सरकार योजनाएँ लाती है और इसके लिए करोड़ों रुपए का बजट पास करती है। योजना की घोषणा के बाद लगता है कि अब सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी लेकिन तंत्र में बैठे लोग योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने की जुगत लगाते हैं। ऊपर तो भ्रष्टाचार है ही नीचे वाले जो सीधे जनता से जुड़े होते हैं, वे भी गरीब मजदूर जनता को साफ-साफ ठगने का काम करते हैं। योगी सरकार का दावा है कि हर रोज 40 हजार नए नल में पानी की आपूर्ति हो रही है, गाँव में नल तो लगे हुए हैं लेकिन अधिकाशत: नलों में पानी की जगह हवा निकल रही और जो दावे की पोल खोल रही है। वाराणसी के नहवानीपुर नट बस्ती से अपर्णा की ग्राउंड रिपोर्ट
वर्ष 2014 के बाद पूरे देश में सांप्रदायिक ताकतों के साथ भगवाकरण की राजनीति ने जोर पकड़ा है। देश के बड़े विवि से लेकर विद्यालयों तक में इसका असर देखने को मिल रहा है। इन संस्थानों में नियुक्ति से लेकर पाठ्यक्रम तक का खुल कर भगवाकरण किया जा रहा है। जो इस रंग में नहीं रंगे उन्हें देशद्रोही और अर्बन नक्सली कह जेल में डाल दिया गया। यही स्थिति पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाला इलाहाबाद केन्द्रीय विवि की है, जहां 27 नवंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में विवि की रेक्टर माननीया आनंदी बेन पटेल को आमंत्रित न कर सांप्रदायिक बयान देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया गया है। जिसका सभी छात्र दल विरोध कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में तीस लाख करोड़ के निवेश को दावे को पेड मीडिया ने जितने जोर-शोर से प्रचारित करना शुरू किया उतनी शिद्दत से इस निवेश के कारण किसानों की ज़मीनों की लूट और हड़प की मंशा पर विचार नहीं किया गया लेकिन अयोध्या में हुई ज़मीनों की लूट और प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विभिन्न योजनाओं के लिए कि सानों की ज़मीन औने-पौने में हथिया लेने की चालाकियों ने लोगों के कान खड़े कर दिए हैं। इस निवेश की सचाई बहुत भयावह है। उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी स्थितियों और गतिविधियों पर मनीष शर्मा की यह खोजपूर्ण रिपोर्ट।
पूरे देश की कानून व्यवस्था अब हिन्दुत्ववादी संगठनों के अनुसार चल रही हैं। हर आयोजन पर उनकी यह साजिश रहती है कि किस तरह धर्म के नाम पर साम्प्रदायिक हिंसा को भड़काया जाए। बहराइच में हुए साम्प्रदायिक दंगे के बाद मारे गए रामगोपाल मिश्र के परिवारजनों से मुख्यमंत्री योगी ने जिस तरह मुलाक़ात कर सहानूभूति दिखाई, इसके बाद हिन्दू अपराधी को खुले आम अपराध करने का साहस मिलेगा। रिहाई मंच ने बहराइच में हुए दंगे और स्थितियों को लेकर सवाल उठाये हैं।
'किसान अन्नदाता हैं' सुनने में यह बहुत अच्छा लगता है लेकिन किसान आज किस हाल में खेती कर पा रहे हैं, यह उनसे पूछने पर मालूम होगा। कहीं बीज नहीं मिल पा रहा है, तो कहीं खाद की समस्या है, कहीं बिजली नहीं तो कहीं सिंचाई के लिए पानी का अभाव है। किसानों के लिए अनेक योजनायें हैं लेकिन या तो कागज पर हैं या जो लागू हैं उनमें बहुत ही घालमेल है, जिसकी वजह से वह किसानों तक नहीं पहुँच पा रही हैं। मिर्जापुर जिले के अति पिछड़े इलाके मड़िहान तहसील में सिरसी पम्प कैनाल में पानी नहीं आ पाने के कारण किसानों की फसल सूखने की कगार पर है। पढ़िए संतोष देव गिरि की रिपोर्ट
जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में आए दिन महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं घटित हो रही हैं उससे यह प्रतीत होता है कि सरकार लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही है।
उत्तर प्रदेश के कासगंज हादसे का कारण अधिक स्पीड से गाड़ी चलाने की बातें भले ही सामने आ रही हो लेकिन पुलिस थोड़ी सी भी सतर्क रहती तो हादसे को टाला जा सकता था।
आखिर क्यों उत्तर प्रदेश में हो रही प्रतियोगी परीक्षाएं धांधली की भेंट चढ़ रही है। लगातार प्रदर्शन और विरोध के बाद योगी ने पुलिस परीक्षा रद्द कर दुबारा कराने की कही है लेकिन क्या दुबारा होने वाली परीक्षा बिना किसी धांधली के हो जाएगी? सवाल यह है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक तरफ प्रदेश में बेरोजगारी दर कम करने और रोजगार सृजन का दावा कर रही है वहीं दूसरी तरफ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र सरकार पर भर्ती प्रक्रिया न शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं।
सेवा में,
थानाध्यक्ष
थाना अतरौली, जिला हरदोई
दिनांकः 6 सितम्बर, 2023
विषयः गौढ़ी गौ-आश्रय स्थल पर 7 अगस्त एवं अन्य गौशालाओं/गौ-आश्रय स्थलों पर मरने वाले गोवंश के लिए...
अफलातून दीवाल पर लगी एक नोटिस की तरफ इशारा करते बताते है कि एविक्शन का एक आर्डर 27 जून को आया था (जो सर्व सेवा संघ के प्रकाशान भवन के सामने चस्पा था) जिसमें 30 जून तक खाली करने का आदेश था। जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश एक बार आ गया तो उन्हें एविक्शन का एक फ्रेश आर्डर देना चाहिए था। क्या ऐसा कोई आर्डर अभी प्रशासन के पास है या प्रशासन ने सर्व सेवा संघ को ऐसी कोई नोटिस हाल-फ़िलहाल में जारी की है?