बेंगलुरु (भाषा)। किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने सात प्रमुख मांगों के साथ 26 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया है और इसके लिए अगले डेढ़ महीनों में 15 और ‘किसान महापंचायतों’ का आयोजन किए जाएगा। देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले 15 दिनों में छह किसान महापंचायतें (किसानों का बड़ा सम्मेलन) पहले ही आयोजित की जा चुकी हैं।
इसके पहले भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम के प्रदेश प्रवक्ता बहादुर मेहला बलड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य रूप से भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह, बीकेएमयू, क्रांतिकारी किसान यूनियन, पगड़ी संभाल जट्टा व किसान संघर्ष समिति हरियाणा प्रतिनिधि शामिल रहे। किसान नेताओं ने कहा कि किसानों की कर्ज मुक्ति, एमएसपी और दिल्ली किसान आंदोलन व लखीमपुर खीरी के शहीदों को इंसाफ दिलाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
किसान नेताओं ने मीडिया के साथ संबंधित सूचनाएं साझा करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि देश के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हाल ही में संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों को निलंबित करना और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह को ‘सुरक्षा’ देने के लिए ओलंपियन पहलवानों के प्रति सरकार का कथित ‘दुर्व्यवहार’ हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। इस दौरान किसान नेता, कर्नाटक के कुरुबुरु शांताकुमार, पंजाब के जगजीत सिंह दल्लेवाल, केरल के केवी बीजू, हरियाणा के अभिमन्यु कोहाड़ एवं लखविंदर सिंह औलख, ओडिशा के सचिन महापात्र, बिहार के अरुण सिन्हा, मध्य प्रदेश के रविदत्त सिंह, महाराष्ट्र के शंकर दारेकर, कर्नाटक के नारायण रेड्डी, बसवराज पाटिल, देवा कुमार उपस्थित रहे।