चीफ प्रॉक्टर ने मामले की जाँच के लिए गठित की दो सदस्यीय कमेटी
वाराणसी। बीएचयू कैम्पस में इस माह दूसरी बार छात्रा से उत्पीड़न का मामला सामने आया है। पहली नवम्बर को बीएचयू के इतिहास में पहली बार गन प्वाइंट पर छात्रा से हुए गैंगरेप मामले के बाद स्थानीय प्रशासन एक बार फिर सवालों के कटघरे में खड़ा हो गया। आईआईटी कैम्पस में छात्रा से गैंगरेप की घटना का खुलासा जहाँ अभी तक नहीं हो सका वहीं, मंगलवार को अब बीकॉम की एक छात्रा से छेड़खानी हो गई। छेड़खानी का आरोप चीफ प्रॉक्टर कार्यालय के बस चालक पर लगा है। घटना से नाराज छात्रा और कुछ अन्य छात्र चीफ प्रॉक्टर कार्यालय पहुँच गए और नाराजगी जताई। चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिवप्रकाश सिंह ने मामले की जाँच होने तक आरोपी सुरक्षाकर्मी को नौकरी से हटा दिया है। साथ ही मामले की जाँच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। वहीं, इस मामले को लेकर एक बार फिर छात्र-छात्राओं में नाराजगी देखी जा रही है। जबकि कुछ दिन पहले ही बीएचयू की सुरक्षा व्यवस्था सेना के रिटायर्ड जवानों को दे दी गई थी।
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उल्लेखनीय है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए चीफ प्रॉक्टर कार्यालय से बस चलवाई जाती है। संकाय के विद्यार्थी बस से परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर और मुख्य द्वार तक जाते हैं। सभी बसों के चालक बीएचयू के सुरक्षाकर्मी हैं। बताया जा रहा है कि घटना मंगलवार के दोपहर बाद की है। बीकॉम की छात्रा वाणिज्य संकाय से निकली और बस में सवार होकर मुख्य द्वार जा रही थी। इसी बीच बस चालक यानी सुरक्षाकर्मी ने छात्रा से छेड़खानी कर दी। इससे छात्रा परेशान हो गई और बस से उतरकर तेजी से भागी। छात्रा ने घटना की जानकारी अपने सहपाठियों को दी। इसके बाद शाम करीब साढ़े पाँच बजे छात्र-छात्राओं के एक गुट ने चीफ प्रॉक्टर ऑफिस पहुँचकर नाराजगी व्यक्त की और चीफ प्रॉक्टर को मामले से अवगत कराया।
मामले पर बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिवप्रकाश सिंह ने कहा कि घटना बीएचयू कैम्पस में नहीं हुई है। यह मामला कैम्पस के बाहर शनिवार का है। अलग-अलग लोगों से बातचीत में जो जानकारी मिली है, वह बाहर की बताई जा रही। चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि बस चलाने वाले सुरक्षाकर्मी ने बीकॉम की छात्रा के साथ कुछ गलत हरकत की थी। इस बाद छात्रा सुरक्षा के लिहाज से भागकर परिसर में आ गई। वह छात्रा भी एक पेइंग गेस्ट हाउस में रहती है। उन्होंने बताया कि प्रो. ललिता वत्ता और प्रो. गायत्री राय मामले की जाँच करेंगी। दोनों सदस्य मामले की शिकायत करने वाली छात्रा और आरोपी सुरक्षाकर्मी से पूछताछ कर अपनी रिपोर्ट देंगी। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ध्यातव्य हो कि बीएचयू आईआईटी कैम्पस में पहली नवम्बर की देर रात हुई गैंगरेप की घटना में पुलिस प्रशासन ने अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की है। उल्टा धरना-प्रदर्शन करने वालों छात्रों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया। लीपापोती की राजनीति के बीच मामले के 21 दिन बाद भी पीड़िता को न्याय नहीं मिल पाया है।