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ग्राउंड रिपोर्ट

क्या नेहा सिंह राठौर पर एफआईआर से आतंकवाद की कमर टूट जाएगी

नेहा राठौर और लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ माद्री ककोटी उर्फ डॉ मेडुसा के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। गोदी मीडिया और भाजपा के ट्रोल ने उनके खिलाफ ज़हर उगलना शुरू कर दिया है।न तो नेहा राठौर और न ही माद्री ककोटी ने इस मामले में कोई खेद व्यक्त किया बल्कि नेहा लगातार आलोचना जारी रखे हुये हैं। एक वीडियों में उन्होंने गोदी मीडिया को देश का गद्दार और अपराधी भी कहा।

जब से पहलगाम में आतंकी घटना हुई है तब से मोदी सरकार और गोदी मीडिया ने आतंकवाद के खिलाफ जितना कुछ किया है उससे कहीं ज्यादा अपने ही देश के उन लोगों के खिलाफ सुनियोजित कार्रवाई की है जिन्होंने आतंकी हमले और सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया है।

लोकगायिका नेहा राठौर और लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ माद्री ककोटी उर्फ डॉ मेडुसा के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। गोदी मीडिया और भाजपा के ट्रोल ने उनके खिलाफ ज़हर उगलना शुरू कर दिया है। कल ही स्वतंत्र पत्रकार संजय शर्मा का यूट्यूब चैनल 4PM बंद करवा दिया गया। ऐसा लगता है कि पहलगाम में हमला आतंकवादियों ने नहीं बल्कि इन्हीं लोगों ने किया है।

गौरतलब है कि हमले के बाद लोगों ने सुरक्षा को लेकर सवाल उठाना शुरू किया। खबरें आईं कि जिस इलाके में दो हज़ार से ज्यादा पर्यटक थे वहाँ सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतज़ाम ही नहीं था। यहाँ तक कि घटना के डेढ़ घंटे बाद भी वहाँ किसी सुरक्षाकर्मी का पता नहीं था। घायलों को घंटों किसी तरह का इलाज नहीं मिला। कई घायल यात्रियों की मौत इलाज नहीं मिलने के कारण हो गई। यात्रियों के घरवालों ने कहा कि वहाँ किसी तरह का कोई सुरक्षा इंतज़ाम नहीं था।

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ज़ाहिर है इन सबको लेकर देश में मोदी सरकार को लेकर खासा आक्रोश छा गया। कश्मीर को लेकर मोदी सरकार ने अब तक जो दावे किए थे उनकी पोल इस हमले ने खोल दी। पूरी की पूरी व्यवस्था और इंटेलिजेंस की असफलता उजागर हो गई। इसके बावजूद कि कुछ पत्रकारों ने इस पर ध्यान देने योग्य रिपोर्टिंग की थी कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद नए सिरे से पाँव पसार रहा है। वह सूचना प्रौद्योगिकी का अलग तरह से उपयोग कर रहा है आदि। लेकिन सरकार और इंटेलिजेंस ने इस पर एकदम ध्यान नहीं दिया।

इन तमाम हालात को देखते हुये मोदी सरकार पूरी तरह बौखला गई और गोदी मीडिया और ट्रोल इस पूरे मामले को लेकर घृणित प्रचार में लग गए जिससे सरकार को जवाबदेही से बचाया जा सके। यही नहीं, अपनी सुरक्षा में चूक के सवाल को लेकर गोदी मीडिया का सुनियोजित प्लान यह था कि इसे विपक्ष द्वारा मचाया जा रहा शोर साबित किया जा सके ताकि सरकारी की विफलता को छिपाया जा सके।

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लेकिन सवाल थमे नहीं। उठाते ही रहे। पूरे देश ने इस बात को अच्छी तरह समझ लिया कि मोदी सरकार न केवल पूरी तरह नाकाम सरकार है बल्कि अपनी शेख़ी बघारने के लिए देश की जनता से झूठ भी बोलती रही है। ऐसे में जनता के सवालों से सरोकार रखनेवालों ने सरकार की आलोचना की और इस बात की ओर संकेत करना शुरू किया कि वास्तव में कहाँ चूक हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधुबनी में अंग्रेजी में पाकिस्तान को भले धमकाया हो लेकिन वास्तव में उनकी हर गतिविधि की आलोचना हो रही थी।

नेहा सिंह राठौर ने पहलगाम की घटना को लेकर मोदी की आलोचना की। नेहा अपने गानों में मोदी सरकार की आलोचना को लेकर हमेशा मुखर रही हैं। ईवीएम से लेकर मणिपुर में प्रधानमंत्री के न जाने और उसके बरक्स बंगाल को लेकर उनके रवैये को लेकर नेहा ने जमकर खिंचाई की। पहलगाम की घटना पर भी उनकी एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया ही मानी जानी चाहिए। धर्म पूछकर मारनेवाली बात को लेकर उन्होंने सवाल उठाया कि यह किसने बताया कि आतंकवादी धर्म पूछ रहे थे।

