कल एक दुकान पर खड़ा था। दो-तीन महिलाएं भी थीं। वह मोल-भाव कर रही थीं। इस कारण मुझे देरी हो रही थी। फिर जब महिलाओं को सामान देने के बाद दुकानदार मुझसे मुखातिब हुआ तो उसने हंसते हुए कहा– सब महिलाएं ऐसी ही होती हैं, झूठ-मूठ का ड्रामा करती हैं। मैंने कहा कि यह तो बिल्कुल गलत बात है। आप समझदार व्यक्ति हैं। महिलाओं के बारे में आपको ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। फिर उसे संभवत: मेरी बात समझ में आ गई, तो झेंपते हुए कहा– सॉरी।


मुझे लगता है कि इसकी एक वजह यह कि सामान्य तौर पर वे महिलाएं जो घरों में रहती हैं और एक साथ अनेक जिम्मेदारियों का निर्वहन करती हैं, वे मोल-भाव का उपयोग बाहरी दुनिया से संवाद करने के लिए करती हैं। हर संवाद के अपने कारण होते हैं और वे बे-मकसद नहीं होते।
[…] औरतों का औरतपन (डायरी 18 जून, 2022) […]