Sunday, November 24, 2024
Sunday, November 24, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमपूर्वांचलआजमगढ़ किसान आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए होगा क्रमवार सत्याग्रह

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

आजमगढ़ किसान आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए होगा क्रमवार सत्याग्रह

जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसान आन्दोलन को व्यापक बनाने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के अगल-बगल के गावों में क्रमवार सत्याग्रह किया जाएगा।

फूलपुर (आजमगढ़)। जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसान आन्दोलन को व्यापक बनाने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के अगल-बगल के गावों में क्रमवार सत्याग्रह किया जाएगा। आगामी दिनों में बड़ी किसान पंचायत की जाएगी जिसके लिए गावों में बैठकों का आयोजन तय है। यह फैसला अंडिका बाग में किसानों-मजदूरों ने बैठक कर लिया। इस दौरान पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि आजमगढ़ के अंडिका, बखरिया, छज्जोपटी, सुलेमापुर खुरचंदा, खन्डौरा, बरामदपुर गावों की जमीनों का किया गया गैरकानूनी सर्वे जब तक रद्द नहीं किया जाएगा, तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। इस गैरकानूनी सर्वे ने किसानों-मजदूरों की नींद छीन ली है। किसान-मजदूर सदमें में हैं। बैठक में किसानों-मजदूरों ने तय किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर सर्वे रद्द करने की मांग की जाएगी।

जन आंदोलन का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) के राष्ट्रीय समन्वयक और किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि महिलाएं अपनी जमीन, मकान बचाने के लिए खिरिया बाग से लेकर अंडीका बाग तक धरने पर बैठी हैं। कड़ाके की ठंड के बाद तपती दोपहरी और तेज लू के बीच चल रहे किसान कड़ी तपस्या कर रहे हैं कि जमीन अधिग्रहण की योजना रद्द हो जाए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की इस एकता को तोड़ना चाहती है। आज जरूरत है कि पूरे आजमगढ़ के किसान एक जुट हों। इस एकजुटता के लिए पूरे आजमगढ़ समेत पूर्वांचल के गावों में भी अभियान चलाकर खिरिया बाग और अंडिका बाग आंदोलन के लिए समर्थन हासिल किया जाएगा।

यह भी पढ़ें…

कृषि योजनाओं के बावजूद हो रही किसानों की दुर्दशा

ज्ञात हो कि, पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव ने चार जून, 2023 को रात आठ बजे अंडीका गांव में पुलिस द्वारा महिलाओं से कागज पर जबरन हस्ताक्षर कराने पर विरोध दर्ज किया था। राजीव ने कहा कि कानून के खिलाफ रात में महिला पुलिस के बगैर की गई यह करवाई महिलाओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का यही जुर्म है कि वो धरना करती हैं, तो यह जुर्म नहीं लोकतांत्रिक अधिकार है।

राजीव यादव ने कहा कि खिरिया बाग और अंडिका बाग में चल रहा किसानों-मजदूरों का धरना पर्यावरण बचाने की असली लड़ाई है। सरकारी कागजों में पर्यावरण को बचाने के दावे होते हैं, पर हकीकत में उसे तबाह किया जाता है। पेड़, पौधे, जल, जंगल सबको खत्म कर विकास का दावा किया जा रहा है। मंदुरी में एयरपोर्ट बनाकर बड़े पैमाने पर पर्यावरण को प्रदूषित करने की साजिश की जा रही है, जिसके खिलाफ किसान आठ महीने से ज्यादा समय से धरने पर बैठे हैं।

हवाई जहाज उड़ने में जो पेट्रोलियम पदार्थ जलेगा वो बड़े पैमाने पर प्रदूषण करेगा। हवाई जहाज की तेज आवाज पक्षियों को खत्म कर देगी और बड़े पैमाने पर ध्वनि, वायु प्रदूषण करेगी। हवाई अड्डे के नाम पर जो जमीन ली जा रही है, उस पर बड़े पैमाने पर पेड़, तालाब, कुएं, नहर जो हैं, सब खत्म हो जाएंगे। यह क्षेत्र जैव विविधता वाला है जहां राष्ट्रीय पक्षी मोर, अजगर जैसे बहुत से जीव जंतु हैं, जिनका जीवन समाप्त हो जाएगा। औद्योगिक पार्क, क्षेत्र के नाम पर लगने वाले प्लांट पानी और भूमि का दोहन करेंगे, जिससे आसपास की खेती भी बरबाद हो जाएगी।

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के नाम पर पहले ही बड़े पैमाने पर बहुफसली जमीन और उपजाऊ मिट्टी का दोहन हो चुका है। खिरिया बाग, अंडिका बाग की महिलाएं पर्यावरण को बचाने की जो लड़ाई लड़ रही हैं, उन्हें पुरस्कार मिलना चाहिए, लेकिन उनके ऊपर फर्जी मुकदमें दर्ज कर उन्हें कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।

अपर्णा
अपर्णा
अपर्णा गाँव के लोग की संस्थापक और कार्यकारी संपादक हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here