण हैं उनका टिकट काटे जाने के।

महाना हो सकते हैं नगर प्रत्याशी

राजनीतिक जानकारों की मानें तो यदि सब कुछ ठीक रहा तो लगातार 8 बार से विधायकी जीत रहे वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। उन्हें केंद्र की राजनीति में जगह दी जा सकती है। चर्चा है कि सतीश महाना शनिवार को दिल्ली दरबार निकल गए हैं। हालांकि नीतू सिंह भी महाना से पहले दो दिन दिल्ली में गुजारकर शनिवार को ही कानपुर लौटी हैं, जिसके तुरंत बाद महाना रवाना हो गए।
बहरहाल, बीजेपी हाईकमान के बीच कानपुर सीट को लेकर क्या पक या चल रहा है इसे बाहर आने में कुछ वक्त लग सकता है। अलबत्ता कयास है कि जो कुछ भी बाहर आएगा या जो नाम घोषित होगा वह चौंकाने वाला जरूर होगा।  अब वह कौन होगा यह समय आने पर पता चल ही पाएगा।

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