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वाराणसी में सर्व सेवा संघ को बचाने के लिए 100 दिन के सत्याग्रह का समापन
विनोबा जयंती, 11 सितम्बर 2024 को राजघाट वाराणसी में सर्व सेवा संघ परिसर के पुनर्निर्माण के संकल्प के साथ शुरू हुआ 100 दिवसीय सत्याग्रह - न्याय के दीप जलाओ - के आज 19 दिसम्बर 2024 को 100 दिन पूरे हो गए
वाराणसी : नट बस्ती के लोगों का अंगूठा लगवाने के बावजूद कोटेदार नहीं देता राशन
विकास के दावे करने वाली भाजपा सरकार को शायद यह एहसास नहीं है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक के नहवानीपुर गांव की नट बस्ती में सरकारी योजनाओं की असल स्थिति कुछ और ही है।
Varanasi : तीन किलोमीटर की रेंज के खिलाफ़ टोटो चालकों का सत्याग्रह
वाराणसी में ई-रिक्शा चालकों ने तीन किलोमीटर की रेंज के खिलाफ़ सत्याग्रह शुरू किया है। चालकों का कहना है कि इस नियम से उनकी आजीविका पर बुरा असर पड़ेगा है और वे रोजगार की संभावनाओं को सीमित कर रहा है। अनशन पर बैठे चालकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस नियम को वापस लिया जाए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए।
सरकार द्वारा बनाए गए शौचालय फेल: सामुदायिक शौचालय में 4 साल से लटका है ताला, खुले में जा रहे लोग
वाराणसी के सजोई गांव में सरकारी योजनाओं के तहत बनाए गए शौचालयों की स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। चार साल पहले बनाए गए शौचालयों का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है. गांव में एक सामुदायिक शौचालय भी बनाया गया था, लेकिन उसमें चार साल से ताला लटका हुआ है। यह ताला बंद होने के कारण गांव वालों के पास उस शौचालय का उपयोग करने का कोई विकल्प नहीं है। घर में शौचालय की अनुपस्थिति के कारण महिलाओं को अंधेरे में खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। यह स्थिति न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण है, बल्कि उनकी सुरक्षा को भी खतरे में डालती है।
Varanasi : प्रशासन के डर से नट समुदाय के लोग नहीं कर पा रहे अपना पारंपरिक काम
बनारस की नट बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए आज़ादी का अमृत महोत्सव महज एक दिखावा बनकर रह गया है। वर्षों से उपेक्षित इस समुदाय के लोग, जो पारंपरिक कला और नृत्य के माध्यम से जीवन यापन करते हैं, आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
हिंदी की हालत लगातार कमज़ोर होती जा रही है
डॉ गुलाबचन्द यादव अपने यात्रा-वृत्तान्तों के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनकी हर यात्रा में आने वाले छोटे से छोटे पड़ाव ,...
छोटे अंतर्विरोधों को बड़ा और बड़े अंतर्विरोधों को छोटा बना दिया गया
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक विद्या भूषण रावत के साथ रामजी यादव के संवाद की इस आखिरी कड़ी में भारत में अस्मितावादी संकीर्णता के...
समाज की पिछड़ी सोच के चलते लड़कियों को खेल में आगे बढ़ने के लिए बहुत स्ट्रगल करना पड़ता है
बनारस की तमाम सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय अनिता जूडो की नेशनल लेवल की खिलाड़ी रही हैं। पाँच बहनों में सबसे बड़ी अनिता एक साधारण परिवार...
मेरा प्रयास था कि बदलाव मौलिक हो और ऊपर से थोपा हुआ न हो
जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक और चिंतक विद्या भूषण रावत का जीवन विविध अनुभवों का खज़ाना है। उन्होंने समाज के हाशिये पर रहनेवाले लोगों के...
कृषि बिल वापसी अगर जुमला साबित हुई तो चली जाएगी सरकार
आज सुबह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश देते हुये तीनों कृषि बिलों की वापसी की घोषणा की लेकिन अपने...
वायरस हमारे पूर्वज हैं, क्योंकि सबका जन्म वायरस से ही हुआ है
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ गोपालनाथ का एक खेतिहर परिवार से निकलकर देश के जाने-माने चिकित्सा-विज्ञानी बनने तक का सफ़र...