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अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने के क्या मायने?

19 जनवरी बुधवार को मुलायम सिंह यादव परिवार की छोटी बहू अर्पणा यादव गाजे-बाजे के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं! अपर्णा यादव को लेकर लम्बे समय से चर्चा थी कि वह किसी भी समय भाजपा में शामिल हो सकती हैं। 19 जनवरी बुधवार को आखिरकार वह समय आ गया, जब भाजपा ने देश […]

19 जनवरी बुधवार को मुलायम सिंह यादव परिवार की छोटी बहू अर्पणा यादव गाजे-बाजे के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं! अपर्णा यादव को लेकर लम्बे समय से चर्चा थी कि वह किसी भी समय भाजपा में शामिल हो सकती हैं। 19 जनवरी बुधवार को आखिरकार वह समय आ गया, जब भाजपा ने देश की राजधानी दिल्ली में अपर्णा यादव को पार्टी में शामिल कर लिया!

अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने को लेकर राजनैतिक गलियारों में ‘सौ सुनार की एक लोहार की’ कहावत भी चरितार्थ होती हुई नजर आई, क्योंकि उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा के कुछ मंत्रियों व विधायकों के इस्तीफा को लेकर और स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं के भाजपा छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल होने की चर्चा ने भाजपा पर कई सवालिया निशान खड़े कर दिए थे, मगर अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने से उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा को समाजवादी पार्टी को घेरने का मौका दे दिया!

[bs-quote quote=”अपर्णा यादव को भाजपा में शामिल कराने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अहम भूमिका बताई जा रही है! अपर्णा यादव लम्बे समय से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सम्पर्क में थीं, ऐसी भी खबरें सुनाई दे रही हैं?” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]

मुलायम सिंह परिवार की यदि बात करें तो, विधानसभा चुनाव के समय मुलायम सिंह परिवार में बगावत करने का खेल वैसे तो कोई नया नहीं है। 2017 में भी इस परिवार के अंदर बगावत हुई थी जब शिवपाल यादव नाराज हो गए थे! और शिवपाल की नाराजगी के कारण 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था पहली बार राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा ने सरकार बनाई थी! इस बार अपर्णा यादव सीधे तौर पर भाजपा में शामिल हो गई हैं, ऐसे में इसका समाजवादी पार्टी को कितना नुकसान होगा और भाजपा को अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने से कितना फायदा होगा यह तो 10 मार्च का दिन बताएगा?

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अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर गौर करें तो उनका बयान बहुत कुछ कह देता है कि अपर्णा यादव भाजपा में समाजवाद का विस्तार करने के लिए शामिल हुई हैं तो क्या यह समझें कि यदि उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो क्या राज्य में बिष्ट परिवार और मुलायम सिंह यादव परिवार मिलकर सरकार बनाएँगे? उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पंडित और विश्लेषक भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी चुनावी टक्कर बता रहे हैं, लेकिन साथ में राजनीतिक गलियारों में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है कि आदित्यनाथ भाजपा की ओर से अगले मुख्यमंत्री होंगे या नहीं?

अपर्णा यादव को भाजपा में शामिल कराने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अहम भूमिका बताई जा रही है! अपर्णा यादव लम्बे समय से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सम्पर्क में थीं, ऐसी भी खबरें सुनाई दे रही हैं?

 
देवेंद्र यादव कोटा स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं।
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