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ठाणे : आदिवासियों को बंधुआ मजदूर बनाने के आरोप में दो गिरफ्तार

ठाणे (भाषा)। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के एक गांव में आदिवासी व्यक्तियों के समूह को बंधुआ मजदूर बनाने और उनका शारीरिक उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में दो भाइयों को गिरफ्तार किया है। एक सप्ताह पहले भी इसी तरह का मामला प्रकाश में तब आया था जब कल्याण स्थित […]

ठाणे (भाषा)। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के एक गांव में आदिवासी व्यक्तियों के समूह को बंधुआ मजदूर बनाने और उनका शारीरिक उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में दो भाइयों को गिरफ्तार किया है। एक सप्ताह पहले भी इसी तरह का मामला प्रकाश में तब आया था जब कल्याण स्थित एक ईंट-भट्ठा मालिक और उसके साथी को पुलिस ने बंधुआ मजदूर के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था।

बीते एक महीने में जिले में बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम के तहत यह तीसरी एफआईआर दर्ज की गई है।

जानकारी के अनुसार, आरोपियों की पहचान संजय शालीन (40) और उसके बड़े भाई विजय के रूप में हुई है, जो डोंबीवली के निकट खोनी गांव में रहते हैं।

मंपदा थाने के वरिष्ठ निरीक्षक अशोक होनमाने ने कहा कि आरोपियों ने पिछले 10 वर्षों से अपने परिसर में विभिन्न कार्यों के लिए आदिवासी कातकरी समुदाय के सदस्यों को नियुक्त किया था। वे उन्हें काम के लिए कहीं और जाने की इजाजत नहीं देते थे। वे पीड़ितों को धमकाते थे और कभी-कभी मारपीट भी करते थे। आरोपियों ने उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज भी छीन लिए थे। उन्होंने कहा कि कातकारी समुदाय के एक स्थानीय सदस्य की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम और बंधुआ मजदूर प्रथा (उन्मूलन) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि सहायक पुलिस आयुक्त सुनील कुराडे अपराध की जांच कर रहे हैं।

इसी तरह के कल्याण और करमाला तालुका का मामला भी सामने आया, जिसमें आदिवासियों को बंधक बनाकर प्रताड़ित किया गया था।

कल्याण का मामला 

कल्याण के एक ईंट भट्ठा मालिक और उसके साथी को 28 वर्षीय बंधुआ मजदूर का अपहरण करने और उस पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मामला एक दिसम्बर की रात पालघर जिले के वाडा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया और बाद में सचिन पाटिल और मनोहर भगवान हिलिम को गिरफ्तार कर लिया गया।

करमाला तालुका का मामला 

बीते 5 नवंबर को 19 वर्षीय साईनाथ तुंबडा ने सोलापुर के करमाला तालुका में 53 घंटे तक बंधक बनाए रखने के बाद मनोर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। यहाँ गन्ने के खेत में काम करने के लिए मजबूर करते हुए उसे कथित तौर पर शारीरिक उत्पीड़न और यातना दी गई थी। अपने 5,000 रुपये अग्रिम के बदले नकदी फसल काटने के लिए। उस महीने के अंत में, दिवाली के लिए कुछ पैसे कमाने के लिए एक जमींदार के प्रतिद्वंद्वी के खेत में काम करने गए एक मजदूर को बेंत से मारने के सम्बंध में वाडा पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था।

 

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