न्याय के दीप जलाएं सत्याग्रह का आज 98 वे दिन शास्त्री घाट, कचहरी, वाराणसी पर चल रहे सत्याग्रह को पूर्वांचल बहुजन मोर्चा ने दिया समर्थन
आज सत्याग्रह सुबह 6 बजे सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ शास्त्री घाट, कचहरी, वाराणसी पर प्रारम्भ हुआ। आज उपवास पर जाने -माने सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार, महाराष्ट्र के वरिष्ठ सर्वोदयी डॉ शिवचरण ठाकुर,लता ताई राजपूत,अर्जुन बलिराम जाधव, डॉ बालाजी कोंपलवार और जोखन सिंह यादव(चंदौली) बैठे हैं। हमेशा की तरह आज भी डॉक्टर शिवचरण ठाकुर और जोखन सिंह यादव सत्याग्रह स्थल पर उपवास पर हैं।
हिमांशु कुमार की ख्याति एक ग्रास रूट कार्यकर्ता के रूप में है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में वनवासी चेतना आश्रम नाम से एक गांधीवादी केंद्र बनाकर आदिवासियों के हक और अधिकार के लिए सक्रिय हुए।
62 वर्षीय बालाजी कोंपलवार नांदेड़ जिले के निवासी हैं। सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष गंगा प्रसाद अग्रवाल के मार्फत वे 1985 में सर्वोदय विचार से जुड़े। बचपन में वे समाजवादी विचारधारा से प्रेरित होकर राष्ट्र सेवा दल में भी सक्रिय रहे थे और योग बिरादरी के अध्यक्ष के रूप में अपना योगदान दिया था।
महाराष्ट्र के उस्मानाबाद के रहने वाले अर्जुन बलिराम जूनियर 74 वर्षीय अर्जुन इस ठंड में बनारस आकर सत्याग्रह में शामिल हुए हैं।1974 के आंदोलन के समय लोकनायक जयप्रकाश नारायण जब वर्धा आए थे और वहां एक युवा सम्मेलन आयोजित हुआ था तो वे एक छात्र के रूप में अपने शिक्षक द्वारा प्रेषित करने पर शामिल हुए थे। बाद में वे छात्र युवा संघर्ष वाहिनी में शामिल हुए।
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लता ताई राजपूत, बुलढाणा, महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। गांधी विचार के बीज तो बचपन में ही पड़ गए थे और वह उम्र के साथ-साथ विकसित होता रहा। एक गांधीवादी समाज सेविका के रूप में प्रचलित लता ताई बुलढाणा जिला सर्वोदय मंडल की अध्यक्ष भी हैं।
आज सत्याग्रह के समर्थन में पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के संयोजक डॉ अनूप श्रमिक मोर्चा के गाजीपुर के प्रभारी और पूर्वांचल के सचिव डॉ गोरख नाथ, बनारस के प्रभारी संतोष पटेल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
पुर्वांचल मोर्चा के संयोजक अनूप श्रमिक ने कहा कि वर्तमान दौर विपक्ष के तमाम विचारधाराओं गांधीवादी, अंबेडकरवादी, मार्क्सवादी, समाजवादी, नारीवादी विचार के लोगो पर सरकार दमन कर रही है। यही नहीं उनके धरोहरों को भी गैर संवैधानिक तरीके से जबरिया कब्जा कर रही है। ऐसे में जरूरत है कि इस सत्ता के मनमानेपन के खिलाफ और संवैधानिक मूल्यों को बचाने के लिए एकजुटता दिखाने की जरूरत है। अतः पूर्वांचल बहुजन मोर्चा सर्व सेवा संघ को गैर संवैधानिक तरीके से जबरिया खाली कराने और कैंपस को बुल्डोजर चलाये जाने की निंदा करती है और निकट भविष्य में सर्व सेवा संघ के संघर्षों का समर्थन करती है।
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19 दिसंबर 1927 को स्वतंत्रता आंदोलन के तीन क्रांतिकारियों- राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह और अशफाकुल्ला को फांसी दी गई थी। संत से लेकर शहीद तक, सभी हमारे पुरखे हैं। इस सत्याग्रह में समाज निर्माण का संकल्प समाहित है।
आज सत्याग्रह में उपवास पर हिमांशु कुमार, लता ताई राजपूत, अर्जुन बलिराम जाधव, डॉ बालाजी कोंपलवार, डॉ शिवचरण सिंह ठाकुर एवं जोखन सिंह यादव* के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर, सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर सुगन बरठ, सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह एवं अरविंद अंजुम, महाराष्ट्र सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रमेश दाने एवं महामंत्री चंद्रकांत चौधरी, संजय जोशी, पुष्पा ताई अजबे, निर्मला शर्मा, नेहा शर्मा, कर्नाटक के डॉ वी प्रशांता, जागृति राही, अजय यादव, डॉ गोरखनाथ, रेनू देवी, सविता, मिथिलेश दुबे, संतोष पटेल, अमिताभ पटेल, अनूप श्रमिक, मैंनब बानो, तारकेश्वर सिंह, किसान यूनियन के लक्ष्मण प्रसाद स्वराज अभियान के अहमद अंसारी, गाजीपुर से कृषि भूमि बचाओ मोर्चा के शिवाजी सिंह विजय शंकर पांडे रमकुमार भारती आदि शामिल थे। (जागृति राही, नंदलाल मास्टर)सत्याग्रह प्रभारी