समाज की पिछड़ी सोच के चलते लड़कियों को खेल में आगे बढ़ने के लिए बहुत स्ट्रगल करना पड़ता है
गाँव के लोग वीडियो टीम
बनारस की तमाम सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय अनिता जूडो की नेशनल लेवल की खिलाड़ी रही हैं। पाँच बहनों में सबसे बड़ी अनिता एक साधारण परिवार में पैदा हुईं। इनका संघर्ष अपने गाँव से शुरू हुआ जब गाँव के युवक मंगल दल द्वारा आयोजित कैरम प्रतियोगिता में जीत हासिल की। इसके बाद अनिता ने एक नई साइकिल खरीदी और जीवन-पथ पर आगे बढ़ीं। कैसे इन्होंने अपने को जूडो में राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया। क्या-क्या परिस्थितियाँ आईं और किन अनुभवों से गुजरीं? समाज को यह किस नज़रिये से देखती हैं और लड़कियों के लिए कितना कठिन है संघर्ष सुनिए इनसे पूजा की बातचीत में।