वाराणसी समेत आस-पास के जिलो के यातना पीड़ितों को किया गया सम्मानित
19 अगस्त, 2021 को मानवाधिकार जननिगरानी समिति/जनमित्र न्यास ने देश में चल रही कोरोना वायरस की महामारी जो भारत समेत विश्व के सभी देशों के लिए खतरा बनती जा रही है | इस दौरान स्कूल, कालेज से लेकर आमदनी के सारे जरिये बंद है और सरकार द्वारा दिए जा रहे राहत पैकेज का लाभ एक आम आदमी नहीं उठा पा रहा है | यह देखते हुए कि आज का युवा अवसाद में ना जाय मानवाधिकार जननिगरनी समिति/जनमित्र न्यास ने युवाओं को मानसिक संबल प्रदान करने के लिए और आमजन को कोरोनाकाल में खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, जीवन जीने की सुरक्षा और आजीविका की सुरक्षा के लिए काम करने वाले कोरोना वारियर्स जो महामारी के इस दौर में जो भी सरकार, पुलिस प्रशासन द्वारा पीड़ित है को सम्मानित करने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम का आयोजन किया | जिससे देश में क़ानून, संविधान के साथ लोग सकारात्मक सोच को आगे बढ़ाते हुए हर नागरिकों की मदद कर सके और खासकर युवा इस अवसाद से बाहर निकल सक.इसके लिए एक लोक विद्यालय का आयोजन किया गया | इस कार्यक्रम में सोनभद्र के आदिवासी उम्भा गाँव के दबंग और प्रसाशन से पीड़ित संघर्षरत पीड़ितों के साथ ही वाराणसी समेत अन्य जिलों के यातना पीड़ितों का भी सम्मान किया गया |
कार्यक्रम में सोनभद्र के उम्भा के आदिवासियों पर दबंगों और पुलिस यातना पर एक पुस्तिका का भी लोकार्पण किया गया |
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से संस्था के सम्मानित पदाधिकारी डा. महेंद्र प्रताप, रागिब अली, जै कुमार मिश्र, श्रुति नागवंशी, डा. लेनिन रघुवंशी, शिरीन शबाना खान, फरहत शबा खानम, पिंटू गुप्ता, छाया कुमारी, ज्योति कुमारी, आनंद प्रकाश, रिंकू पाण्डेय, शुशील चौबे, अरविन्द, राजेंद्र प्रसाद, सहित नागर समाज व समुदाय के अगुआ लोग उपस्थित हो कार्यक्रम में अपनी भागीदारी दी |
श्रुति नागवंशी मानवाधिकार जननिगरनी समिति/जनमित्र न्यास,वाराणसी की प्रबंध निदेशक हैं |