छत्तीसगढ़ में भाजपा के पूर्ण बहुमत से जीतने के बाद से ही मुख्यमंत्री को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी। आज भाजपा की विधायक दल की बैठक के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया है। छत्तीसगढ़ के सीएम पद के लिए पार्टी ने आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को जिम्मेदारी दी है।
विष्णुदेव छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष तथा रायगढ़ सीट से दो बार सांसद भी रह चुके हैं। विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधानसभा से विधायक चुने गए हैं। उन्हें प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता के रूप में जाना जाता है।
विधायक दल की बैठक से पहले रमन सिंह और संगठन महामंत्री पवन साय के साथ भी पर्यवेक्षकों ने मुख्यमंत्री चुनने को लेकर मंत्रणा की थी। विधायक दल की बैठक में लिए गए इस फैसले में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, अर्जुन मुंडा और दुष्यंत कुमार गौतम के अलावा छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर भी मौजूद रहे। सुबह करीब नौ बजे केंद्रीय पर्यवेक्षक रायपुर पहुंचे, दोपहर बारह बजे से विधायकों के साथ सीएम के नाम पर मंथन चला। उसके बाद पार्टी की तरफ से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में विष्णुदेव साय के नाम की घोषणा की गई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 54 सीट जीती हैं। वहीं 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस 35 सीट पर सिमट गई है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही।
लोकसभा चुनाव से पहले इस ऐलान को बीजेपी का आदिवासी कार्ड माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की आबादी करीब 32 फीसदी है। विष्णु देव साय अपनी सादगी के लिए भी जाने जाते हैं। पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में वह केंद्र सरकार में श्रम व इस्पात मंत्री राज्यमंत्री भी बनाए गए थे। राज्य में लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी इस बार आदिवासी चेहरे को सीएम बना सकती है।
किसान परिवार से संबंध रखने वाले विष्णुदेव साय ने 1989 में अपने गांव बगिया से पंच पद से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। 1990 में वह निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए थे। इसके बाद तपकरा से विधायक चुनकर 1990 से 1998 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इसके बाद 1999 में वे 13वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। इसके बाद भाजपा ने उन्हें 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से फिर से सांसद बने।
विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री चुने जाने पर हर्ष चैनल रायगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार युवराज सिंह आजाद ने टिप्पणी करते हुये कहा, ‘छत्तीसगढ़ खनिज संपदा, लोक संस्कृति और कलाओं के नज़रिए से बेहद धनी राज्य है, जब मध्यप्रदेश से टूटकर 2000 में छत्तीसगढ़ पृथक् राज्य के रूप में अस्तित्व में आया तभी से यहां दबी ज़ुबान में ही सही आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों में उठने लगी थी, मगर इस बार बीजेपी ने आने वाले लोकसभा चुनावों में आदिवासी वर्ग को साधने के लिए छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने आदिवासी कार्ड खेल दिया है, राजनीति के जानकार ऐसा मान रहे हैं कि इसका असर ना केवल छत्तीसगढ़ बल्कि ओडीशा, झारखंड, मध्यप्रदेश सहिद दूसरे राज्यों में भाजपा के पक्ष में दिखाई देगा, रहा सवाल विष्णुदेव साय का, तो वे आदिवासी समुदाय की सहजता और सरलता वाली पृष्ठभूमि से आते हैं, वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं, 2014 से 2019 तक 16 वीं लोकसभा में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं, सादगी और सरलता उनके स्वभाव में है, आरएसएस की मज़बूत पृष्ठभूमि है, इस लिहाज़ से उनके नाम का मुख्यमंत्री पद के लिए चयन अपने आप में स्वाभाविक हो जाता है।
अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होने लगा है कि क्या आदिवासी चेहरे के तौर पर विष्णुदेव साय का नाम तय करके रिमोट किसी दूसरे हाथों में सौंप दिया जायेगा? हालांकि ऐसा ना हो तो ज़्यादा बेहतर है…बहरहाल ऐसे ख़ास मौक़े पर विष्णुदेव साय सहित समूचे आदिवासी समुदाय को बधाई…बेहतर दुनिया का सपना इनकी आंखों में भी तो पलता है।
रायगढ़ के लोग अपने पूर्व सांसद को मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी दिये जाने से उत्साहित हैं और उन्हें बधाई दे रहे हैं। भाजपा के नामित मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शाम 5 बजे राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे, जहां वह राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे ।