वाराणसी। भाजपा और आरएसएस जैसे संगठनों ने देश में राजनीतिक स्तर को इतना नीचे गिरा दिया है कि अपराधी होना इन संगठनों में ‘प्रमोशन’ की आवश्यक शर्त बन चुका है। कठुआ, उन्नाव, सोनभद्र से लेकर हाथरस तक हुए बलात्कर की घटनाओं में बीजेपी नेता या तो संलिप्त मिले या फिर अपराधियों के साथ खड़े पाए गए।
उक्त बातें आज बीएचयू के सिंह द्वार पर छात्र संगठनों और नागरिक समाज ने व्यक्त किए। उन्होंने बीएचयू में आईआईटी छात्रा के साथ गैंगरेप मामले में गिरफ्तार भाजपा आईटी सेल के कार्यकर्ताओं को कठोर सजा और उनके खिलाफ बुलडोज़र की कार्रवाई की माँग की। साथ ही पीड़िता को न्याय दिलाने के वास्ते प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमें को तुरंत वापस लेने की माँग की गई।
इस दौरान भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा (बीएसएम) आकांक्षा आज़ाद ने कहा कि वर्तमान सरकार में लड़कियों-महिलाओं के खिलाफ आए दिन हैरान कर देने वाले मामले आ रहे हैं। इससे भी शर्मनाक यह है कि बीएचयू में गन प्वॉइंट पर छात्रा के साथ गैंगरेप करने वाले भाजपा के ही कार्यकर्ता हैं।
इस मामले में प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री का अभी तक कोई बयान नहीं आया। इसी तरह मणिपुर में जब महिलाओं के साथ बलात्कर की घटनाएँ सामने आ रही थीं तब भी प्रधानमंत्री की चुप्पी नहीं टूटी। महिला पहलवान पिछले एक साल से न्याय की माँग कर रही हैं, लेकिन सरकार को कोई फ़र्क नहीं पड़ता। बिल्किस बानो के बलात्कारियों को पहले जेल से रिहा कराना और फिर उनका फूल-माला पहनाकर स्वागत, भाजपा के असली चाल-चरित्र को उजागर करता है।
आकांक्षा ने कहा कि बीएचयू के इतिहास में यह घटना हमेशा शर्मसार करती रहेगी कि गन प्वॉइंट पर छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ था। जहाँ लड़कियाँ पढ़ने आती हैं, वहाँ इस तरह की घटना काफी निराशाजनक है। इसलिए सरकार को ऐसी कार्रवाई करनी होगी जिससे इन दुष्कर्मियों का भी नाम इतिहास में दर्ज़ हो जाए।
भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा की इप्शिता ने कहा कि यह आरोपी मध्य प्रदेश के चुनाव में किस तरह पहुँचे, इसका जवाब भाजपा सरकार दे। मौजूदा सूचना के अनुसार, बीएचयू की घटना को अंजाम देकर आरोपी दो अपराधी मध्य प्रदेश के चुनाव प्रचार में शामिल होने के लिए निकल गए थे। इतनी बड़ी घटना के बाद भी इन लोगों को पुलिस समय से पकड़ने पर नाकाम रही, क्योंकि इनकी पहुँच पार्टी के शीर्ष नेताओं तक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी सहित भाजपा के कई दिग्गज नेताओं के साथ तक इन आरोपियों की तस्वीरें उपलब्ध हैं।
ऑल इण्डिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) की सोनाली ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बड़े-बड़े दावे करती है उनके शासन में ये अपराधी दो महीने तक आज़ादी से कैसे घूम रहे थे? उन्होंने कहा कि अभी तक हुई जाँच से यह खुलासा भी हुआ है कि तीनों आरोपी पहले भी कैम्पस में लड़कियों के साथ छेड़खानी करते आए है। लगभग रोज वह लोग रात 11 से दो बजे तक इस तरह के मौकों के इंतजार में कैम्पस में घूमा करते थे। हम सब जानते हैं कि यह कोई पहली घटना नहीं जब अपराधी या बलात्कारी का सम्बंध भाजपा से है।
All India Progressive Women’s Association (AIPWA) की सुनीता ने कहा कि भाजपा सरकार बलात्कारियों को संरक्षण देने का काम करती है। सरकार द्वारा की जाने वाली नकारात्मक कार्यवाहियों के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं में ऐसे अपराध करने की प्रवृत्ति विकसित होती जा रही है। सरकार द्वारा लगातार ऐसे अपराधियों का मनोबल भी बढ़ाया जा रहा है। भाजपा ने ही सोशल मीडिया ट्रोलिंग की संस्कृति विकसित की, जहाँ महिला विरोधी गाली-गलौच करना, इनके कार्यकर्ताओं की दिनचर्या का हिस्सा हो गया है।
