मोदी सरकार ने जीएसटी को पीएमएलए कानून (धन-शोधन निवारण अधिनियम, 2002) से जोड़कर व्यापारियों के गले में फांसी का फंदा डाल दिया है। मोदी सरकार ने जीएसटी को पीएमएलए कानून से जोड़कर व्यापारियों के लिए एक मुसीबत खड़ा कर दिया है। इस कानून के कारण व्यापारियों द्वारा की गयी छोटी सी भूल उन्हें जेल तक भेज सकती है। इसे लेकर व्यापारियों में भारी रोष है और उन्होंने सरकार को चुनाव में सबक सिखाने का फैसला कर लिया है। आने वाले समय में व्यापारियों की नाजायज गिरफ्तारियां होंगी। जीएसटी में होने वाली हलकी सी चूक पर भी ईडी उठा ले जाएगी। यह बातें पत्रकार वार्ता के दौरान वरिष्ठ व्यापारी नेता व अखिल भारतीय उद्योग व्यापार महासम्मेलन के प्रदेश महामंत्री शैलेंद्र अग्रहरि ने मिर्ज़ापुर में कहीं।
श्री अग्रहरि ने कहा कि देश में चल रही मोदी सरकार ने जीएसटी को पीएमएलए कानून से जोड़कर व्यापारियों के लिए नया इंस्पेक्टर राज खड़ा कर दिया है। जीएसटी से संबंधित चूक होने पर भी ईडी द्वारा व्यापारी को पीएमएलए कानून के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सरकार खुद हजारों संशोधन करने के बाद भी जीएसटी पर स्पष्ट कानून नहीं बना पाई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कानून को अस्पष्ट माना है और खुद व्याख्या करने की भी चेतावनी दी है। ऐसे कानून को पीएमएलए से जोड़ना भविष्य में भ्रष्टाचार और शोषण को बढ़ावा देगा।
मोदी सरकार की मंशा व्यापारियों के सामने आ चुकी है। यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बनता जा रहा है। यहां की सांसद उद्योग और वाणिज्य मंत्री रहते हुए भी इस क्षेत्र में मिर्जापुर के लिए कोई काम नहीं कर पाई। मिर्ज़ापुर का पीतल उद्योग, कालीन उद्योग, पटरी उद्योग, काष्ठ उद्योग, पत्थर उद्योग, दम तोड़ रहा है। ना तो उद्यम प्रोत्साहन ना ही निर्यात प्रोत्साहन में कोई काम किया गया।
फर्जी प्रचार के दम पर विकास यात्रा की गाथा गाने वालों से सावधान होना होगा क्योंकि अब जनता सब कुछ जान चुकी है। व्यापारी समाज को ठगना, उनसे छलावा करना इन चुनाव में भारी पड़ने वाला है। व्यापारी वर्ग में बेहद नाराजगी है, मिर्ज़ापुर से अब उनकी विदाई तय है।
जीएसटी कानून को पीएमएलए से जोड़ने पर इंस्पेक्टर राज बढ़ेगा
जीएसटी के प्रावधानों से परेशान व्यापारी पीएमएलए में जब जेल चला जाएगा तो बरसों बरस जमानत नहीं होगी। केवल फर्जी दिलासा देने का काम यह सरकार कर रही है। मिर्जापुर में ओडीओपी के तहत शामिल पीतल बर्तन उद्योग दम तोड़ चुका है बर्तन उद्योग को कुटीर उद्योग का दर्जा दिलाने की मांग बहुत पुरानी है। केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री रहते हुए भी यहां की सांसद अनुप्रिया पटेल ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया, व्यापारी हलकान और परेशान है।
पूर्वांचल उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष मुकेश साहू ने कहा कि देश में व्यापारियों की हालत लगातार खराब होती चली जा रही है, मिर्जापुर उससे कहीं अछूता नहीं है। शास्त्री पुल कई साल बंद करके ट्रांसपोर्ट व्यापारियों को परेशान किया गया। पुल बंद करने की नौटंकी की गई ताकि नये बनाए गए टोल प्लाजाओं को लाभ पहुंचाया जा सके। व्यापारियों ने लड़ाई लड़ी और कोर्ट के आदेश पर पुल खोला गया।
नगर अध्यक्ष अशोक दूबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की खनन नीति से जनपद के छोटे पत्थर व्यवसायी खत्म होते चले गए। सरकार को कई बार पत्रक देकर स्थानीय खनन व्यापारियों ने खनन नीति पर पुनः विचार करने के लिए अनुरोध किया था, पर तानाशाह सरकार किसी की सुनना नहीं चाहती है।
लोकतंत्र के इस महापर्व पर वोटो की ताकत से व्यापारी जवाब देने जा रहा है फर्जी व्यापारी सम्मेलनों कराने और फर्जी विज्ञापनों से अब कल्याण नहीं होने वाला।
प्रेस वार्ता के दौरान व्यापारी नेता अफ़ाक़ अहमद, राजकुमार स्वर्णकार, गुलाम हैदर, अनुज उमर, जीतेन्द्र अग्रहरि, धर्मेश जायसवाल, डब्लू जायसवाल, शुभम गुप्ता आदि उपस्थित रहे।