ठाकरे ने अपने विधायकों और विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) को उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति नार्वेकर को पढ़कर सुनाने के लिए भी कहा। उन्होंने यह भी कहा कि हम 31 दिसंबर को अयोग्य सरकार को अलविदा कहेंगे।
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि संविधान की 10वीं अनुसूची की पवित्रता बनाए रखी जानी चाहिए। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रक्रियात्मक उलझनों के कारण अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर फैसला लेने में देरी नहीं होने देनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष से अजित पवार गुट के नौ विधायकों को सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के अनुरोध वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की याचिका पर भी 31 जनवरी 2024 तक फैसला लेने को कहा है।
मुंबई(भाषा)। मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रदर्शनकारियों ने बुधवार सुबह दक्षिण मुंबई में महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री हसन मुशरिफ की एसयूवी में तोड़फोड़ की। पुलिस ने यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में मरीन ड्राइव थाने की पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है।
मुशरिफ, उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट से संबंधित हैं। अधिकारी ने कहा कि सुबह करीब साढ़े सात बजे मराठा आरक्षण आंदोलन के दो कार्यकर्ताओं ने दक्षिण मुंबई में आकाशवाणी विधायक हॉस्टल के निकट खड़ी मंत्री की एसयूवी पर लाठी-डंडे से तोड़फोड़ की। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी ‘एक मराठा, लाख मराठा’ के नारे लगा रहे थे। अधिकारी ने बताया कि पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और तीन लोगों को हिरासत में ले लिया। जांच के दौरान पता चला कि ये लोग छत्रपति संभाजीनगर जिले से हैं। उन्होंने कहा कि घटना के संबंध में आगे की जांच के लिए क्षतिग्रस्त वाहन को मरीन ड्राइव थाने ले जाया गया।
पुलिस ने इससे पहले बताया था कि 26 अक्टूबर को मुंबई के परेल इलाके में वकील गुणरत्न सदावर्ते की दो कारों में तोड़फोड़ की गई थी। सदावर्ते मराठा आरक्षण के मुखर विरोधी रहे हैं। बाद में वाहनों को क्षतिग्रस्त करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसक घटनाओं के बाद मुंबई पुलिस ने कैबिनेट मंत्रियों, अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और मुंबई में महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी है।
मुंबई, एक नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) (कानून-व्यवस्था) संजय सक्सेना ने बीड जिले का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया, जहां मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीड में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 99 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।
वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी सक्सेना मंगलवार को बीड पहुंचे और वह स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि वह हालात के बारे में सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि बीड पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में अब तक 30 से अधिक मामले दर्ज किये हैं और 99 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। बीड जिले में सोमवार को हुई हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं।
बीड के माजलगाव शहर में सोमवार सुबह आरक्षण आंदोलनकारियों के एक समूह द्वारा अजित पवार गुट के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर आगजनी और पथराव किया गया था। विधायक का एक ऑडियो ‘क्लिप’ सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद यह घटना हुई। ‘क्लिप’ में राकांपा विधायक ने कथित तौर पर मराठा आरक्षण आंदोलन के बारे में बोला था और आमरण अनशन कर रहे मनोज जरांगे पर परोक्ष तौर पर टिप्पणी की थी। बाद में माजलगाव नगरपालिका परिषद भवन की पहली मंजिल पर आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं के एक अन्य समूह ने सोमवार शाम बीड शहर में राकांपा विधायक संदीप क्षीरसागर के आवासीय परिसर और कार्यालय में घुसकर आग लगा दी थी। एक अन्य घटना में, प्रदर्शनकारियों ने बीड शहर में राज्य के पूर्व मंत्री जयदत्त क्षीरसागर के आवास को आग लगा दी और पथराव किया। मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों की भीड़ अजित पावर गुट के नेता अमरसिंह पंडित के आवास के बाहर भी जमा हो गई थी और पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे।
मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रदर्शनकारियों ने मंत्री हसन मुशरिफ के वाहन में की तोड़फोड़