सुनीता ने कहा कि बीएचयू गैंगरेप मामले में ही अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय पीड़िता को न्याय दिलाने की माँग करने वाले छात्र-छात्राओं पर ही झूठे मुकदमें लाद दिए गए। एबीवीपी को प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं पर हमले की खुली छुट दे दी गई। पूरा पुलिस महकमा और जिला प्रशासन हमलावर एबीवीपी के साथ खड़ा दिखा।
किसान महासभा से कृपा वर्मा ने कहा कि सरकार एक तरफ ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है, दूसरी तरफ पढ़ाई करने बीएचयू आई बेटियाँ अपने ही कैम्पस में सुरक्षित नहीं हैं। भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। बीएचयू मामले पर किसान महासभा ने कहा कि संगठन बीएचयू के छात्र-छात्राओं को सलाम करती है कि इतने दमन के बाद भी उन्होंने अपना आंदोलन जारी रखा।
नाराज़गी जता रहे छात्रों ने कहा कि एनसीआरबी के आँकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में यूपी पहले स्थान पर है। एनसीआरबी 2023 के आँकड़ों के अनुसार, बनारस में हर छठवें दिन बलात्कार की घटना हो रही है। इन आँकड़ों के अनुसार ही बनारस में 18 वर्ष से कम उम्र के 46 बच्चे-बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हर्इं, वहीं महिलाओं के साथ रेप के 61 मामले सामने आए हैं।
छात्रों के अनुसार, बीएचयू परिसर में इस घटना के बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड द्वारा पुलिस की तैनाती और छात्राओं पर कर्फ्यू टाइमिंग थोपकर उन्हें हॉस्टल में कैद करने की कवायद शुरू हो गई है। जबकि एनसीआरबी के आंकड़ें इस बात की गवाही दे रहे हैं कि जो इलाके पूरी तरह से पुलिस के नियंत्रण में हैं, वहाँ भी छेड़खानी, बलात्कार जैसे अपराध बढ़ ही रहे हैं।
एक लम्बे समय से बीएचयू में विशाखा गाइडलाइंस को लागू कर Gender Sensitization Committee against Sexual Harassment (GSCASH) के गठन की माँग चल रही है, जिसे प्रशासन द्वारा नजरंदाज किया जाता रहा है। कैम्पस में इसे लागू करने की माँग की गई।
छात्रों की माँग
स्टूडेंट फ्रंड के शशिकांत ने माँग किया कि अब तक आरोपियों को कौन बचा रहा था, उसकी निष्पक्ष जाँच हो तथा उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। एबीवीपी का कैम्पस में प्रवेश प्रतिबंधित हो। बीएचयू के छात्र-छात्राओं पर एबीवीपी द्वारा किए गए झूठे मुकदमें वापस लिए जाए। विश्वविद्यालय में तत्कालीन प्रभाव से ‘जीएसकैश’ की बॉडी लागू की जाए और लड़कियों के लिए लागू कर्फ्यू टाइमिंग को हटाया जाए। अंत में जनगायक युद्धेश ने जनगीत की प्रस्तुति की।
समाजवादी छात्र सभा ने भी की कार्रवाई की माँग
बीएचयू में आरोपी भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ समाजवादी छात्र सभा ने भी अपनी नाराज़गी व्यक्त की है। इस मामले में महानगर अध्यक्ष आयुष यादव ने भाजपा सरकार से सीधा सवाल किया कि बीएचयू में आइआइटी छात्रा के साथ गैंगरेप मामले में गिरफ्तार भाजपा आइटी सेल के दो पदाधिकारी और एक सदस्य के खिलाफ क्या बुलडोज़र नीति अपनाई जाएगी? उन्होंने कहा कि अपराधी अगर दूसरे वर्ग का होता है तो बीजेपी के लोग तत्काल एक्शन लेते हैं। बीएचयू में शर्मसार कर देने वाले गैंगरेप मामले में बीजेपी इन दुष्कर्मियों पर क्यों कार्रवाई नहीं कर रही है? आयुष ने कहा कि अपराधियों की पहचान सामने आने के बावजूद प्रकरण के दो महीने तक जिला प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, क्योंकि उन लोगों पर भाजपा के लोग ही दबाव बना रहे थे। चूंकि अब प्रकरण का पर्दाफाश हो गया है तो सरकार और जिला प्रशासन को बेहिचक कार्रवाई करनी चाहिए।
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