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किसान आंदोलन: बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने की केंद्र की कोशिश फेल

एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

नई दिल्ली, (भाषा)। मंगलवार सुबह से ही किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू कर दिया है। किसानों के मार्च को विफल बनाने के लिए केंद्र सरकार तमाम कोशिशें कर रही है। कई जगहों पर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और कई जगहों पर बैरिकेटिंग किए गए हैं।

बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने का प्रस्ताव खारिज

किसान आंदोलन के मद्देनजर केंद्र ने दिल्ली के बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने का प्रस्ताव दिया था जिसे दिल्ली सरकार ने खारिज कर दिया है। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी।

उन्होंने बताया कि दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखकर अनुमति देने से इनकार कर दिया और किसानों के मार्च के प्रति एकजुटता जताई।

गहलोत ने किसानों के प्रति समर्थन जताते हुए अपने पत्र में कहा “किसानों की मांगें जायज हैं। दूसरी बात, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। इसलिए किसानों को गिरफ्तार करना गलत है।”

गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ गलत कर रही है। उन्होंने पत्र में कहा “केंद्र सरकार को वास्तव में उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित करना चाहिए और उनकी वास्तविक समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए। देश के किसान हमारे ‘अन्नदाता’ हैं और उन्हें गिरफ्तार करके इस तरह का व्यवहार करना उनके घावों पर नमक छिड़कने जैसा होगा। हम केंद्र सरकार के इस फैसले में पक्षकार नहीं हो सकते।”

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने समेत अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू कर दिया है।

दिल्ली मेट्रो के आठ स्टेशन पर गेट बंद

किसानों के दिल्ली की ओर कूच करने के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो के आठ स्टेशन पर एक या उससे अधिक प्रवेश और निकासी गेट मंगलवार को सुबह बंद कर दिए गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजीव चौक, मंडी हाउस, केंद्रीय सचिवालय, पटेल चौक, उद्योग भवन, जनपथ और बाराखंभा रोड मेट्रो स्टेशन पर कुछ गेट बंद किए गए हैं। खान मार्केट मेट्रो स्टेशन पर भी एक गेट बंद कर दिया गया है। हालांकि, ये स्टेशन बंद नहीं हैं और यात्रियों को दूसरे गेट से आने-जाने की अनुमति दी गयी है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुलिस प्राधिकारियों के निर्देश पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए गेट बंद किए गए हैं।

इससे पहले चंडीगढ़ में सोमवार को दो केंद्रीय नेताओं के साथ किसानों की हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद किसानों ने अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच करना शुरु कर दिया।

कई किसानों ने अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ फतेहगढ़ साहिब से सुबह करीब 10 बजे मार्च शुरू किया और वे शंभू सीमा के जरिए दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। संगरूर में महल कलां से एक और समूह खनौरी सीमा के जरिए दिल्ली की ओर कूच कर रहा है।

हरियाणा में प्राधिकारियों ने कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटीली तारों से अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सिरसा में कई जगहों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं को घेर दिया है।

पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर कई जगहों पर पानी की बौछारें करने वाली गाड़ियों समेत दंगा रोधी वाहन भी तैनात किए गए हैं।

हरियाणा सरकार ने 15 जिलों में धारा 144 लागू कर दिया है जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने और ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक है।

दिल्ली की सीमाओं पर बहुस्तरीय अवरोधक, कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटेनर की दीवारें लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

सभी किसान, किसान संघों के झंडों वाली ट्रैक्टर-टॉली पर सूखा राशन, गद्दे और बर्तन समेत जरुरी सामान रख कर दिल्ली आ रहे हैं। ट्रैक्टर ट्रॉली के काफिले में एक खुदाई मशीन थी जिसे किसानों ने अवरोधक तोड़ने में इस्तेमाल करने के लिए अपने साथ ले लिया।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने उनकी मांगों को लेकर केंद्र के साथ गतिरोध के संदर्भ में कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर कोई नयी समिति नहीं चाहते हैं क्योंकि किसी भी समिति का मतलब इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालना होगा।

पंधेर ने मंगलवार को फतेहगढ़ साहिब जिले में पत्रकारों से कहा, ‘‘हम कोई अवरोधक नहीं तोड़ना चाहते। हम बातचीत के जरिए अपने मुद्दों का हल चाहते हैं। लेकिन अगर वे (केंद्र) कुछ नहीं करते हैं तो फिर हम क्या करेंगे? यह हमारी मजबूरी है।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें हरियाणा में किसानों से काफी समर्थन मिल रहा है।

हालांकि, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है और सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि बाकी बचे मुद्दों को एक समिति के गठन के माध्यम से सुलझाया जाए।

मुंडा ने बैठक के बाद कहा, “सरकार हमेशा चाहती है कि हम हर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझा सकें। हम अब भी आशान्वित हैं और बातचीत का स्वागत करते हैं।”

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार एमएसपी पर कानूनी गांरटी, कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के मुद्दों पर एक समिति गठित करना चाहती है।उन्होंने कहा, ‘‘हम एक मंच पर अपने किसानों को बताएंगे कि बैठक में क्या हुआ।’

‘दिल्ली चलो’ मार्च के आह्वान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली की ओर कूच करना हमारी मजबूरी है।’’

एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

पंजाब-हरियाणा की सीमाओं पर किलेबंदी

किसानों के मार्च को देखते हुए हरियाणा में अर्द्धसैन्य कर्मियों की 64 कंपनियां और हरियाणा पुलिस की 50 कंपनियों को विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है। ये कर्मी दंगा-रोधी वर्दी पहने हुए हैं और सीमाओं और संवेदनशील जिलों में तैनात हैं।

एक प्रवक्ता ने बताया कि बदमाशों और असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

पुलिस ने चंडीगढ़ से दिल्ली आ रहे यात्रियों को पंचकूला-बरवाला-साहा-बरारा-बाबैन-लाडवा-पिपली कुरुक्षेत्र से होकर गुजरने की सलाह दी है।

पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यात्री पंचकूला-बरवाला-यमुनानगर-लाडवा-इंदरी-करनाल मार्ग भी ले सकते हैं। दिल्ली से चंडीगढ़ जा रहे लोग भी इन मार्गों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सिंघु, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं को बंद करने के लिए कई चरणों में अवरोधक लगाये गए हैं और पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों की भारी तैनाती की गयी है।

 

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