छोटे अंतर्विरोधों को बड़ा और बड़े अंतर्विरोधों को छोटा बना दिया गया

गाँव के लोग वीडियो टीम

0 256

प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक विद्या भूषण रावत के साथ रामजी यादव के संवाद की इस आखिरी कड़ी में भारत में अस्मितावादी संकीर्णता के मजबूत होने और जेनुइन मुद्दों और आंदोलनों पर इसके दुष्प्रभाव तथा छोटे-छोटे अंतर्विरोधों को उभारकर बड़े मुद्दों और सवालों से ध्यान हटाने की प्रवृत्ति पर को रेखांकित किया गया है। रावतजी ने वैकल्पिक मीडिया के निर्माण की दिशा में अपने प्रयासों के पीछे मण्डल आयोग और अंबेडकरवाद के गहरे प्रभावों को बुनियादी घटक बताया क्योंकि उन्होंने उस दौर को देखा है जब मुख्यधारा की मीडिया ने अपने जातिवादी अपने दुराग्रहों और नफरत को पूरी नंगई के साथ फैलाया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.