Thursday, November 21, 2024
Thursday, November 21, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमपूर्वांचलशिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह मुफ्त और जनसुलभ बनाने के लिए भाजपा...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह मुफ्त और जनसुलभ बनाने के लिए भाजपा को हराना होगा

भाजपा सरकार की नीतियाँ हमेशा से जन विरोधी रही हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा उन्हीं में से एक है। यह पूरी तरह मजदूर, किसान एवं आम जनता के बच्चों के लिए शिक्षा से बेदखली का दस्तावेज है।

सलेमपुर देवरिया सोहनाग मोड, पांडेहाता में समान शिक्षा आंदोलन, उत्तर प्रदेश के सहसंयोजक डॉक्टर चतुरानन ओझा, शिक्षक नेता अनिल शर्मा एवं पंचायत आंदोलन के प्रतिनिधि गुलाब यादव ने संयुक्त प्रेस वार्ता के माध्यम से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 NEP के रूप में निहायत असंवैधानिक, आम जनता के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने वाली शिक्षा व्यवस्था लागू करने के लिए जिम्मेदार भाजपा सरकार को लोकसभा चुनाव में परास्त करने के लिए वोट करने के लिए सभी से अपील की है।

प्रेस वार्ता में बोलते हुए डॉक्टर चतुरानन ओझा ने कहा कि देश में शिक्षा शास्त्रियों, शिक्षकों एवं बुद्धिजीवों के विरोध के बावजूद मनमाने तरीके से कॉर्पोरेट परस्त, आईएमएफ जैसी विदेशी संस्थाओं मिलीभगत से प्रदेश सरकारों के संवैधानिक अधिकारों का दमन कर एकीकृत घोर जनविरोधी शिक्षा प्रणाली के रूप में NEP 2020  लागू कर दिया गया है। यह पूरी तरह मजदूर, किसान एवं आम जनता के बच्चों के लिए शिक्षा से बेदखली का दस्तावेज है। इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP को पूरी तरह रद्द कर सबके लिए प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की पढाई पूरी तरह मुफ्त होनी चाहिए। इसके साथ ही सरकारी सहायता पर आधारित वैज्ञानिक शिक्षा व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। निजी शिक्षा व्यवस्था, पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) की व्यवस्था पूरी तरह खत्म होनी चाहिए। समान शिक्षा की लड़ाई को आगे बढ़ाने और उसे लागू करवाने के लिए सबसे जरुरी है वर्तमान भाजपा सरकार को लोकसभा में परास्त किया जाए, जिससे हमें अपनी बात को उठाने के लिए लोकतांत्रिक स्थान उपलब्ध हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि यह सरकार विश्व गुरु बनाने का दावा करते हुए हमें मजदूर बना रही है। एक तरफ इस देश से कई लाख बच्चे विदेशों में जाकर पढ़ने के लिए विवश हैं और इस देश की भारी धनराशि विदेश में फीस के रूप में जा रही है, दूसरी ओर विदेशी विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को देश में अपनी शाखा खोलने की अनुमति दी गई है। शिक्षा पर खर्च होने वाले बजट में पहले से काफी कटौती कर दी गई है। सरकार की यह नीति भारत को विश्व दास बनाने वाला है। ऐसा करने वाली सरकार को अब और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, शिक्षा पूरी तरह मुफ्त और सरकारी सहायता पर आधारित होनी चाहिए। शिक्षा बजट कुल बजट का 15% सुनिश्चित किया जाना चाहिए तभी वास्तव में इस देश के ज्ञान विज्ञान और संसाधनों का समुचित विकास किया जा सकेगा और भारत को सुखी और समृद्ध देश  बनाया जा सकेगा। इसके लिए सभी शिक्षकों छात्रों एवं जागरूक नागरिकों को एकजुट होकर वर्तमान बीजेपी सरकार को परास्त करने के लिए वोट करना चाहिए, जिससे कि संविधान सम्मत समाजवादी समाज और वैज्ञानिक शिक्षा व्यवस्था को लागू करने की दिशा में अपनी लड़ाई को मजबूत किया जा सके।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here