पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके पिता और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के बारे में की गई टिप्पणियों के एक दिन बाद रविवार को पलटवार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए उनके शासन के 10 वर्षों में रेलवे ने क्या उपलब्धि हासिल की।
तेजस्वी यादव ने बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित एक ‘विशाल’ रैली में प्रधानमंत्री के आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अखिल भारत कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी जैसे प्रमुख विपक्षी नेता मौजूद थे जिन्होंने रैली को संबोधित किया।
औरंगाबाद और बेगूसराय जिलों में एक के बाद एक की गई रैलियों में मोदी द्वारा दिए गए भाषणों का जिक्र करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ‘मोदी जी ने कल अप्रत्यक्ष रूप से मुझ पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि मैं अपने पिता के कार्यों के बारे में बोलने से झिझकता हूं। मैं उन्हें जवाब दे रहा हूं। मैं यहां जन सैलाब के सामने बोल रहा हूं।’
उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता ने यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार में रेलवे का कायापलट कर दिया था। पहले यह घाटे में चल रही था लेकिन उनके नेतृत्व में इसने 90,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। उन्होंने कुलियों को स्थायी नौकरियां भी दीं और कुल्हड़ के इस्तेमाल को शुरू करवाया जिससे हमारे कुम्हार भाइयों को लाभ पहुंचा।’
तेजस्वी ने कहा, ‘सबसे बढ़कर लालू जी (1990 के दशक में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में) ने बिहार में सामाजिक न्याय को एक वास्तविकता बना दिया। जहां अब कोई भी दलित वर्गों को कुओं से पानी भरने के उनके अधिकार से इनकार करने या उन्हें अपने जूते उतारने के लिए मजबूर करने की हिम्मत नहीं कर सकता है।’
यादव ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि उनके 10 साल के शासन में उनकी उपलब्धि क्या है। ऐसा लगता है कि वह रेलवे को निजी क्षेत्र को सौंप रहे हैं। वह किसे फायदा पहुंचाना चाहते हैं। जनता को या पूंजीपतियों को।’
लालू प्रसाद के रेल मंत्रित्व काल के दौरान नौकरी के बदले भूखंड घोटाले में तेजस्वी यादव को भी आरोपित बनाया गया है। हालांकि, वह घटना के समय नाबालिग थे।
मामले में नामित अन्य लोगों में उनकी मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बड़ी बहन तथा राज्यसभा सदस्य मीसा भारती शामिल हैं।
युवा राजद नेता ने प्रधानमंत्री द्वारा परिवारवाद की राजनीति को लेकर उनके परिवार को निशाना बनाने पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि मोदी क्या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में सत्ता का आनंद ले रहे विभिन्न राजनीतिक परिवारों से आने वाले नेताओं से अनभिज्ञ हैं।
तेजस्वी यादव ने भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का उदाहरण दिया जिनके पिता अपने समय के प्रसिद्ध नेता थे।
उन्होंने नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में मंत्री संतोष सुमन जिनके पिता जीतन राम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री हैं और पशुपति कुमार पारस, जिन्हें बड़े भाई राम विलास पासवान की मृत्यु के बाद नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, का भी उदाहरण दिया।
उन्होंने चौधरी को ‘बड़बोले’ भी कहा और कहा कि भाजपा नेता ने पिछले 10 वर्षों में चुनाव का सामना नहीं किया है। आखिरी बार विधानसभा के सदस्य राजद के टिकट पर बने थे।
बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के महागठबंधन से अचानक नाता तोड़कर राज्य में भाजपा नीत राजग की नयी सरकार बना लेने पर उपमुख्यमंत्री पद खो चुके तेजस्वी यादव ने कहा, ‘मोदी अपनी गारंटी के बारे में दावा करते हैं। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह गारंटी दें कि चाचा नीतीश कुमार फिर से पलटी नहीं मारेंगे।’
कुमार के बार-बार पाला बदलने पर एक हिंदी फिल्म के मशहूर गाने ‘इधर चला मैं उधर चला’ को दोहराते हुए तेजस्वी ने कहा, ‘नीतीश चाचा भी इस गाने की तरह ही काम करते हैं और बार-बार अपना पाला बदलते हैं।’
भाजपा को ‘झूठों’ की पार्टी बताते हुए यादव ने आरोप लगाया, ‘वे आपको थाली में गोबर परोसते हैं, लेकिन कहते हैं कि यह गाजर का हलवा है।’
तेजस्वी की पार्टी पर अक्सर उनकी जाति के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी से एक अपील करना चाहता हूं। यदि आप तेजस्वी से प्यार करते हैं, तो कृपया दलितों और अत्यंत पिछड़े वर्गों के साथ अच्छा व्यवहार करें।’
युवा नेता ने कहा कि राजद को जिस शुरुआती अक्षर से जाना जाता है उसका मतलब भी ‘अधिकार, रोजगार और विकास’’ है।