हरदोई । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश की अवहेलना करने में खुद उन्हीं के पार्टी के विधायक किस प्रकार से शामिल हैं इसका एक ताजा नमूना हरदोई जिले में देखने और सुनने को मिल रहा है। हरदोई जिले के भरावन विकास खण्ड के पिपरी नारायणपुर गांव के लोग छुट्टा आवारा पशुओं के आतंक से परेशान थे। गांव के लोगों की शिकायत थी कि इस बाबत जिले के अधिकारी भी उनकी नहीं सुन रहे है। जब वे उनके पास जाते हैं तो उनके यहां सिर्फ आस्वासन ही मिलता है।
सोशलिस्ट पार्टी कि ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि समस्या का निराकरण न होते देख किसान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से मिलने पैदल ही लखनउ के लिए प्रस्थान कर दिए थे। जिले के अधिकारियों ने किसी तरफ उन्हें मनाकर वापस लौटाया और जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान निकालने का आश्वासन भी दिया। किसानों का आरोप है कि अधिकारियों ने बगल के गांव महुआ डांडा में गौ आश्रय स्थल के लिए 0.9 हेक्टेयर की भूमि चिन्हित की लेकिन उसके बाद से अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। इस बारे में सोशलिस्ट पार्टी के हरदोई के जिलाध्यक्ष नीलकमल कहते हैं गांव के किसानों के साथ मैं खुद एसडीएम तान्या सिंह से 11 जनवरी को मिलकर इस बारे में बात की। उन्होंने जल्द ही गांव में गौ आश्रय बनवाने की बात कही लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं दिख रही है। नीलकमल आगे कहते हैं ग्राम प्रधान आलोक जिन्हें सण्डीला विधायक अल्का अर्कवंशी का संरक्षण प्राप्त है यह गौ आश्रय स्थल नहीं बनने देना चाह रहे हैं।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के स्पष्ट आदेश हैं कि सारे खुले घूम रहे गोवंश को गौशालाओं अथवा गौ आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाए ताकि किसान को इस समस्या से निजात मिल सके। किंतु ग्राम प्रधान आलोक सिर्फ एक बीघा भूमि पर ही गौ आश्रय स्थल बनाना चाह रहे हैं। विधायक के दबाव में विकास खण्ड कार्यालय के कर्मचारी पूरी करीब एक हेक्टेयर की भूमि का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इस इलाके में करीब हजार गोवंश खुले घूम रहे हैं जिनके लिए एक बड़ी गौशाला या गौ आश्रय स्थल के निर्माण की आवश्यकता है। एक हेक्टेयर भूमि भी कम प़ड़ेगी किंतु ग्राम प्रधान सिर्फ एक बीघा देने को तैयार हैं।
सोशलिस्ट किसान सभा के प्रदेश महासचिव कमलेश पाण्डेय कहते हैं जल्द से जल्द किसानों की मांगे पूरी होनी चाहिए नही तो पूरे जिले में एक बड़ा आन्दोलन शुरू किया जाएगा। हम सभी किसान भाइयों को इसके लिए तैयार कर रहे हैं । घर घर जाकर हम आन्दोलन की रणनीति पर लोगों से बातचीत भी कर रहे हैं। हम भी देखते है कि विधायक के पास कितनी ताकत है । विधायक को हम अपनी ताकत से भी परिचित करा देंगे यदि हमारी मांगे नहीं मनी गईं ।