इसी तरह लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर माद्री काकोटी उर्फ डॉ मेडुसा ने भी एक पोस्ट किया कि ‘धर्म पूछकर गोली मारना आतंकवाद है, और धर्म पूछकर लिंचिंग करना, धर्म पूछकर नौकरी से निकालना, धर्म पूछकर घर न देना, धर्म पूछकर घर बुलडोज करना, वगैरह-वगैरह भी आतंकवाद है असली आतंकी को पहचानो।’

लखनऊ के पत्रकार संजय शर्मा के 4PM यूट्यूब को यह कहकर बंद कर दिया गया कि यह चैनल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। संजय शर्मा ने अपने एक कार्यक्रम में यह सवाल उठाया था कि पहलगाम में सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं थी? सरकार ने नोटबंदी करके और धारा 370 हटाकर जो दावा किया था कि हमने आतंकवाद की कमर तोड़ दी तो फिर यह घटना कैसे हुई?

ये ऐसे सवाल नहीं हैं जिनके जवाब देने से मोदी सरकार को कोई खतरा हो। बल्कि ये सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब दिया जाना चाहिए था। चूक कहीं भी हो सकती है और उसे सुधारा जा सकता है। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेते हुये इस बात को पूरे देश से स्वीकार किया कि चूक हुई है। इससे उनका कद ही बढ़ा।

लेकिन नेहा सिंह राठौर और माद्री ककोटी के सवालों के जवाब नहीं मिले बल्कि उनके ऊपर एफआईआर दर्ज की गई। उनके ऊपर देशद्रोह का आरोप लगाया गया। हालांकि न तो नेहा राठौर और न ही माद्री ककोटी ने इस मामले में कोई खेद व्यक्त किया बल्कि नेहा लगातार आलोचना जारी रखे हुये हैं। एक वीडियो में उन्होंने गोदी मीडिया को देश का गद्दार और अपराधी भी कहा।

सरकार जिस तरह से आलोचना करनेवालों को डरा-धमका रही है। जेल में बंद कर रही या चैनल बंद कर रही है उसके बावजूद लोग बोलने और आलोचना करने से पीछे नहीं हो रहे हैं और न ही होना चाहिए। जो भी जनता और उसके हितों से सरोकार रखेगा वह बोलेगा ही। चाहे इसका कोई परिणाम हो। असल में सरकार की आलोचना में उठनेवाली आवाजें निजी आवाजें नहीं हैं बल्कि ये देश की जनता की आवाजें हैं। जो लोग इन्हें सुन रहे हैं वे भी कहीं न कहीं उन्हीं आवाजों के हिस्से हैं। इसलिए ये बड़ी आवाजें हैं और इन्हें खत्म नहीं किया जा सकता।

उल्लेखनीय है कि हमले के तत्काल बाद गोदी मीडिया और भाजपा आईटी सेल ने धर्म के मसले को इतना ज्यादा उछाला कि पहलगाम में सुरक्षा का सवाल दब गया। यह गोदी मीडिया और भाजपाई ट्रोल की सोची-समझी रणनीति है कि जब भी कोई गंभीर मुद्दा पैदा होता है या सरकार की जवाबदेही तय करना होता है तब वह उल्टे-सीधे मुद्दे को फैलाने लगते हैं। पहलगाम मुद्दे पर भी यह हो रहा है।

गोदी मीडिया और भाजपाई-संघी ट्रोल ने भले ही सरकार की ढाल होने के लिए कमर कसी हो लेकिन उसने अपने कुकर्मों और अपराधों से इस सरकार को कमजोर ही बनाया है। कमजोर सरकार या व्यक्ति अधिक आक्रामक दिखता है। गोदी मीडिया और भाजपा ट्रोल ने अगर तथ्यों को विकृत करके सरकार की अच्छी छवि बनाने ज्क भ्रम पाला हो तो उसे यह समझ आनी चाहिए कि उसके कर्मों से मोदी सरकार एक हास्यास्पद सरकार बनती जा रही है।

यह देश के हित के लिए सबसे बुरी बात है कोई सरकार भरोसे की ही न रहे। असल में इस अपराध के लिए गोदी मीडिया और भाजपाई ट्रोल को सज़ा मिलनी चाहिए।

रामजी यादव
रामजी यादव
लेखक कथाकार, चिंतक, विचारक और गाँव के लोग के संपादक हैं।

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