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ग्राउंड रिपोर्ट

आजमगढ़ नहर से सिंचाई के लिए नहीं मिल पा रहा पानी 

आजमगढ़ के नहरों में पानी नहीं हैं जिसके कारण किसान अपने खेतों की सिचाई नहीं कर पा रहे हैं। नहरों में जो पानी छोड़ा जाता वह नहर में मिट्टी एवं घास-फूस होने से पानी इधर-उधर बह जाता है। पानी नहीं मिलने से  खेतों में धान की फसल सिंचाई के बिना सूख रही है और सिंचाई विभाग निष्क्रिय है।

आज़मगढ़ को जरूरत के अनुसार पानी नहीं दिया जा रहा है जिसमें सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही और भ्रष्ट्राचार नजर आ रहा है। अधिकारी बताते हैं कि नहरों में पानी न आने के पीछे का मुख्य कारण है नहरों में जगह-जगह घास–फूस का उगना है। यदि सिल्टिंग की सफाई न होने से नहर में पानी नहीं आ रहा है, तो इसका खामियाजा किसान क्यों भुगते। किसानों को खेतों में पानी मिलना चाहिए।

पानी नहीं मिलने से  खेतों में धान की फसल सिंचाई के बिना सूख रही है और सिंचाई विभाग निष्क्रिय पड़ा है, निष्क्रियता का आलम यह है कि अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता कार्यालय में नहीं मिले और बहुत मुश्किल से मालूम चला कि अधीक्षण अभियंता लखनऊ में हैं और अधिशासी अभियंता बीमार हैं। किसान नेता ने कहा कि सरकारी नीतियों के चलते नहरों को पानी कम दिया जा रहा है। 10-15 प्रतिशत पानी नहरों में छोड़ा जा रहा है जो पानी खेतों तक पहुंचने से पहले ही इधर-उधर बह जाता है।

किसान नेताओं ने बताया कि शाहपुर, मंझारी, भीरु की पुलिया से सोफीपुर होते हुए गुजरती नहर बिलवई, पवई, छज्जोपट्टी होते हुए जाने वाली तकिया माइनर और फूलपुर, कौड़िया होते हुए नेवादा जाने वाली नहर में पानी नही है। रोपनी से लेकर अब तक नहरों में पानी नहीं आया है। और कई नहरे तो ऐसी है जिनमें कभी भी पानी नहीं आया। अधिकारियों ने बताया कि सीतापुर नहर कट जाने से समस्या हो गई थी अब नहर जुड़ जाने के बाद पानी आजमगढ़ पहुंचा दिया जायेगा।

इन्हीं समस्याओं को लेकर सोशलिस्ट किसान सभा, पूर्वांचल किसान यूनियन और एनएपीएम के नेताओं ने नहरों में पानी न आने को लेकर सिंचाई विभाग आज़मगढ़ के अधिकारियों से शिकायत की है। किसान नेताओं ने कहा कि खेतों में ज़रूरत के हिसाब कम पानी पहुंच रहा है। एक तरफ नहरों में पानी न आने से धान की फसल सूख रही है और दूसरी तरफ सिंचाई विभाग की निष्क्रियता का यह आलम है कि अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता कार्यालय में नहीं मिले और बहुत मुश्किल से मालूम चला कि एक लखनऊ में हैं और दूसरे बीमार हैं। काफी कोशिशों के बाद शारदा सहायक खंड 32 के दो एसडीओ से किसान नेताओं की मुलाकात हुई। किसान नेताओं ने अधिकारियों पर यह आरोप भी लगाया कि सरकारी नीतियों के चलते नहरों को पानी कम दिया जा रहा है।

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जुलाई महीने में जिलाधिकारी आजमगढ़ को ज्ञापन देने के बाद सिंचाई विभाग द्वारा पानी की समस्या के विषय में फोन पर बातचीत की गई थी। इसी बीच स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से बात की गई थी तो उन्होंने पानी जल्द से जल्द नहर में पहुंचाने की बात कही थी पर अब तक पानी नहरों में नहीं पहुंचा हैं।

किसान ने ज्ञापन सौपते हुए कहा कि धान की फसल सूखने की कगार पर है और ऐसे में तत्काल प्रभाव से नहरों में पानी छोड़ा जाए ताकि जल्द से जल्द किसानों के खेत में पानी पहुंचे।

ज्ञापन देने वालों में पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव, किसान नेता राजीव यादव, सोशलिस्ट किसान सभा के निजामाबाद प्रभारी श्याम सुंदर मौर्या, एनएपीएम से राज शेखर, अधिवक्ता विनोद यादव, भारतीय किसान यूनियन से अवधेश यादव और जंगल देव मौजूद रहे।

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